Monday, 25 November 2024

Bageshwar Dham: “मस्जिद कहना बंद करो”,ज्ञानवापी मस्जिद पर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का विवादित बयान

Bageshwar Dham: अपने अनोखे अंदाज और विवादित बयानों से सुर्खियों में  बने रहने वाले Bageshwar Dham के पंडित धीरेन्द्र कृष्ण…

Bageshwar Dham: “मस्जिद कहना बंद करो”,ज्ञानवापी मस्जिद पर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का विवादित बयान

Bageshwar Dham: अपने अनोखे अंदाज और विवादित बयानों से सुर्खियों में  बने रहने वाले Bageshwar Dham के पंडित धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री ने एक बार फिर विवादित बयान दिया है । एक तरफ ASI के द्वारा ज्ञानवापी में लगातार सर्वे चल रहा है दूसरी तरफ सर्वे को लेकर दोनों पक्षों के द्वारा बयानबाजी भी चल रही है। इसी बीच कथा वाचक पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने भी ज्ञानवापी को लेकर बड़ा बयान दे दिया है। धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि ज्ञानवापी को मस्जिद कहना बंद होना चाहिए। वह शिव मंदिर है इसलिए उसे मस्जिद नहीं कहा जाना चाहिए। बाबा बागेश्वर ने कहा कि ज्ञानवापी जब एक शिव मंदिर है इसलिए उसे ज्ञानवापी मस्जिद कहा जाना बंद होना चाहिए। हम सनातनी सबको साथ लेकर चलने वाले हैं। धीरेंद्र शास्त्री ने कहा, ‘ज्ञानवापी को मस्जिद कहना बंद कीजिए, वह शिव मंदिर
है।

नूह हिंसा पर बयान –

बाबा Bageshwar Dham न सिर्फ ज्ञानवापी पर बयान दिया बल्कि नूह हिंसा को लेकर भी उन्होंने तल्ख लहज़े में जवाब दिया है उन्होंने कहा की “देश का दुर्भाग्य है कि नूंह जैसी घटना हुई है। देश के हिंदुओं को ऐसा दिन देखना पड़ रहा है।”

सनातन एकता हमारा लक्ष्य –

बाबा बागेश्वर धाम वाले धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री आम तौर पर अपनी कथाओं से खुलकर सनातन एकता और हिंदू राष्ट्र बनाने की मांग करते है। हाल ही मध्यप्रदेश में कथा के समय ही एक विवादित बयान दिया उन्होंने कहा था की “यहां पर बहुत से बुद्धि और तर्क के लोग ब्राह्मण और क्षत्रियों को आपस में टकराने के लिए उपाय करते रहते हैं. कहा जाता है कि 21 बार क्षत्रियों से भूमि विहिन कर दी गई थी. बात मजाक और हंसी की यह है कि अगर एक बार क्षत्रियों को मार दिया गया तो 20 बार क्षत्रिय कहां से आए? 21वीं बार की जरूरत क्यों पड़ी? ये क्षत्रिय अचानक से प्रकट कहां से हो जाते थे? इस बयान के बाद उन्हें वीडियो बनाकर माफी मांगना पड़ा था।  जारी वीडियो में उन्होंने कहा कि “मेरे द्वारा भगवान परशुराम एवं महाराज सहस्त्रबाहु अर्जुन जी के मध्य हुए युद्ध के विषय में जो भी कहा गया है वह हमारे पवित्र हिन्दू शास्त्रों में वर्णित आधार पर कहा गया है.उन्होंने कहा कि हमारा उद्देश्य किसी भी समाज अथवा वर्ग की भावनाओं को आहत करने का नहीं था और न ही कभी होगा, क्योंकि हम तो सदैव सनातन की एकता के पक्षधर रहे हैं. फिर भी यदि हमारे किसी शब्द से किसी की भावना आहत हुई हो तो इसका हमें खेद है. हम सब हिन्दू एक हैं. एक रहेंगे. हमारी एकता ही हमारी शक्ति है.Bageshwar Dham

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