Health : संजीवनी बूटी से कम नहीं 'केसर'!

Health : संजीवनी बूटी से कम नहीं 'केसर'!
locationभारत
userचेतना मंच
calendar01 Dec 2025 04:25 AM
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 विनय संकोची भारत में केसर कश्मीर में पैदा होता है। शुद्ध केसर तेज लाल व नारंगी रंग की रेशम की तरह होते हैं। ये 'क्रॉकस सैटाइवस' नामक पौधे के फूलों की नाजुक पंखुड़ियां होती हैं। इस पौधे के फूल बैंगनी रंग के होते हैं। मादा फूलों के अंदर तेज लाल रंग की दो से ढाई सेंटीमीटर लंबी तीन पत्तियां होती हैं। पंखुड़ियों को सावधानी से निकाल कर सुखा लिया जाता है और केसर तैयार हो जाता है।आयुर्वेद के अनुसार अल्प मात्रा में नियमित रूप से ग्रहण करने पर केसर त्रि-दोषों से निजात दिलाता है। केसर बहुत ही उपयोगी गुणों से युक्त होता है। यह कफ नाशक, मन को प्रसन्न करने वाला, मस्तिष्क को बल देने वाला, ह्रदय और रक्त के लिए हितकारी होता है। देव पूजा में, आयुर्वेदिक नुस्खों में, खाद्य व्यंजनों आदि में तो केसर का उपयोग होता ही था, अब पान मसालों और गुटखों में भी इसका उपयोग होने लगा है। सौंदर्य प्रसाधन में भी केसर का इस्तेमाल हो रहा है। आयुर्वेद के अनुसार केसर मूत्राशय, तिल्ली, लीवर, मस्तिष्क व नेत्रों की तकलीफों में भी लाभकारी होता है। प्रदाह को दूर करने का गुण भी इसमें पाया जाता है। केसर खाने में कड़वा होता है, लेकिन खुशबू के कारण विभिन्न व्यंजनों एवं पकवानों में डाला जाता है। घुलनशील केसर में कैरोटीन, लाइकोपीन, जियाजैंथिन, क्रोसिन, पिके क्रोसिन आदि तत्व पाए जाते हैं। इसमें ईस्टर कीटोन एवं वाष्पशील सुगंधित तेल भी कुछ मात्रा में मिलते हैं। अन्य रासायनिक यौगिकों में तारपीन एल्डिहाइड एवं तारपीन अल्कोहल भी पाए जाते हैं। इन रासायनिक एवं कार्बनिक यौगिकों की उपस्थिति केसर को अनमोल औषधि बनाती है। केसर का स्वभाव गर्म होता है। अतः औषधि के रूप में 250 मिलीग्राम व खाद्य के रूप में 100 मिलीग्राम से अधिक मात्रा में इसके सेवन की मनाही है। केसर बहुत महंगा होता है। असली और नकली केसर की पहचान करने के लिए गर्म पानी अथवा गर्म दूध में थोड़ा सा केसर डालें। अगर वह तुरंत रंग छोड़ दे, तो समझें कि नकली है। असली केसर कम से कम 10 से 15 मिनट बाद गहरा लाल रंग छोड़ता है और महकने लगता है। • आर्थराइटिस के मरीजों के लिए केसर बहुत लाभकारी होता है। यह जोड़ों के दर्द से भी राहत दिलाता है और थकान को दूर करने में मांसपेशियों को राहत पहुंचाने का काम करता है। • केसर में क्रोसिन नाम का तत्व पाया जाता है, जो वैज्ञानिक रूप से बुखार को दूर करने में उपयोगी माना जाता है। इसके साथ ही यह एकाग्रता, स्मरण शक्ति और रिकॉल क्षमता को भी बढ़ाने का काम करता है। • चंदन को केसर के साथ घिसकर इसका लेप माथे पर लगाने से सिर, नेत्र और मस्तिष्क को शीतलता शांति और ऊर्जा मिलती है। नाक से रक्त गिरना बंद हो जाता है और सिर दर्द दूर होता है। • बच्चों को पतले दस्त लगने पर केसर की 1- 2 पंखुड़ी खरल में डालकर 2-3 बूंद पानी टपका कर घोटें। अलग पत्थर पर पानी के साथ जायफल, आम की गुठली, सौंठ और बच बराबर-बराबर मात्रा में घिसें और इस लेप को केसर में मिला लें। इसे एक चम्मच पानी में मिलाकर, शिशु को पिला दें। • त्वचा के झुलसने या चोट लगने पर केसर का लेप लगाना चाहिए, इससे तुरंत फायदा होता है और नई त्वचा का निर्माण जल्द होता है। केसर मसूड़ों की परेशानी से निजात दिलाता है। यह मसूड़ों में सूजन और जख्मों को दूर करता है। इसके साथ ही यह मुख और जीभ की तकलीफ को भी दूर करता है। • महिलाओं के लिए केसर बहुत फायदेमंद है। महिलाओं को कई शिकायतें जैसे मासिक चक्र में अनियमितता, गर्भाशय की सूजन, मासिक चक्र के समय दर्द होने जैसी समस्याओं में केसर का सेवन करने से बहुत आराम मिलता है। • अनिद्रा की शिकायत को दूर करने में भी केसर काफी उपयोगी होता है। इसके साथ ही अवसाद को भी दूर करने में मदद करता है। रात को सोने से पहले दूध में केसर डालकर पीने से अनिद्रा की शिकायत दूर हो जाती है। केसर को दूध के साथ पीने से शारीरिक शक्ति भी बढ़ती है। • गैस और एसिडिटी में राहत दिलाने का काम भी केसर करता है। यह हमारी पाचन क्रिया को दुरुस्त रखता है। केसर आंखों की परेशानी को दूर करने में भी मददगार है। एक शोध में यह बात सामने आई है कि जिस प्रतिभागी ने केसर का सेवन किया, उसकी नजरें बेहतर रहीं। केसर मोतिया को दूर करने में भी मदद करता है। • किडनी और लीवर के लिए भी केसर काफी फायदेमंद होता है। यह ब्लेडर और लीवर की समस्या को ठीक करने में मदद करता है और रक्त का शुद्धिकरण करता है। • ध्यान रहे, केसर का अधिक प्रयोग करने से सिर दर्द, उल्टी, भूख में कमी आदि की समस्या हो जाती है। दिल के रोगी, गर्भवती महिलाएं तथा अन्य गंभीर रोगों से पीड़ित लोग केसर का सेवन डॉक्टर की सलाह पर ही करें।
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Valentines Week 2022 कल से शुरु हो रहा है वैलेंटाइन वीक, जानें पूरे सप्ताह की जानकारी

Valentines Week 2022 कल से शुरु हो रहा है वैलेंटाइन वीक, जानें पूरे सप्ताह की जानकारी
locationभारत
userचेतना मंच
calendar30 Nov 2025 03:13 PM
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Valentines Week 2022 : कल सोमवार यानि 7 फरवरी। 7 फरवरी से 14 फरवरी तक का समय युवा दिलों के लिए बेहद ही खास होता है। प्रेम करने वाले युगलों को इसका बेसब्री से इंतजार रहता है। इस पूरे सप्ताह को प्यार का सप्ताह भी कहा जाता है। इसका अपना अलग ही महत्व होता है। इस सप्ताह के हर दिन लोग अपने पार्टनर से प्यार का इजहार करते हैं। आइए जानते हैं कि कौन से दिन का क्या महत्व है।

7 फरवरी- रोज डे (Rose Day 2022): वैलेंटाइन सप्ताह का सबसे पहला दिन होता है रोज डे। इस दिन लोग अपने प्यार का इजहार अपने पार्टनर को लाल गुलाब देकर करते हैं। लाल गुलाब इसलिए क्यों यह रंग प्यार का प्रतीक माना जाता है।

[caption id="attachment_16392" align="alignnone" width="515"]Valentines Week 2022 Valentines Week 2022[/caption]

8 फरवरी- प्रपोज डे (Propose Day 2022): वैलेंटाइन सप्ताह का दूसरा दिन होता है प्रपोज डे। इस दिन लोग जिसे पसंद करते हैं उसे प्रपोज करते हैं और बताते है कि वह उन्हें कितना चाहते या पसंद करते हैं। कुल मिलाकर यह दिन अपने पार्टनर के सामने अपनी भावनाओं के इजहार का दिन होता है।

9 फरवरी- चॉकलेट डे (chocolate day 2022): का तीसरा दिन होता है चॉकलेट डे। इस दिन लोग अपने पार्टनर को उनकी फेवरेट चॉकलेट गिफ्ट करते हैं। अपने पार्टनर को लोग चॉकलेट देकर बताते हैं कि वह उनसे कितना प्यार करते हैं।

10 फरवरी- टेडी डे (Teddy Day 2022): चौथा दिन होता है टेडी डे। इस दिन लोग अपने पार्टनर को कोई भी क्यूट टेडी गिफ्ट करके अपने प्यार का इजाहार करते हैं। इस दिन को ध्यान में रखते हुए मार्केट में डेटी के अलग-अलग डिजाइन की भरमार देखी जाती है।

11 फरवरी- प्रॉमिस डे (Promise Day 2022): पांचवा दिन होता है प्रॉमिस डे। इस दिन लोग अपने पार्टनर से जिंदगी भर साथ रहने और हमेशा प्यार करने का वादा करते हैं। यह दिन प्यार के रिश्तों को और ज्यादा मजबूत और गहरा बनाता है।

12 फरवरी- हग डे (Hug Day 2022): छठां दिन होता है हग डे। प्यार में स्पर्श कितना मायने रखता है यह सभी जानते हैं। स्पर्श एक ऐसी चीज है जिसके माध्यम से बिना कुछ बोले अपने प्यार का इजहार किया जा सकता है। ऐसे में आप अपने पार्टनर को एक प्यारी छप्पी देकर भी अपने दिल का हाल कह सकते हैं।

13 फरवरी- किस डे (Kiss Day 2022): सातवां दिन होता है किस डे। इस दिन लोग अपने पार्टनर से प्यार का इजहार कर एक प्यारी सी किस देकर करते हैं। किस प्यार के इजहार का सबसे अच्छा तरीका माना जाता है। इस दिन आप साथी के माथे को प्यार से चूमकर, उसके हाथों को चूमकर या उसके होठों को चूमकर अपने प्यार का इजहार कर सकते हैं।

14 फरवरी- वैलेंटाइन डे (Valentine's Day 2022): आखिरी दिन होता है वैलेंटाइन डे। ये दिन कपल्स के लिए सबसे खास होता है। इस दिन के लिए कपल्स एक दूसरे के साथ बहुत सारी प्लानिंग करते हैं। साथ बाहर घूमना-फिरना, लंच-डिनर करना पसंद करते हैं. एक-दूसरे के लिए सरप्राइज प्लान करते हैं। कुल मिलाकर पूरे साल अपने रिश्ते की ताजगी को बरकरार रखने के लिए प्यार में पड़े जोड़े पूरे वैलेंटाइन वीक पर अपने प्यार का इजहार अलग-अलग तरीके से करते हैं और अपने रिश्ते को मजबूत बनाते हैं।

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Thyroid घर पर रहते हुए भी कंट्रोल किया जा सकता है थायराइड, जानें कैसे

locationभारत
userचेतना मंच
calendar01 Dec 2025 10:55 AM
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Thyroid : थायराइड (Thyroid) के शिकार व्यक्तियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। (Thyroid) लेकिन यदि नियमित रुप से संतुलित आहार और बॉडी एक्सरसाइज किया जाए तो थायराइड (Thyroid) के लेवल को कंट्रोल में रखा जा सकता है। आज हम आपको कुछ ऐसी जानकारी प्रदान करेंगे कि यदि आप थायराइड (Thyroid) के शिकार रोगी हैं तो घर पर रहकर भी इस बीमारी को कंट्रोल में रख सकते हैं।

बादाम ऐसा माना जाता है कि ज्यादातर नट्स हमारे शरीर के लिए किसी न किसी तरह से फायदेमंद होते हैं। अगर आपका थायराइड बढ़ा हुआ है यानि आप हाइपर थायराइड की समस्या से परेशान हैं तो निश्चित रूप से आपको बादाम का सेवनकरना चाहिए। ये प्रोटीन, फाइबर और मिनरल्स का एक बेहतरीन स्त्रोत है। बादाम में सेलेनियम नाम का पोषक तत्व पाया जाता है, जो थायराइड के हेल्दी लेवल को मेंटेन रखने में मदद करता है। इसके अलावा यह मैग्नीशियम का भी अच्छा स्त्रोत है, जो थायराइड ग्रंथि को बढ़ने से रोकता है।

Lata Mangeshkar Death: जिस का जीतना हो आँचल यहां पर, उस को सौगात उतनी मिलेगी…काफी संघर्षों से भरा रहा लता मंगेशकर का जीवन

अदरक अदरक को आयुर्वेद में किसी औषधि से कम नहीं माना गया है और यह थायराइड के लिए सबसे आसान घरेलू उपचारों में से एक है। बाजार में आसानी से उपलब्ध अदरक पोटेशियम और मैग्नीशियम जैसे आवश्यक मिनरल्स से समृद्ध होती है और ये इंफ्लेमेशन का मुकाबला करने में मदद करती है। थायराइड की समस्या में नियमित रूप से अदरक की चाय सबसे अच्छी मानी जाती है। इतना ही नहीं अदरक के तेल को नारियल तेल के साथ मिलाकर लगाने से भी काफी फायदा मिलता है।

डेयरी उत्पाद दूध, पनीर, और दही जैसे डेयरी उत्पाद थायराइड के लिए बहुत फायदेमंद माने जाते हैं क्योंकि इनमें आयोडीन की मात्रा उच्च होती है साथ ही ये मिनरल्स थायराइड के सही से काम करने में भी मदद करते हैं। डेयरी उत्पादों का सेवन विटामिन लेवल को बढ़ाने में मदद करता है, जो बदले में थायराइड की समस्या को दूर करने में आपकी मदद करता है।

फलियां कौन नहीं जानता कि बीन्स, पोषण का एक पावरहाउस है। बीन्स फाइबर, प्रोटीन, जरूरी मिनरल्स और विटामिन से भरपूर होती हैं साथ बी इनमें एंटीऑक्सिडेंट और कॉम्पलेक्स कार्बोहाइड्रेट भी होता है। फाइबर की अधिक मात्रा के कारण बीन्स कब्ज को रोकने में मदद करती हैं। कब्ज, हाइपोथायरायडिज्म का एक आम दुष्प्रभाव है इसलिए बीन्स का नियमित रूप से सेवन थायराइड ग्रंथि के सही से काम करने में मदद करता है।

संत कमल किशोर, आयुर्वेदाचार्य