रात की पार्टी के बाद परेशान नहीं करेगा हैंगओवर,कारगर हैं ये पार्टी टिप्स

लीवर की अल्कोहल को प्रोसेस करने की क्षमता से ज्यादा अल्कोहल का सेवन करने से हैंगओवर की संभावना बढ़ जाती है

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calendar02 Jan 2024 05:28 PM
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Hangover Hacks : छुट्टियों का समय है और ज़्यादातर लोग दोस्तों के साथ पार्टी करने में मशगूल हैं । अक्सर पार्टी में पीना पिलाना भी ज्यादा हो जाता है ,जिससे अगले दिन हैंगओवर से पार्टी का मज़ा तो ख़राब होता ही है ,पूरा दिन भी बर्बाद हो जाता है । अगर आप इससे बचना चाहते हैं तो हम आपको बताते है कुछ कारगर पार्टी टिप्स जो आपको हैंगओवर से बचा सकते हैं ।

क्या है हैंगओवर?

जब कोई व्यक्ति शराब का नशा करता है, और शराब से व्यक्ति को अधिक नशा चढ़ जाता है, तो इस स्थिति को हैंगओवर (hangover ) कहते हैं। हैंगओवर में व्यक्ति अपने आप पर पूरा नियंत्रण नहीं रख पाता। दिमाग की क्षमता कुछ शिथल हो जाती है। सिर में दर्द की शिकायत भी रहती है।

 हैंगओवर करता है डिहाइड्रेट 

आइए जानते हैं हम कैसे खुद को हाइड्रेट रखते हुए हैंगओवर से बच सकते हैं। अल्कोहल को पचाने की क्षमता हर व्यक्ति की अलग होती है। लीवर की अल्कोहल को प्रोसेस करने की क्षमता से ज्यादा अल्कोहल का सेवन करने से हैंगओवर की संभावना बढ़ जाती है । हैंगओवर के लक्षण :  हैंगओवर से सर दर्द, थकान, जी मिचलाना, चिड़चिड़ापन, चक्कर आना, मांस पेशियों में दर्द, ध्यान केंद्रित करने में परेशानी और रौशनी और तेज आवाज से परेशानी हो सकती है।

अल्कोहल सेवन से पहले क्या करें

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हैंगओवर से बचने के लिए आप ड्रिंक लेने से पहले अगर इसके उपाय कर लेंगे तो हैंगओवर से बचा जा सकता है और इसके दुष्प्रभाव को कम किया जा सकता है। शराब पीने से पहले उचित मात्रा में पानी पीयें। शराब पीने से पेशाब का आना स्वाभाविक प्रक्रिया है, जिससे शराब पीने वालों के शरीर में पानी की कमी हो जाती है। इसलिए शराब पीने से पहले अच्छी मात्रा में पानी पीने से, शराब पीने से होने वाले डिहाइड्रेशन से बचा जा सकता है। 50 ML के चार ड्रिंक में 250 ML पानी की मात्रा आपके शरीर से 600 से 1000 ML पानी की मात्रा को निकाल देता है शराब का घूंट लेने में अंतराल ( Gap) रखें, जिससे आपका शरीर अल्कोहल को प्रोसेस कर सके। अमूमन एक जवान व्यक्ति का शरीर एक यूनिट शराब को प्रोसेस करने में लगभग एक घंटा का समय लगाता है। ड्रिंक के बीच में ब्रेक लेने से आप न सिर्फ हैंगओवर से बच सकते हैं, बल्कि नशे में नियंत्रण खोने से भी बचा जा सकता है।

धीरे-धीरे लें शराब का आनंद

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हैंगओवर से बचने के लिए शॉट्स लेने की बजाय शराब को धीरे-धीरे पीते  हुए आनंद लें। अल्कोहल के सेवन के वक्त बीच-बीच में दूसरे पेय पदार्थ का सेवन करने से शराब के अधिक सेवन से बचा जा सकता है। और शराब से होने वाले दुष्प्रभाव को भी कम किया जा सकता है। पार्टी-जश्न के बाद अपने पेट और शरीर को फिर से एक्टिवेट करने और आराम देने के लिए कुछ टिप्स अपना सकते हैं। पीने के साथ खाना है जरूरी। जब आप पार्टी में शराब का आनंद ले रहे होते हैं तो साथ में आप अच्छी किस्म का स्नैक्स भी पर्याप्त मात्रा में लेते रहें। इसमें प्रोटीन, फैट और कार्ब्स हो। यह अल्कोहल को आपके शरीर में अब्जॉर्ब होने की प्रतिक्रिया को धीमा करता है और खाली पेट में अल्कोहल से होने वाले दुष्प्रभाव को भी काम करता है।

अच्छी नींद लेना है जरूरी

रात भर जश्न मनाने के बाद आपकी नींद में खलल पड़ती है। इसलिए पूरी नींद लेने से आप अपने को अल्कोहल के दुष्प्रभाव से बचा सकते हैं।

पोस्ट पार्टी टिप्स

हैंगओवर से बचने के लिए सेहतमंद भोजन करना चाहिए। ज्यादा नमकीन और तीखा भोजन डिहाइड्रेशन की गति को तेजी देता है और हैंगओवर को भी बढ़ता है। शराब सेवन से आवश्यक इलेक्ट्रोलाइट जैसे सोडियम, पोटेशियम, मैग्नीशियम और क्लोराइड का भी क्षरण होता है। इसकी पूर्ति के लिए आप केला और नारियल पानी का सेवन करें। दर्द निवारक दवाइयों को लेने में रखे विशिष्ट ख्याल। सर दर्द में डॉक्टर की सलाह पर ही कोई दर्द निवारक दवाई लें। यदि शराब सेवन के बाद बदहजमी की शिकायत हो या पेट में दर्द हो तो दर्द निवारक दवाई डॉक्टर की सलाह पर ही लें। पेरासिटामोल के सेवन से बचना चाहिए। Hangover Hacks

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बुद्धिमान व्यक्ति को हमेशा गुप्त रखनी चाहिए ये बातें

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Chanakya Niti
locationभारत
userचेतना मंच
calendar31 Dec 2023 09:09 PM
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Chanakya Niti / चाणक्य नीति : आप कोई बड़ा कारोबार करते हैं अथवा किसी बड़ी कंपनी में बड़ी पोस्ट पर तैनात हैं। आपकी बीवी बेहद ही सुंदर है और आप उसे कितना प्रेम करते हैं। आप अपनी बुद्धिमानी और काबलियत के बल पर हर काम में सफलता अर्जित कर लेते हैं। आज हम आपको कुछ ऐसी बातें बताएंगे, जिन्हें आपको हमेशा गुप्त ही रखना चाहिए। इन बातों को हमेशा गुप्त रखने वाला व्यक्ति बुद्धिमान व्यक्ति कहलाता है।

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दरअसल, देश के महान अर्थशास्त्री और कूट राजनीतिज्ञ, महान ज्ञानी आचार्य चाणक्य ने व्यक्ति की बुद्धिमानी को लेकर स्पष्ट तौर पर लिखा हैं आचार्य चाणक्य ने अपने नीति शास्त्र चाणक्य नीति में साफ साथ लिखा है कि बुद्धिमान व्यक्ति वही होता है जो कुछ बातों को हमेशा गुप्त ही रखता है। कुछ ऐसी बातें है,​ जिन्हें हर व्यक्ति को गुप्त यानि हर किसी से छिपाकर रखनी चाहिए। आइए जानते हैं कि क्या कहते हैं आचार्य चाणक्य...

सुसिद्धमौषधं धर्म गृहछिद्रं च मैथुनम्। कुभुक्तं कुश्रुत चैव मतिमान्न प्रकाशयेत्।।

आचार्य चाणक्य गोपनीयता पर बल देते हुए कहते हैं कि बुद्धिमान व्यक्ति सिद्ध औषधि, धर्म, अपने घर की कमियां, मैथुन, खाया हुआ खराब भोजन तथा सुनी हुई बुरी बातों को गुप्त रखे।

आशय यह है कि इन चीजों के बारे में किसी को कुछ नही बताना चाहिए। सिद्ध औषधि, धर्म, घर की कमिया, संभोग, कुभोजन एवं सुनी हुई बुरी बात। कुछ दवाएं किसी व्यक्ति को सिद्ध हो जाती हैं। इसलिए लोग उससे दूसरों का भला तो करते हैं, किन्तु उसको बारे में किसी को कुछ नहीं बताते। विश्वास किया जाता है कि ऐसी दवा के बारे में दूसरों को बताने पर उसका प्रभाव समाप्त हो जाता है। अपने धर्म या कर्तव्य के बारे में भी लोगों को कुछ नहीं बताना चाहिए। केवल इसका पालन करते जाना चाहिए।

अपने घर की कमी को बाहर बताने से अपनी ही बदनामी होती है। कमियां तो सभी घरों में होती हैं। अत: इन्हें बताना मूर्खता ही है। मैथुन कर्म या सम्भोग के विषय में किसी को कुछ बताना भी असभ्यता और अश्लीलता है। ये काम एकांत में गुप्त रूप से करने के हैं। यदि भूल से कभी कोई ऐसी चीज सेवन कर ली हो जिसको धर्म या समाज इजाजत नहीं देता तो इसे किसी को न बताएं। यदि किसी ने आपसे कोई गलत बात कह दी हो या आपने कही कोई गलत बात सुन ली हो तो इस बात को हजम कर जाना चाहिए, किसी को कुछ बताना नहीं चाहिए।

ज्ञानी व्यक्ति कौन ?

प्रस्तावसदृश वाक्यं प्रभावसदृश प्रियम्। आत्मशक्तिसम कोप यो जानाति स पण्डितः।।

आचार्य चाणक्य यहां पडित के बार में बताते हुए कहते हैं कि जो प्रसंग के अनुसार बातें करना, प्रभाव डालने वाला प्रेम करना तथा अपनी शक्ति के अनुसार क्रोध करना जानता है, उसे पण्डित कहते हैं। आशय यह है कि किसी सभा में कब क्या बोलना चाहिए, किससे प्रेम करना चाहिए तथा कहां पर कितना क्रोध करना चाहिए जो इन सब बातों को जानता है, उसे पण्डित अर्थात् ज्ञानी व्यक्ति कहा जाता है।

चीज एक, बातें अनेक

एक एव पदार्थस्तु विद्या भवति वीक्षति। कुपणं कामिनी मांस योगिभिः कामिभिः श्वभिः।।

आचार्य चाणक्य अपने दृष्टिकोण की चर्चा करते हुए कहते हैं कि एक ही वस्तु अथवा स्त्री के शरीर को कामी लोग कामिनी के रूप में, योगी बदबूदार शव के रूप में तथा कुत्ते मांस के रूप में देखते हैं। आशय यह है कि वस्तु एक ही होती है, किन्तु नजरिया अपना-अपना होता है। इसी नजरिये से एक ही स्त्री के शरीर को योगी, रसिक तथा कुत्ते अलग-अलग रूपों में देखते हैं। योगी उसे एक बदबूदार मुर्दा समझता है, और उससे घृणा करता है। रसिक (कामी) उसे ललचायी नजरों से देखता है, उसे भोग की वस्तु समझता है। परन्तु एक कृत्ता उसे केवल एक मांस का लोथड़ा समझता है और खाना चाहता है।

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सफल व्यक्ति बनने के लिए इनका वशीकरण करना है बेहद जरूरी

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Chanakya Niti
locationभारत
userचेतना मंच
calendar01 Dec 2025 08:45 AM
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Chanakya Niti : आज के जमाने में कामयाब व्यक्ति कौन नहीं बनना चाहता है। कामयाब व्यक्ति बनने के लिए कुछ चीजों को वश में करना बेहद जरुरी होता है। भारत के महान अर्थशास्त्री और कूट राजनीतिक आचार्य चाणक्य ने अपने नीति शास्त्र चाणक्य नीति में वशीकरण को लेकर विस्तार से लिखा है। उन्होंने कहा कि वशीकरण बेहद ही सरल काम है। जिस व्यक्ति में दूसरे का वशीकरण करने के गुण होते हैं, वह जिंदगी में कभी फेल नहीं हो सकता और कामयाब व्यक्ति बनता है।

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आचार्य चाणक्य द्वारा रचित नीति शास्त्र 'चाणक्य नीति' पर आ भी बहुत सारे लोग विश्वास करते हैं और आचार्य चाणक्य की नीतियों और संदेशों का अनुसरण करते हैं। आइए जानते हैं कि आचार्य चाणक्य ने किन लोगों का वशीकरण किए जाने का सुझाव दिया है।

इन्हें वश में करें

लुब्धमर्थन गृहणीयात्स्तब्धमंजलिकर्मणा। मूर्खश्छन्दानुरोधेन यथार्थवादेन पण्डितम्।।2।।

आचार्य चाणक्य वशीकरण के संबंध में बताते हैं कि लालची को धन देकर, अहंकारी को हाथ जोड़कर, मूर्ख को उपदेश देकर तथा पण्डित को यथार्थ की बात बताकर वश में करना चाहिए। इसका अर्थ यही है कि लालची व्यक्ति को धन देकर कोई भी काम कराया जा सकता है। घमण्डी व्यक्ति से कोई काम कराना हो तो उसके सामने हाथ जोड़कर, झुककर चलना चाहिए। मुर्ख व्यक्ति को केवल समझा-बुझाकर ही वश में किया जा सकता है। विद्वान व्यक्ति से सत्य बात कहनी चाहिए, उन्हें स्पष्ट बोलकर ही वश में किया जा सकता है।

दुष्टों से बचें

कुराजराज्येन कुतः प्रजासुखं कुमित्रमित्रेण कुतोऽभिनिवृत्तिः। कुवारवारैश्च कुतो गृहे रतिः कृशिष्यमध्यापयतः कुतो यशः।।

आचार्य चाणक्य दुष्टों के प्रभाव को प्रतिपादित करते हुए कहते हैं कि दुष्ट राजा के राज्य में प्रजा सुखी कैसे रह सकती है। दृष्ट मित्र से आनन्द कैसे मिल सकता है। दुष्ट पत्नी से घर में सुख कैसे हो सकता है ? तथा दुष्ट-मूर्ख शिष्य को पढ़ाने से यश कैसे मिल सकता है।

अर्थ है कि दुष्ट-निकम्मे राजा के राज्य में प्रजा सदा दुःखी रहती है। दुष्ट मित्र सदा दुःखी ही करता है। दुष्ट पत्नी घर की मुख-शांति को समाप्त कर देती है तथा दुष्ट शिष्य को पढ़ाने से कोई यश नहीं मिलता है। अतः दुष्ट राजा, दुष्ट मित्र, दुष्ट पत्नी तथा दुष्ट शिष्य के होने से इनका न होना ही बेहतर है। इसलिए सुखी रहने के लिए अच्छे राजा के राज्य में रहना चाहिए, संकट से बचाव के लिए अच्छे व्यक्ति को मित्र बनाना चाहिए, रतिभोग के सुख के लिए कुलीन कन्या से विवाह करना चाहिए तथा यश व कीर्तिलाभ के लिए योग्य पुरुष को शिष्य बनाना चाहिए।

सीख किसी से भी ले लें

सिंहादेकं बकादेक शिक्षेच्चत्वारि कुक्कुटात्। वायसात्पंच शिक्षेच्च षट् शुनस्त्रीणि गर्दभात्।।

यहां आचार्य चाणक्य सीखने की बात किसी भी पात्र से सीखने का पक्ष रखते हुए कहते हैं कि सिंह से एक, बगुले से एक, मुर्गे से चार, कौए से पांच, कुत्ते से छः तथा गधे से सात बातें सीखनी चाहिए। चाणक्य ने बताया है कि सीखने को तो किसी से भी मनुष्य कुछ भी सीख सकता है पर इसमें भी मनुष्य जिनसे कुछ गुण सीख सकता है उनमें उसे शेर और बगुले से एक-एक, गधे से तीन, मुर्गे से चार, कौए से पांच और कुत्ते से छह गुण सीखने चाहिए।

इसका मूल भाव यह है कि व्यक्ति को जहां से भी कोई अच्छी बात मिले, सीखने में संकोच नहीं करना चाहिए। यदि नीच व्यक्ति के पास भी कोई गुण है तो उसे भी ग्रहण करने का यत्न करना चाहिए।

Chanakya Niti  शेर से सीख लें

प्रभूतं कार्यमपि वा तत्परः प्रकर्तुमिच्छति ! सर्वारम्भेण तत्कार्य सिंहादेकं प्रचक्षते।।

यहां आचार्य चाणक्य शेर से ली जानेवाली सीख के बारे में बता रहे हैं कि छोटा हो या बड़ा, जो भी काम करना चाहें, उसे अपनी पूरी शक्ति लगाकर करें? यह गुण हमें शेर से सीखना चाहिए। भाव यह है कि शेर जो भी काम करता है, उसमें अपनी पूरी शक्ति लगा देता है। अत: जो भी काम करना हो उसमें पूरे जी-जान से जुट जाना चाहिए।

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