Greater Noida West वासियों के लिए खुशखबरी, गौड़ चौक पर बनेगा अंडरपास

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userचेतना मंच
calendar01 Dec 2025 09:42 PM
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Greater Noida West : ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण (Greater Noida Authority) ने ग्रेटर नोएडा वेस्ट के निवासियो को बड़ी सौगात देने की तैयारी शुरू करी है। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने ग्रेटर नोएडा वेस्ट के सबसे बड़े चौराहे गौड़ चौक पर अंडरपास बनाने की तैयारी कर रहे है। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ नरेंद्र भूषण ने बृहस्पतिवार (Thursday) को ये प्रोजेक्ट को बनाने पर सहमति दे दी है। यह अंडरपास 60 मी. रोड के पैरलल बनेगा। >> यह जरूर पढ़े:- UP राज्य की किस सीट पर कौन जीता है, सभी सीटों के विजेताओं की लिस्ट
Greater Noida West में आबादी तेजी से बढ रही है, जिससे यहा के व्यस्त चौराहे पर ट्रैफिक का दबाव भी बढ़रहा है। ट्रैफिक की समस्या न हो, इसके लिए टेम्पररी विकल्प के तौर पर चौराहे के दोनों तरफ 130 मी. रोड पर 2 यू- टर्न बने है। गौड़ सिटी की तरफ से सूरजपुर और नोएडा की और जाने वाले वाहन 130 मी. रोड पर बने यू- टर्न से होकर गुजरते है। इसी तरह 130 मी. रोड या सूरजपुर की तरफ से गौड सिटी और प्रताप विहार को जाने वाले बड़े वाहन नोएडा की तरफ बने यू-टर्न से होकर गुजरते हैं। >> यह जरूर पढ़े:- बुंदेलखंड की इन सीटों पर NOTA से भी कम वोट मिल पाए कांग्रेस को इस प्रॉब्लम का पर्मनेंट समाधान निकालने के लिए ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ (CEO of Greater Noida Authority) नरेंद्र भूषण के निर्देश पर सरकारी सलाहकार एजेंसी राइट्स (Consultancy Agency Rights) से इस चौराह का सर्वे करवाया गया है। इस एजेंसी ने अपनी रिपोर्ट ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण को सौंप दी। रिपोर्ट के मुताबिक इस चौराहे से रोजाना 13,000 से अधिक वाहन गुजरते है। इस एजेंसी ने यहा अंडरपास बनाने का सुझाव दिया। यह अंडरपास चौराहे पर 130 मी. रोड को क्रॉस करते हुए 60 मी. रोड के पैरलल बनना है। यानी की, प्रताप विहार से सूरजपुर, Greater Noida के बीच वाहन इस अंडरपास से होकर गुजरेंगा। यू-टर्न तक जाने की जरूरत नही पड़ेगी। इससे वाहन चालको के समय और ईधन दोनो की ही बचत होगी। प्राधिकरण के सी. ई.ओ नरेंद्र भूषण ने लोगो की जरूरत को देखते हुए इस चौराहे पर अंडरपास बनाने को मंजूरी दी है। >> यह जरूर पढ़े:- Satyapal Malik: ‘किसानों से पंगा न लें, वे खतरनाक लोग हैं’ सत्यपाल मलिक की केंद्र को चेतावनी ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के महाप्रबंधक (General Manager of Greater Noida Authority) परियोजना ए. के. अरोडा ने बताया हैं, कि इस अंडरपास की लंबाई करीब 700 मी की होगी। अंडरपास की डिजाइन और डी. पी. आर तैयार होगी। इसके एस्टीमेट का आई. आई. टी. से परीक्षण कराया जाएगा। उसके बाद टेंडर की प्रक्रिया शुरू होगी। 3 माह में टेंडर निकाल देने का टारगेट है। इसका निर्माण शुरू होने के बाद पूरा होने में करीब 2 साल का समय लगने का अनुमान है। प्राधिकरण के सीईओ भूषण ने लोगो की जरूरत को देखते हुए सभी कागजी औपचारिकता को पूरा कर निर्माण शीघ्र शुरू कराने, तय समय पर पूरा करने के निर्देश संबंधित विभाग को दिए है। >> यह जरूर पढ़े:- PM मोदी और BJP अध्यक्ष से मिलेंगे योगी आदित्यनाथ, होली के बाद हो सकता है शपथग्रहण
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UP Election Results 2022 लहर किसी भी दल की रही हो, यूपी के ये नेता करते हैं जीत दर्ज

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UP Election Results
locationभारत
userचेतना मंच
calendar13 Mar 2022 06:41 PM
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UP Election Results 2022: उत्तर प्रदेश (UP Election Results) को हमेशा से देश की राजनीति का केंद्र बिंदू माना जाता रहा है। उत्तर प्रदेश के कई ऐसे नेता (UP Election Results) हैं जो किसी भी दल की लहर के बावजूद चुनाव जीतते आ रहे हैं। यूपी में सरकार भले ही किसी भी दल की सरकार बने, लेकिन इन नेताओं का दबदबा कायम रहता है।

UP Election Results 2022

समाजवादी पार्टी के दिग्गज नेता और पूर्व मंत्री आजम खान रामपुर विधानसभा सीट से रिकॉर्ड 10वीं बार विधायक निर्वाचित हुए हैं। वह रामपुर विधानसभा सीट से 1980 से 1995 तक और फिर 2002 से 2019 तक विधायक रहे, जिसके बाद रामपुर से ही लोकसभा चुनाव जीतने के बाद उन्होनें विधानसभा सीट छोड़ दी और अब एक फिर 2022 विधानसभा चुनाव में आज़म खान ने रिकॉर्ड मतों से जीत दर्ज की है। वहीं दूसरी तरफ भाजपा नेता और वर्तमान मंत्री सुरेश कुमार खन्ना शाहजहांपुर विधानसभा सीट से नौवीं बार विधायक निर्वाचित हुए हैं।

प्रतापगढ़ की कुंडा विधानसभा सीट से रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया लगातर 7वीं बार विधायक निर्वाचित हुए हैं, वह 1993 से लेकर लगातार अभीतक विधायक निर्वाचित हैं। 2022 के विधानसभा चुनाव में राजा भैया ने पार्टी जनसत्ता दल लोकतांत्रिक के झंडे तले जीत दर्ज की है और इससे पूर्व वह 6 बार निर्दलीय विधायक निर्वाचित होते आए हैं। राजा भैया के अतिरिक्त पूर्व मंत्री फतेह बहादुर सिंह और इकबाल ने भी विधानसभा चुनावों में लगातार 7वीं जीत हासिल की है।

इन नेताओं की जीत से एक बात सामने आती है कि प्रदेश में सरकार किसी भी दल की बनें या किसी भी दल की लहर हो, जनता सभी कुछ दरकिनार करते हुए अपने इन नेताओं को जीत हासिल कराती आ रही है। भाजपा की इस लहर के बावजूद पूर्व मंत्री शिवपाल सिंह यादव, रामअचल राजभर, लालाजी वर्मा और मेहबूब अली ने सभी प्रतिद्वंदियों को करारी पटखनी देते हुए लगातार छठवीं बार विधानसभा चुनाव में जीत हासिल की है। प्रतापगढ़ जिले के अंतर्गत आने वाली रामपुर विधानसभा सीट को प्रदेश में सपा और भाजपा को लहर के बावजूद कांग्रेस का गढ़ माना जाता है। कांग्रेस ने 2022 उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में मात्र 2 सीटें हासिल हैं और इसमें से एक सीट है रामपुर खास। रामपुर खास विधानसभा सीट पर 1980 से लेकर लगातार कांग्रेस पार्टी का कब्ज़ा है। 1980 से 2014 तक इस सीट पर दिग्गज कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी विधायक निर्वाचित होते रहे तथा 2013 में प्रमोद तिवारी को राज्यसभा सांसद बनाए जाने के बाद से उनकी बेटी आराधना मिश्रा 'मोना' इस सीट से लगातार विधायक निर्वाचित हैं। 2022 विधानसभा चुनाव में भी आराधना मिश्रा ने कांग्रेस के टिकट पर रामपुर खास से जीत हासिल की है।

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UP Elections 2022 मोदी-योगी के सामने क्यों नहीं टिक पाए अखिलेश-जयंत

Akhilesh jayant
UP Elections
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calendar01 Dec 2025 03:44 PM
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UP Elections 2022 :  उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव (UP Elections 2022) के सम्पन्न होने के बाद अब मोदी और ब्रांड योगी की चर्चा (UP Elections 2022) हो रही है। एक तरफ जहां मोदी-योगी (Modi-yogi)  की जोड़ी यूपी चुनाव में हिट होती दिखाई दी वहीं दूसरी ओर अखिलेश यादव-जयंत चौधरी (Akhilesh-jayant) की जोड़ी जनता की उम्मीदों पर खरा नहीं उतर पायी। उत्तर प्रदेश के चुनाव परिणाम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के करिश्मे और भाजपा के नए पोस्टर बॉय- योगी आदित्यनाथ की जनता के बीच स्वीकार्यता बताते हैं। यूपी में भाजपा की जीत ने दिखाया है कि लोग जाति के खांचे से आगे बढ़ने के लिए तैयार हैं, हिंदुत्व की पहचान वाली पार्टी के पीछे एकजुट होकर निर्णायक जनादेश देना चाहते हैं।

UP Elections 2022 

इस साल की शुरुआत में किसान विरोध के मुद्दा उजागर हुआ, जिससे अंदाजा लगाया जा रहा था कि यह मुद्दा चुनाव पर प्रभाव डालेगा। समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव और राष्ट्रीय लोक दल के प्रमुख जयंत चौधरी को योगी आदित्यनाथ के विकल्प के रूप में पेश किया गया था। लगभग हर राजनीतिक विशेषज्ञ ने कहा था कि यह चुनाव भाजपा के लिए कितना कठिन होने वाला है, खासकर पश्चिमी यूपी में लगभग 150 सीटों वाले पहले दो या तीन चरणों में। जाट समुदाय को खुश करने के लिए अमित शाह सहित भाजपा नेताओं के अपने रास्ते से हट जाने को राज्य में भाजपा के घटते सामाजिक आधार की मौन स्वीकृति के रूप में देखा गया।

नरेंद्र मोदी और योगी आदित्यनाथ की गठजोड़ से बीजेपी स्पष्ट विजेता बनकर उभरी है। वे दिन गए जब एक राजनीतिक दल लगभग 30 प्रतिशत वोट शेयर प्राप्त कर सकता था और यूपी में चुनाव जीत सकता था। 2014 के बाद से यूपी में नरेंद्र मोदी के आगमन के बाद से, बार को 40 प्रतिशत से अधिक वोट शेयर पर सेट किया गया है। भाजपा ने उत्तर प्रदेश में 2014 के बाद से सभी चुनावों में लगातार 40 प्रतिशत से अधिक वोट शेयर हासिल किया है। मोदी और योगी की जोड़ी अखिलेश के हर जवाब पर भारी पड़ी। हालांकि अखिलेश को पिछली बार की तुलना में ज्यादा वोट मिला लेकिन वह उस आंकड़े तक पहुंचने में सफल साबित नहीं हुए जहां से उनकी सरकार बनने का रास्ता खुल जाता।

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यूपी में 2007 में बसपा ने जिन 403 सीटों पर चुनाव लड़ा था, उसमें उन्होंने 30.43 फीसदी वोट शेयर हासिल कर 206 सीटें जीती थीं। 2012 में सपा ने जिन 401 सीटों पर चुनाव लड़ा था, उसमें उन्होंने 29.13 प्रतिशत वोट शेयर हासिल कर 224 सीटें जीती थीं। 2014 के बाद से यह प्रवृत्ति बदल गई है, जहां भाजपा को विधानसभा और लोकसभा दोनों चुनावों में लगातार 40 प्रतिशत से अधिक वोट मिले हैं। भाजपा ने 2017 में 384 में से 312 सीटें जीती थीं और करीब 42 फीसदी वोट शेयर के साथ लड़ी गई 375 में से 250 सीटों पर जीत की संभावना दिख रही है।

चुनाव परिणाम यह बताता है कि भले ही अखिलेश यादव की सपा ने अपने 2017 के प्रदर्शन में सुधार करके लगभग 32 प्रतिशत वोट शेयर हासिल किया हो, फिर भी वह सरकार बनाने में असफल रहे। सपा के वोट शेयर में वृद्धि काफी हद तक पार्टी के पीछे मुस्लिम वोटों की वजह से हुआ है। फिर भी, एक बात साफतौर पर दिखायी दी कि सपा चीफ अखिलेश यादव का आधार मुसलमानों और विशेष रूप से यादवों तक सीमित रहा है। भाजपा के मोदी-योगी संयोजन ने सुनिश्चित किया कि वे अपने मूल वोट को एकजुट करने में सक्षम थे। यही कारण है कि यह जीत बहुत बड़ी है।