अयोध्या में शानदार रिजॉर्ट बनाएगी अमेरिका की कंपनी

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Ayodhya News
locationभारत
userचेतना मंच
calendar30 Nov 2025 08:45 PM
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Ayodhya News : अयोध्या में राम मंदिर बनने के बाद रामलला के दर्शन के लिए रोजाना लाखों की संख्या में भक्त पहुंच रहे हैं। भक्तों की संख्या के हिसाब से अभी राम नगरी में होटल कम हैं। जिससे रामलला के दर्शन करने जा रही श्रद्धालुओं को अयोध्या में ठहरने की सही जगह नहीं मिल पा रही है। भक्तों की समस्या को लेकर जल्द ही अयोध्या में बड़ी संख्या में होटल बनने जा रहे हैं।

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आने वाले समय में रामनगरी अयोध्या पहुंचे पर्यटकों और श्रद्धालुओं के लिए ठिकाना ढूंढना बेहद आसान होने वाला है। शीघ्र ही अयोध्या जिले के अलग-अलग क्षेत्रों में 54 नए होटल का निर्माण शुरू होगा। आपको बता दें कि 2020 करोड़ से बनने वाले इन होटलों में पर्यटकों को रहने की सुविधाएं तो मिलेंगी ही, साथ ही इन होटल से हजारों लोगों को रोजगार भी मिलेगा।

जिले में संचालित है 25 से 30 होटल

आपको बता दें कि 22 जनवरी को राम नगरी अयोध्या में रामलला की भव्य प्राण प्रतिष्ठा की आयोजन किया गया था। श्रीराम जन्मभूमि मंदिर का निर्माण प्रारंभ होने से पूर्व अयोध्या होटल उद्योग के क्षेत्र में भी काफी पीछे था। अब तक 25-30 होटल ही जिले भर में संचालित थे। इनमें भी ज्यादातर होटलों में आधुनिक सुविधाओं का अभाव था। इससे विदेशी पर्यटक यहां पहुंचने से कतराते थे। हाल ही में संपन्न हुए प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में अच्छे और सुविधायुक्त होटलों की कमी अतिथियों को खूब खली। जगह-जगह बने वीआईपी टेंट सिटी में भी लोगों ने शरण ली।

102 उद्योगपतियों ने होटल के लिए किया करार

हालांकि मंदिर निर्माण शुरू होने पर जिले की देश और विदेश में महत्ता बढ़ी है, तो यहां विभिन्न उद्योग-धंधों के साथ होटल बनाने के लिए भी लोग इच्छुक हुए। सरकार ने संसाधन और सहूलियत मुहैया कराने का दावा करके इन्वेस्टर समिट कराया। देश के विभिन्न इलाकों से 102 उद्योगपतियों ने होटल बनाने के लिए करार किया। 17,957 करोड़ के इन प्रोजेक्ट से लगभग 30,000 लोगों को रोजगार देने का दावा किया गया। समस्त प्रक्रियाएं पूर्ण होने के बाद अब 54 होटलों की ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी हो गई है। अधिकतर की भूमि खरीद की प्रक्रिया पूर्ण हो चुकी है। कुछ होटल के निर्माण कार्य भी शुरू हो गए हैं। इन होटल की साल भर में बनकर तैयार होने की उम्मीद है। इनमें अलग-अलग क्षमता के तीन सितारा, पांच सितारा होटल भी शामिल हैं।

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अमेरिकी कंपनी बनाएगी 100 कमरे वाला रिजॉर्ट

रामनगरी अयोध्या में श्रीरामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद श्रद्धालुओं और पर्यटकों की संख्या में दिन प्रति दिन वृद्धि हो रही है। पर्यटकों को सुविधा देने के लिए हॉस्पिटैलिटी (आतिथ्य) क्षेत्र में निवेश भी बढ़ रहा है। इसी क्रम में अमेरिकी फर्म मेसर्स अंजलि इनवेस्टमेंट एलएलसी अयोध्या में 100 कमरे वाले रिजॉर्ट का निर्माण कराएगी। पर्यटन निदेशक प्रखर मिश्रा ने शनिवार को कंपनी के मालिक रमेश नांगूरनूरी के साथ पर्यटन भवन में इसके लिए एमओयू किया। कंपनी के मालिक रमेश नांगूरनूरी मूल रूप से हैदराबाद के रहने वाले हैं। वर्तमान में अमेरिका में रियल एस्टेट का कारोबार कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि राम मंदिर उद्घाटन के बाद अयोध्या में पर्यटन की अपार संभावनाओं को देखते हुए यहां रिजॉर्ट में निवेश का फैसला किया है। पर्यटन और संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने कहा कि इसके लिए जमीन भी चिह्नित कर ली गई है। जल्द ही इस पर काम शुरू होगा।

बस्ती जिले की सीमा में बनेंगे कई होटल

अयोध्या जिले की सीमा में सरयू तट तक भी जमीन न मिल पाने से कई बड़े होटल ग्रुप ने बस्ती जिले की सीमा में होटल बनाने की तैयारी की है। आपको बता दे कि इनमें 176 करोड़ से लोलपुर में ताज ग्रुप के होटल बनाने की चर्चा है। इसके अलावा अवधेश पैलेस, रामूजी पैलेस, होटल आरएन लॉन समेत 12 होटल शामिल हैं।

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बढ़ेंगी पर्यटन की संभावनाएं

अयोध्या के उपायुक्त उद्योग अमरेश पांडेय ने कहा कि होटल बनाने के लिए 102 लोगों ने करार किया था। इसमें से 54 की जीबीसी हो गई है। इन होटल के बनने से पर्यटकों को सुविधा मिलेगी, साथ ही पर्यटन के क्षेत्र में और संभावनाएं बढ़ेंगी। उनहोने कहा कि शीघ्र ही इन होटल के पूर्ण होने की उम्मीद है।

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श्रीराम लला के प्रति CM योगी आदित्यनाथ का अगाध प्रेम, 6वीं बार पहुंचे अयोध्या

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UP News
locationभारत
userचेतना मंच
calendar25 Nov 2025 08:59 AM
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UP News : अयोध्या। अयोध्या धाम तथा यहां विराजमान श्रीराम लला के प्रति उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का अगाध प्रेम है। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि जनवरी माह में वें सोमवार को 6वीं बार अयोध्या पहुंचे तथा श्रीरामलला के दरबार में हाजिरी लगाई।

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सोमवार को रामनगरी पहुंचने पर स्थानीय जनप्रतिनिधियों व प्रशासनिक अधिकारियों ने सीएम योगी आदित्यनाथ का स्वागत किया। जनवरी माह में सीएम योगी का रामनगरी का यह छठां दौरा है। इससे पहले मुख्यमंत्री 9 जनवरी, 14 जनवरी, 19 जनवरी, 21-22 जनवरी और 23 जनवरी को अयोध्या पहुंचे थे। सोमवार (29 जनवरी) को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के पदाधिकारियों से मंदिर परिसर में व्यवस्थाओं के संदर्भ में ना केवल जानकारी ली, बल्कि खुद जमीनी स्तर पर व्यवस्थाओं को परखा और आवश्यक दिशा निर्देश भी दिए। सीएम योगी ने इस दौरान दर्शनार्थियों से भी बातचीत करके फीडबैक लिया।

हनुमानगढ़ी में दर्शन-पूजन के उपरांत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रामलला के दर्शन पूजन किए। वहीं मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं से व्यवस्था की जानकारी ली। सीएम योगी ने रामलला के मंदिर में भी प्रभु श्रीराम से प्रदेशवासियों के सुख और समृद्धि की कामना की।

हो गया फैसला यूपी को एक बार फिर मिलेगा काम चलाऊ DGP

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हो गया फैसला यूपी को एक बार फिर मिलेगा काम चलाऊ DGP

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UP News
locationभारत
userचेतना मंच
calendar02 Dec 2025 03:17 AM
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UP News : उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से बड़ी खबर आ रही है। खबर यह है कि वर्ष 2018 से शुरू हुआ यूपी में कार्यवाहक पुलिस महानिदेशक (DGP) का सिलसिला एक बार फिर जारी रहेगा। लखनऊ में उत्तर प्रदेश सरकार ने फैसला कर लिया है कि एक बार फिर से उत्तर प्रदेश में काम चलाऊ कार्यवाहक (DGP) से ही काम चलाया जाएगा। उत्तर प्रदेश के वर्तमान डीजीपी विजय कुमार दो दिन बाद 31 जनवरी 2024 को रिटायर हो जाएंगे।

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आनंद कुमार है रेस में आगे

उत्तर प्रदेश में कार्यवाहक डीजीपी का इतिहास बताने से पहले यह बता दें कि उत्तर प्रदेश में वर्तमान DGP विजय कुमार 31 जनवरी 2024 को सेवानिवृत हो रहे हैं। उनके रिटायर्ड होते ही 1 फरवरी 2024 से यूपी को नया कार्यवाहक डीजीपी मिल जाएगा।

उत्तर प्रदेश में नए DGP की दौड़ में 1988 बैच के आईपीएस अफसर आनंद कुमार और 1990 बैच के आईपीएस अफसर प्रशांत कुमार के अलावा कई चेहरे शामिल हैं। आर.के. विश्वकर्मा के सेवानिवृत्त होने के बाद विजय कुमार को 31 मई 2023 को कार्यवाहक डीजीपी के रूप में तैनात किया गया था। उनका सेवाकाल 31 जनवरी 2024 को समाप्त होगा। उनके बाद वरिष्ठता सूची में मुकुल गोयल, आनंद कुमार, सफी अहमद रिजवी, आशीष गुप्ता, आदित्य मिश्रा, पीवी रामशास्त्री, संदीप सांलुके, दलजीत चौधरी, रेणुका मिश्रा, बीके मौर्या, एसएन साबत, अविनाश चंद्र, डा. संजय, मनमोहन कुमार, तनुजा श्रीवास्तव, एसके माथुर, सुभाष चंद्रा और प्रशांत कुमार हैं। 1987 बैच के मुकुल गोयल 29 फरवरी, 1988 बैच के आनंद कुमार 30 अप्रैल, 1990 की। बैच के एसके माथुर 31 जनवरी, राष्ट्र सुभाष चंद्रा 30 अप्रैल तथा तनुजा श्रीवास्तव 31 जुलाई को सेवानिवृत्त हो रहे हैं। उत्तर प्रदेश कैडर के सफी अहसान रिजवी, आदित्य मिश्रा, पीयू रामशास्त्री लेकि व दलजीत चौधरी केंद्र सरकार में प्रतिनियुक्ति पर हैं।

2018 से काम चलाऊ डीजीपी के बलबूते पर है प्रदेश

आपको बता दें कि वर्ष 2018 से ही उत्तर प्रदेश में काम चलाऊ कार्यवाहक डीजीपी से काम चलाया जा रहा है। पिछले 6 साल की सिलसिलेवार बात करें तो 16 अप्रैल 2017 को प्रदेश में जावीद अहमद को हटाकर सुलखान सिंह को डीजीपी बनाया गया। सुलखान सिंह इसी साल सितंबर में रिटायर हो रहे थे, लेकिन रिटायरमेंट से पहले उन्हें 3 महीने का एक्सटेंशन दिया गया और उनका कार्यकाल 31 दिसंबर तक हो गया। दिसंबर में ही यूपी सरकार ने केंद्र को पैनल भेजा, जिसमें सीआईएसएफ के डीजी रहे ओपी सिंह का नाम सामने आया। ओपी सिंह को ज्वाइन करने में करीब 20 दिन का समय लग गया, तब तक एडीजी लॉ एंड ऑर्डर आनंद कुमार ने कार्यवाहक डीजीपी के तौर पर जिम्मेदारी संभाली।

22 जनवरी 2018 को ओपी सिंह ने कार्यभार संभाला। ओपी सिंह यूपी में दो साल तक डीजीपी रहे, वह 31 जनवरी 2020 को रिटायर हुए। इसके बाद फिर से प्रदेश में डीजीपी की खोज शुरू हुई तब तक हितेश चंद्र अवस्थी को कार्यवाहक डीजीपी बना दिया गया। आखिरकार 4 मार्च को हितेश चंद्र अवस्थी ही फुल टाइम डीजीपी बने। वह भी करीब एक साल से ज्यादा इस पद पर रहे और 30 जून 2021 को रिटायर हो गए।

3 कामचलाऊ डीजीपी

फिर मुकुल गोयल डीजीपी बने, लेकिन साल भर बाद 11 मई 2022 को मुकुल गोयल को हटा दिया गया और 13 मई को देवेंद्र सिंह चौहान को कार्यवाहक डीजीपी बना दिया गया। धीरे-धीरे 2023 आ गया और मार्च में डीएस चौहान भी कार्यवाहक डीजीपी ही रहते हुए रिटायर हो गए। उनके रिटायरमेंट के बाद भी डीजीपी के लिए कोई उचित चेहरा नहीं मिला और आरके विश्वकर्मा को कार्यवाहक डीजीपी बनाया गया। दो महीने बाद ही 31 मई 2023 को आरके विश्वकर्मा रिटायर हो गए। इसके बाद एक जून 2023 को डीजी विजिलेंस विजय कुमार को कार्यवाहक डीजीपी बना दिया गया। वह दोनों पद की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं।

UP News

वरिष्ठ पत्रकार नवल कांत सिन्हा कहते हैं कि उत्तर प्रदेश ही नहीं किसी भी राज्य के लिए फुल टाइम डीजीपी नहीं होना अच्छा नहीं है। एक तो इससे पुलिस के मनोबल पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। पुलिस की पावर कमजोर पड़ती है। सुप्रीम पावर के नहीं होने से या कार्यवाहक रूप से व्यवस्था चलाए जाने से इसका निचले स्तर तक असर पड़ता है। ये बात सही है कि प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कानून व्यवस्था और अपराध नियंत्रण को लेकर काफी सजग दिखते हैं, लेकिन संवैधानिक पद पर नियुक्ति भी उतनी ही जरूरी है। UP News

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