UPI : भारत का यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) अब दुनियाभर में अपनी पहुंच बढ़ा चुका है और इसकी सफलता की चर्चा वैश्विक स्तर पर हो रही है। UPI वर्तमान में सात देशों में उपलब्ध है, जिनमें भूटान, मॉरीशस, नेपाल, सिंगापुर, श्रीलंका और फ्रांस शामिल हैं। अब भारत ने इसे BIMSTEC देशों में लागू करने का प्रस्ताव दिया है, जिससे व्यापार और पर्यटन के क्षेत्र में नई संभावनाएं खुल सकती हैं।
BIMSTEC देशों के साथ UPI का लिंक
BIMSTEC संगठन में बांग्लादेश, भूटान, भारत, म्यांमार, नेपाल, श्रीलंका और थाईलैंड शामिल हैं। भारत ने इन देशों के पेमेंट सिस्टम को UPI से जोड़ने का प्रस्ताव रखा है, ताकि सीमा पार लेन-देन को सरल और सुविधाजनक बनाया जा सके। इस कदम से न सिर्फ व्यापार को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि पर्यटन भी आसान और तेजी से बढ़ेगा। इस पहल से क्षेत्रीय सहयोग भी मजबूत होगा, जिससे आर्थिक रिश्ते और बेहतर हो सकते हैं।
क्या है इसका अंतरराष्ट्रीय प्रभाव ?
बता दें कि UPI का उपयोग केवल भारत तक सीमित नहीं रह गया है। इसे भूटान, मॉरीशस, नेपाल, सिंगापुर, श्रीलंका और फ्रांस जैसे देशों में अपनाया जा चुका है। BHIM, फोनपे, पेटीएम और गूगल पे जैसे प्रमुख ऐप्स अब इन देशों में UPI के माध्यम से लेन-देन को सपोर्ट करते हैं। भारत अब इन देशों में UPI के इस्तेमाल को और बढ़ाने पर ध्यान दे रहा है, ताकि डिजिटल भुगतान की सुविधा और मजबूत हो सके।
UPI के लेन-देन में जबरदस्त वृद्धि
यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस के जरिए किए गए लेन-देन की संख्या में 2024 की दूसरी छमाही में 42 प्रतिशत का इजाफा हुआ, जो अब 93.23 अरब तक पहुंच चुकी है। रिपोर्ट के अनुसार, फोनपे, गूगल पे और पेटीएम का इन लेन-देन में 93 प्रतिशत का हिस्सा रहा है। यह दर्शाता है कि UPI ने भारत में ही नहीं, बल्कि दुनिया भर में डिजिटल भुगतान के क्षेत्र में अपनी प्रभावशाली उपस्थिति बनाई है।UPI :
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