भोपाल का ऑटो ड्राइवर मौत के बाद बना हीरो

भोपाल का ऑटो ड्राइवर मौत के बाद बना हीरो
locationभारत
userचेतना मंच
calendar27 OCT 2025 08:15 AM
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मध्य प्रदेश के भोपाल में ऑटो चालक को ब्रेन डेड घोषित किया गया था और तब उसके परिवार ने ऐसा काम किया, जिस कारण ऑटो ड्राइवर को गार्ड ऑफ ऑनर के साथ अंतिम विदाई दी गई। मध्य प्रदेश की यह जानकारी हम आपको विस्तार के साथ बता रहे हैं। MP News बता दे कि एम्स भोपाल (Aiims Bhopal) में पहली बार एक साथ हुआ हार्ट और किडनी ट्रांसप्लांट (Kidney Transplant), गार्ड ऑफ ऑनर के साथ दी गई भावुक विदाई भोपाल, मध्य प्रदेश — इंसानियत की मिसाल पेश करते हुए 37 वर्षीय ऑटो ड्राइवर ने मौत के बाद भी तीन लोगों को नई जिंदगी दे दी। डॉक्टरों ने जब उन्हें ब्रेन डेड घोषित किया, तो परिवार ने बड़ा फैसला लिया — उन्होंने उसका दिल और दोनों किडनियां दान (Kidney Transplant) कर दीं। रविवार तड़के करीब चार बजे एम्स भोपाल (Aiims Bhopal) में तीन अलग-अलग ऑपरेशन थिएटरों में यह जटिल और भावनात्मक प्रक्रिया एक साथ शुरू हुई। एक टीम ने अंग निकाले, जबकि दूसरी टीम ने उन्हें तीन अलग-अलग मरीजों में प्रत्यारोपित किया। अब वही दिल 40 वर्षीय महिला के सीने में धड़क रहा है, जबकि दोनों किडनियां (Kidney Transplant) दो मरीजों को नई जिंदगी दे रही हैं। एक किडनी एम्स भोपाल (Aiims Bhopal) में प्रत्यारोपित की गई, वहीं दूसरी को ग्रीन कॉरिडोर के जरिए बंसल अस्पताल पहुंचाया गया।

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"भाई नहीं रहा, पर तीन जिंदगियां बचा गया"

अंगदाता (organ donation) के भाई भारत पाटिल ने भावुक होकर बताया कि उनका भाई नींद में बिस्तर से गिर गया था और सिर में गंभीर चोट लग गई थी। कई घंटे इलाज के बाद डॉक्टरों ने उसे ब्रेन डेड घोषित किया। उन्होंने कहा है कि “भाई लौटकर नहीं आया, लेकिन उसकी धड़कन अब तीन लोगों के भीतर जिंदा है।”

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गार्ड ऑफ ऑनर के साथ दी गई अंतिम विदाई

अंगदान (organ donation) प्रक्रिया पूरी होने के बाद एम्स के डॉक्टरों और कर्मचारियों ने पूरे सम्मान के साथ अंगदाता को अंतिम विदाई दी। पुष्प अर्पित किए गए और गार्ड ऑफ ऑनर देकर उनके योगदान को सलाम किया गया। एम्स भोपाल (Aiims Bhopal) के मेडिकल सुपरिंटेंडेंट डॉ. विकास गुप्ता ने बताया कि मुख्यमंत्री मोहन यादव की पहल के तहत अंगदान करने वाले हर व्यक्ति को गार्ड ऑफ ऑनर और परिवार को आर्थिक सहायता दी जा रही है। राज्य सरकार ने हार्ट ट्रांसप्लांट (Heart transplant) मरीज को 5 लाख की आर्थिक मदद भी दी है।

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एम्स भोपाल (Aiims Bhopal) में पहली बार हुआ हार्ट और किडनी ट्रांसप्लांट

यह एम्स भोपाल (Aiims Bhopal)  के लिए भी ऐतिहासिक पल रहा — पहली बार एक ही दिन में दिल और किडनी (Kidney Transplant) दोनों का ट्रांसप्लांट सफलतापूर्वक किया गया। डॉक्टरों की चार सदस्यीय टीम ने करीब छह घंटे के अंतराल में दो बार परीक्षण किया और सभी रिफ्लेक्स अनुपस्थित पाए जाने के बाद मरीज को ब्रेन डेड घोषित किया।

भोपाल में बढ़ रही है अंगदान (organ donation) की जागरूकता

एम्स और हमीदिया अस्पतालों में पिछले साल 21 किडनी ट्रांसप्लांट (Kidney Transplant) किए गए, जिनमें से तीन ब्रेन डेड डोनर से थे। वहीं, निजी क्षेत्र में बंसल अस्पताल अब तक 400 से अधिक किडनी ट्रांसप्लांट (Kidney Transplant) कर चुका है। SOTTO की संयोजक डॉ. कविता कुमार ने बताया कि “अंगदान के प्रति लोगों में जागरूकता तेजी से बढ़ रही है। जब लोग आगे आएंगे, तो किसी की मृत्यु किसी और की जिंदगी बन जाएगी।”
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पौधे हैं पुत्र समान, जीवनशैली में समाहित है पुनः उपयोग की कला - सीएम मोहन यादव

Mohan Yadav
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locationभारत
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calendar06 JUN 2025 11:06 AM
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Mohan Yadav :  मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने गुरुवार को विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर पर्यावरण संरक्षण के प्रति जनजागरूकता बढ़ाने के लिए ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान की शुरुआत की। इस दौरान मुख्यमंत्री मोहन यादव ने  जल संरक्षण के महत्व को रेखांकित करते हुए बताया कि प्रदेश में 75 हजार से अधिक खेत-तालाबों का निर्माण सफलतापूर्वक संपन्न हो चुका है। साथ ही मुख्यमंत्री मोहन यादव ने पर्यावरण प्रबंधन के लिए विकसित एकीकृत पोर्टल का लोकार्पण और वेटलैंड एटलस का विमोचन भी किया। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि विश्व पर्यावरण दिवस और गंगा दशहरा, दोनों ही हमारे सांस्कृतिक और धार्मिक परंपराओं में गहरे जुड़े हुए हैं।

उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पर्यावरण संरक्षण अभियान ‘एक पेड़ मां के नाम’ को प्रदेश में लागू करने की जानकारी देते हुए बताया कि भारतीय जीवनशैली में पेड़ को पुत्र के समान आदर दिया गया है। पारंपरिक ज्ञान के अनुसार, एक तालाब को दस बावड़ी, दस बावड़ी को दस कुओं और सौ पुत्रों को एक वृक्ष के तुल्य माना जाता है, जो प्रकृति की महत्ता को दर्शाता है।

पर्यावरण हमारे जीवन का अहम हिस्सा - सीएम मोहन यादव

सीएम मोहन यादव ने कहा कि पर्यावरण की सुरक्षा न केवल हमारे जीवन का आधार है, बल्कि आने वाली पीढ़ी को बेहतर और स्वच्छ धरती देने की जिम्मेदारी भी है। उन्होंने जोर दिया कि रिसाइकिलिंग और पुनः उपयोग जैसे आधुनिक पर्यावरणीय उपाय भारतीय संस्कृति का हिस्सा रहे हैं। इसलिए हमें प्रकृति के संरक्षण के लिए सजग और समर्पित रहना होगा। इस वर्ष के पर्यावरण दिवस का विषय ‘प्लास्टिक प्रदूषण का उन्मूलन’ रखा गया है। इस संदर्भ में मुख्यमंत्री ने सभी नागरिकों से स्वच्छ ऊर्जा के प्रयोग और जलवायु परिवर्तन के नकारात्मक प्रभावों को कम करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि प्लास्टिक के उपयोग में कमी लाने और जल संरक्षण के लिए सामूहिक प्रयास अत्यंत आवश्यक हैं।

प्रदेश सरकार पर्यावरण के अनुकूल उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। सीएम यादव ने यह भी बताया कि प्रदेश ने नेट जीरो कार्बन उत्सर्जन का लक्ष्य निर्धारित किया है। उन्होंने महान वैज्ञानिक जगदीशचंद्र बसु का हवाला देते हुए कहा कि पौधों में प्राण तत्वों की मौजूदगी का ज्ञान भारत की लोक संस्कृति में सदियों से विद्यमान है। आज के दौर में पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में अनेक विकास कार्य तेजी से किए जा रहे हैं।

75 हजार से अधिक खेत-तालाबों का निर्माण

जल संरक्षण के क्षेत्र में मध्य प्रदेश ने 75 हजार से अधिक खेत तालाब बनाकर अपनी उपलब्धि को और बढ़ाया है, जबकि 1225 अमृत सरोवरों का जीर्णोद्धार भी किया गया है। मुख्यमंत्री ने प्रदेश में विश्व का पहला ‘नदी जोड़ो अभियान’ भी शुरू करने की जानकारी दी, जिससे सिंचाई क्षेत्र में विस्तार हुआ है। इसके तहत दो नदियों को जोड़ा जा रहा है, जिससे जल संग्रहण क्षमता में वृद्धि हो रही है।

जल बंटवारे के मामलों में मध्य प्रदेश ने राजस्थान के साथ पार्वती-कालीसिंध-चंबल लिंक परियोजना के माध्यम से एक स्थायी समाधान निकाला है। उन्होंने बताया कि प्रदेश की 247 नदियां न केवल स्थानीय बल्कि पड़ोसी राज्यों के लिए भी जल समृद्धि का स्रोत हैं। महाराष्ट्र के साथ तापी मेगा रिचार्ज परियोजना पर भी सहमति बन चुकी है, जो प्राकृतिक जल संरक्षण का एक अनूठा मॉडल साबित होगी। इस अवसर पर सांसद वी.डी. शर्मा और पर्यावरण मंत्री दिलीप अहिरवार ने भी पर्यावरण संरक्षण की अहमियत पर जोर दिया और प्रदेशवासियों से ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान में सक्रिय भागीदारी की अपील की।

कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने विभिन्न श्रेणियों में पर्यावरण संरक्षण में उत्कृष्ट योगदान देने वाले संस्थानों और व्यक्तियों को मध्य प्रदेश वार्षिक पर्यावरण पुरस्कार से सम्मानित भी किया। इस वर्ष प्रदूषणकारी उद्योगों, सामान्य उद्योग, लघु उद्योग, नगरपालिकाएं, चिकित्सालय, एनजीओ और विद्यालयों को अलग-अलग श्रेणियों में पुरस्कृत किया गया। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कार्यक्रम का समापन पर्यावरण संरक्षण की शिक्षा और नवाचारों को बढ़ावा देने के लिए विकसित की गई पाठ्य सामग्री के विमोचन और पर्यावरण छात्रवृत्ति प्रदान करने के साथ किया।  Mohan Yadav

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सीएम मोहन यादव ने लोकमाता को किया नमन, नारी सशक्तिकरण पर दिया विशेष जोर

Madhya Pradesh News 1
Madhya Pradesh News
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calendar31 MAY 2025 04:03 PM
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Madhya Pradesh News :  मध्य प्रदेश की पुण्यभूमि पर लोकमाता अहिल्याबाई होलकर की 300वीं जयंती को अत्यंत गरिमा और श्रद्धा के साथ मनाया गया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने अहिल्याबाई के चरणों में श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए कहा कि उनके आदर्श आज भी प्रदेश की नीतियों और जनहितकारी योजनाओं में जीवंत रूप से प्रतिबिंबित हो रहे हैं।

भोपाल में आयोजित देवी अहिल्याबाई महिला सशक्तिकरण महासम्मेलन को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आगमन पर आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा, “यह मध्य प्रदेश के आठ करोड़ नागरिकों के लिए गौरव का विषय है कि पुण्यश्लोक देवी अहिल्याबाई होलकर की जन्मत्रिशताब्दी के उपलक्ष्य में एक वर्षव्यापी समारोह की शुभ शुरुआत प्रदेश की पावन धरती से हो रही है। इस पहल हेतु हम प्रधानमंत्री जी के प्रति हृदय से कृतज्ञ हैं।”

सुशासन और सांस्कृतिक पुनर्जागरण की प्रतीक

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने देवी अहिल्याबाई के शासनकाल को भारतीय इतिहास का स्वर्ण युग बताते हुए कहा कि उन्होंने शासन को केवल सत्ता नहीं, सेवा का माध्यम माना। उन्होंने न केवल धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहरों का संरक्षण किया, बल्कि समाज में समरसता, आत्मनिर्भरता और न्यायप्रिय प्रशासन की मजबूत नींव रखी। उनके द्वारा देश के कोने-कोने में लगभग 130 मंदिरों का पुनर्निर्माण, घाटों और धर्मशालाओं की स्थापना तथा अन्न क्षेत्र और पूजन व्यवस्था का संचालन किया गया। देवी अहिल्याबाई ने भारत की सांस्कृतिक चेतना को एकसूत्र में पिरोने का ऐतिहासिक कार्य किया।

नारी शक्ति की अलख जगाने वाली महामहिला

सीएम यादव ने विशेष रूप से देवी अहिल्याबाई द्वारा महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में किए गए ऐतिहासिक प्रयासों का उल्लेख किया। उन्होंने कहा, “लोकमाता ने नारी सम्मान और स्वावलंबन को सामाजिक व्यवस्था का अभिन्न अंग बनाया। चाहे महिला सैन्य टुकड़ी का गठन हो या महिलाओं को संपत्ति में अधिकार, विधवा पुनर्विवाह को मान्यता या दहेज प्रथा पर रोक — उनके निर्णय युगांतरकारी थे।” उन्होंने आगे बताया कि सैनिकों की विधवाओं के लिए महेश्वर में महेश्वरी साड़ी उद्योग की स्थापना कर उन्होंने नारी स्वावलंबन का एक अनुकरणीय मॉडल प्रस्तुत किया, जो आज भी प्रासंगिक है।

महेश्वर को बनाया सांस्कृतिक राजधानी

देवी अहिल्याबाई के प्रशासन में महेश्वर न केवल सत्ता का केन्द्र रहा, बल्कि कला, शिल्प, साहित्य, शिक्षा और उद्योग का भी समृद्ध स्थल बना। उनके शासन में सूचना व्यवस्था, पंचायती राज, न्यायिक व्यवस्था, सुरक्षा, ग्रामीण और शहरी नियोजन जैसी व्यवस्थाओं ने एक आदर्श प्रशासनिक मॉडल प्रस्तुत किया। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि देवी अहिल्याबाई का जीवन भगवान शिव की भक्ति और समाजसेवा को समर्पित रहा। उनका योगदान केवल अतीत की गौरवगाथा नहीं, बल्कि वर्तमान और भविष्य के लिए भी मार्गदर्शक है।    Madhya Pradesh News

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