Monday, 28 April 2025

Hindi Kahani – भगवान की मदद

Hindi Kahani : किसी गांव में दो मित्र रोहन और संदीप रहते थे। रोहन बहुत ज्यादा धार्मिक धार्मिक प्रवृत्ति का था…

Hindi Kahani – भगवान की मदद

Hindi Kahani : किसी गांव में दो मित्र रोहन और संदीप रहते थे। रोहन बहुत ज्यादा धार्मिक धार्मिक प्रवृत्ति का था और वो मानता था कि भगवान उसका हर काम कर देंगे। वहीं दूसरी ओर संदीप बहुत ज्यादा मेहनतकश इंसान था और दिन रात मेहनत करता था।

एक बार दोनों ने मिलकर कुछ जमीन खरीदी जिस पर दोनों ने मिलकर फसल उगाने की सोची।

अब संदीप तो दिनभर खेत में मेहनत करता लेकिन रोहन कुछ काम नहीं करता, वो केवल मंदिर में जाकर भगवान से अच्छी फसल के लिए प्रार्थना करता।

इसी तरह समय बीतता गया और खेत की फसल पककर तैयार हो गई।

फसल को दोनों ने बाजार में ले जाकर बेच दिया जिससे उनको अच्छा खासा पैसा मिला। घर आकर संदीप ने रोहन से कहा, “देखो दोस्त खेत में मैंने ज्यादा मेहनत की है इसलिए इस धन का ज्यादा हिस्सा मुझे मिलना चाहिए।”

संदीप की बात सुनकर रोहन बोला, “नहीं-नहीं इस धन का ज्यादा हिस्सा मुझे मिलना चाहिए। क्योंकि मैंने ही अच्छी फसल के लिए भगवान से प्रार्थना की थी। तभी हमको अच्छी फसल हुई है। मेरी प्रार्थना के बिना यह संभव नहीं होता।”

इसी बात को लेकर दोनों गांव के मुखिया के पास चले गए।

मुखिया ने उन दोनों की बात सुनकर कुछ सोचा और दोनों को एक एक बोरा चावल का दिया, जिनमें कंकड़ मिले हुए थे। और कहा कि तुम दोनों को इनमें से चावल और कंकड़ अलग-अलग करके लाना है। तभी मैं निर्णय करूंगा कि फसल के धन का ज्यादा हिस्सा किसको मिलना चाहिए।

दोनों दोस्त चावल की बोरी लेकर अपने अपने घर चले गए। संदीप ने तो रातभर जागकर चावल और कंकड़ को अलग कर दिया।

रोहन अपनी आदत के अनुसार चावल की बोरी को मंदिर में लेकर गया और भगवान से इसे साफ करने में मदद मांगी। भगवान से इसे साफ करने की प्रार्थना करके आराम से सो गया।

अगले दिन सुबह संदीप चावल और कंकड़ को अलग-अलग करके उसे मुखिया के पास लेकर चला गया।

रोहन भी बोरी को मंदिर से उठाकर वापस मुखिया के घर ले आया। रोहन को पूरा भरोसा था कि भगवान ने उसका काम कर दिया होगा।

अब मुखिया ने दोनों से पूछा कि बताओ तुमने कितने चावल साफ किए। इस पर संदीप ने तो जितने थे उतने बता दिए।

रोहन ने भी पूरे आत्मविश्वास के साथ अपने बोरी खोली, लेकिन उसकी बोरी में वैसे के वैसे चावल में कंकर पत्थर मिले हुए थे। बिल्कुल साफ नहीं किये।

अब मुखिया सारी बात समझ चुका था कि रोहन बिल्कुल मेहनत नहीं करता है। इसीलिए अनाज के धन में भी कम हिस्सा मिलना चाहिए।

गांव के मुखिया ने रोहन को समझाया कि भगवान भी तभी तुम्हारी मदद करता है जब तुम कड़ी मेहनत करते हो। हर काम में तुम भगवान के भरोसे बैठे रहोगे और मेहनत नहीं करोगे तो इस दुनिया में पीछे रह जाओगे।

रोहन को मुखिया की बात समझ में आ चुकी थी वह भी संदीप के साथ साथ जमकर मेहनत करने लग गया।

शिक्षा : दोस्तों इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है कि भगवान से प्रार्थना करना ठीक है लेकिन साथ ही साथ हमें कड़ी मेहनत भी करनी है। आपकी किस्मत तभी चमकेगी जब आप मेहनत करेंगे।
इसलिए दोस्तों अपने आप से ईमानदार बने और दबाकर मेहनत करें। आपको सफलता के शिखर पर पहुंचने से कोई नहीं रोक सकता।

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