Hindi Kavita –
आगे है भीषण अंधकार ठहरो साथी,
कर लो थोड़ा मन में विचार ठहरो साथी!
दासता-निशा का भोर
कहो किसने देखा?
जंगल में नाचा मोर
कहो किसने देखा?
अबतक उसका है इंतज़ार ठहरो साथी!
आगे है भीषण अंधकार ठहरो साथी!
भ्रम है कहना
केवल स्वराज को ही सुराज,
भ्रम है कहना
गति को ही प्रगति आज,
लो पहले अपना भ्रम निवार ठहरो साथी,
आगे है भीषण अंधकार ठहरो साथी!
सह लो कितने भी अनाचार
बनकर सहिष्णु;
पर लक्ष्य तभी पाओगे
जब होगे जयिष्णु!
कुचलो कंटक लो पथ सँवार ठहरो साथी;
आगे है भीषण अंधकार ठहरो साथी!
यह अंधकार पथ का है
दैवी शाप नहीं,
या पूर्व जन्म का संचित
कोई पाप नहीं!
तम कायर मन का दुर्विचार ठहरो साथी,
आगे है भीषण अंधकार ठहरो साथी!
बाहर के सूरज से ‘नीरव’
कब रात कटी,
हर उदय अंततः अस्त बना
आ रात डटी!
अब अपना सूरज लो निखार ठहरो साथी,
आगे है भीषण अंधकार ठहरो साथी!
ओम नीरव
—————————————
यदि आपको भी कहानी, कविता, गीत व गजल लिखने का शौक है तो उठाइए कलम और अपने नाम व पासपोर्ट साइज फोटो के साथ भेज दीजिए। चेतना मंच की इस ईमेल आईडी पर- chetnamanch.pr@gmail.com
हम आपकी रचना को सहर्ष प्रकाशित करेंगे।
Rashifal 6 September 2023- इन राशियों के जातकों को मिल सकती है कोई बड़ी खुशखबरी
देश विदेश की खबरों से अपडेट रहने लिए चेतना मंच के साथ जुड़े रहें।
देश–दुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमें फेसबुक पर लाइक करें या ट्विटर पर फॉलो करें।