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Banarasi Saree : बनारसी साड़ी आज भी है महिलाओं की पहली पसंद

Banarasi Saree: Banarasi saree is still the first choice of women

Banarasi Saree: Banarasi saree is still the first choice of women

Banarasi Saree : भारत का हर एक शहर अपने आप मे कोई ना कोई इतिहास समेटे हुए है।ऐसा ही उत्तरप्रदेश का एक शहर है बनारस जिसे भगवान शिव की नगरी भी कहते हैं इस शहर की पारंपरिक सभ्यता,जीवन शैली खान पान और रहन सहन दुनिया भर मे मशहूर है ।उनमे से एक है यहाँ की बनारसी साड़ी जो की विश्वप्रसिद्ध है । बनारसी साड़ी आज भी शादी-विवाह की शान है ।ये दुल्हन के श्रंगार का एक हिस्सा है पहले की शादियों मे दुल्हन बनारसी साड़ी ही पहनती थी।यह कला भारत मे मुगल बादशाह के आगमन के साथ आई।

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Banarasi Saree :

 

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साड़ी का इतिहास : इस साड़ी का इतिहास 2000 साल पुराना है । यह उत्तरप्रदेश के चंदौली,बनारस,आजमगढ़,जौनपुर जिले मे बनायी जाती है । रेशम की साड़ी पर जरी के धागो से पारंपरिक डिजाईन तैयार की जाती है । इन्ही सुन्दर रेशमी साड़ी को बनारसी साड़ी कहते है । इन साड़ियों को बनाने के लिये कच्चा माल बनारस से आता था ।इसलिए इसका नाम बनारसी पड़ा । बढ़ती कीमतो के चलते नकली चमकदार जरी का प्रयोग होने लगा। इसमे अनेक प्रकार के बूटे,बेल,कोनिया,जाल,जंगला आदि का प्रयोग होता था । इसमे दो प्रकार की साड़ी होती है  एक कडुआ और दूसरी फेकुआ। बदलते समय के अनुसार डिजाईन भी परिवर्तन हुआ।

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बनारसी साड़ी को बनाने वाले ज्यादातर कारीगर मुसलमान अंसारी होते है ।महिलाओ की खूबसूरती मे चार चांद लगाने वाली बनारसी साड़ी हर महिला की अलमारी मे मिल जाएगी।क्योंकि हर त्योहार और खास मौके की शान है ये बनारसी साड़ी ।

बबिता आर्या

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