PM Modi : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बिम्सटेक (BIMSTEC) शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए थाईलैंड के दौरे पर रवाना हो गए हैं। इस यात्रा के दौरान वह विभिन्न द्विपक्षीय वार्ताओं में शामिल होंगे और क्षेत्रीय सहयोग को मजबूत करने के उद्देश्य से कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा करेंगे। इस यात्रा के बाद पीएम मोदी श्रीलंका की राजकीय यात्रा पर भी जाएंगे।
बिम्सटेक शिखर सम्मेलन और भारत की भूमिका
बिम्सटेक शिखर सम्मेलन दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों के लिए एक महत्वपूर्ण मंच है, जहां क्षेत्रीय सहयोग और आर्थिक समन्वय पर चर्चा की जाती है। इस सम्मेलन में थाईलैंड, बांग्लादेश, श्रीलंका, नेपाल, म्यांमार और भूटान के शीर्ष नेता भाग लेंगे।
पीएम मोदी इस अवसर पर नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली, बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस और म्यांमार के सैन्य नेता मिन आंग ह्लाइंग सहित अन्य नेताओं से मुलाकात करेंगे। इस दौरान व्यापार, निवेश, कनेक्टिविटी और सुरक्षा जैसे विषयों पर वार्ता होगी।
थाईलैंड यात्रा के मुख्य पड़ाव
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यात्रा के दौरान उनकी मुलाकात थाईलैंड के राजा महा वजीरालोंगकोर्न (रामा दसवें) और रानी सुथिदा से होगी। इसके अलावा, वे थाईलैंड की प्रधानमंत्री पैतोंगतार्न शिनावात्रा के साथ भी द्विपक्षीय वार्ता करेंगे।
पीएम मोदी और थाईलैंड की प्रधानमंत्री वाट फो मंदिर का दौरा करेंगे, जो अपने ऐतिहासिक महत्व और विशाल लेटे हुए बुद्ध प्रतिमा के लिए प्रसिद्ध है। यह मंदिर शिक्षा, विज्ञान और धर्म के अध्ययन के लिए भी जाना जाता है।
बिम्सटेक के लक्ष्यों पर विशेष ध्यान
इस शिखर सम्मेलन के दौरान ‘बैंकॉक विजन 2030’ को स्वीकार किए जाने की संभावना है। यह दस्तावेज़ बिम्सटेक के सदस्य देशों के बीच सहयोग को बढ़ाने के लिए स्पष्ट दिशा-निर्देश प्रदान करेगा।
थाईलैंड के विदेश मामलों की स्थायी सचिव एक्सिरी पिंटारुची के अनुसार, इस वर्ष की थीम ‘सक्रिय, लचीला और खुला बिम्सटेक’ है। इस विजन का उद्देश्य:
- क्षेत्रीय सहयोग को बढ़ावा देना,
- शांति और स्थिरता को मजबूत करना,
- आर्थिक विकास को गति देना,
- जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को कम करने के लिए सामूहिक प्रयास करना है।
बिम्सटेक: एक परिचय
बिम्सटेक (BIMSTEC) यानी ‘बंगाल की खाड़ी बहु-क्षेत्रीय तकनीकी और आर्थिक सहयोग पहल’ एक अंतरराष्ट्रीय संगठन है, जो दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया के देशों को जोड़ता है। इसके सात सदस्य देश हैं: भारत, बांग्लादेश, भूटान, नेपाल, श्रीलंका, म्यांमार और थाईलैंड। इसका उद्देश्य सदस्य देशों के बीच व्यापार, निवेश, कनेक्टिविटी और तकनीकी सहयोग को बढ़ावा देना है। PM Modi :
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