Tariff : अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत समेत कई देशों पर 10% से 49% तक का जवाबी टैरिफ लगाने की घोषणा की है। भारत के लिए यह दर 26% तय की गई है, जिससे कई निर्यात आधारित उद्योग प्रभावित होंगे। हालांकि, कुछ क्षेत्रों को इस टैरिफ से फिलहाल राहत मिली है। आइए जानते हैं कि इस नए टैरिफ से भारतीय व्यापार पर क्या असर पड़ेगा और कौन से उद्योग सबसे अधिक प्रभावित होंगे।
1. अमेरिकी Tariff से भारत को होने वाला संभावित नुकसान
- अमेरिका भारत के कई प्रमुख निर्यात उत्पादों पर 26% का टैरिफ लगाएगा।
- इलेक्ट्रॉनिक्स, रत्न-आभूषण, ऑटोमोबाइल और फार्मास्यूटिकल सेक्टर इस टैरिफ के दायरे में आ सकते हैं।
- भारत-अमेरिका व्यापारिक संबंधों में संभावित तनाव बढ़ सकता है।
2. किन क्षेत्रों को सबसे अधिक नुकसान होगा?
(क) इलेक्ट्रॉनिक्स सेक्टर
- भारत का लगभग 14 अरब डॉलर का इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यात अमेरिका जाता है।
- इस टैरिफ से भारतीय कंपनियों की प्रतिस्पर्धात्मकता घटेगी।
(ख) रत्न और आभूषण उद्योग
- इस क्षेत्र का कुल निर्यात 9 अरब डॉलर से अधिक है।
- अमेरिका में भारतीय आभूषणों की मांग प्रभावित हो सकती है।
(ग) ऑटोमोबाइल उद्योग
- भारत के ऑटो पार्ट्स उद्योग पर पहले से 25% टैरिफ लागू था।
- इस नए टैरिफ से निर्यात और उत्पादन लागत प्रभावित होगी।
(घ) फार्मास्यूटिकल सेक्टर
- भारत से अमेरिका को होने वाला फार्मा निर्यात लगभग 12.2 अरब डॉलर है।
- फिलहाल इसे टैरिफ से छूट मिली है, लेकिन भविष्य में स्थिति बदल सकती है।
3. किन सेक्टर्स को मिली राहत?
- फार्मास्यूटिकल उत्पाद: भारतीय दवा कंपनियों को फिलहाल टैरिफ से छूट दी गई है।
- ऊर्जा उत्पाद: इस पर फिलहाल कोई नया टैरिफ नहीं लगाया गया है।
4. अन्य एशियाई देशों पर प्रभाव
- चीन पर 34% टैरिफ, जापान पर 24%, थाईलैंड पर 36%, बांग्लादेश पर 37% टैरिफ लगाया गया है।
- वियतनाम पर 46% का भारी टैरिफ लगाया गया, जो अन्य देशों की तुलना में अधिक है।
5. भारत के लिए आगे की रणनीति
- व्यापार समझौतों पर जोर: अमेरिका के साथ टैरिफ वार्ता को प्राथमिकता दी जानी चाहिए।
- नए बाजारों की खोज: यूरोप और एशिया में नए व्यापारिक साझेदारों की तलाश की जा सकती है।
- स्थानीय विनिर्माण को बढ़ावा: भारत को आत्मनिर्भर बनने की दिशा में निवेश बढ़ाना होगा। Tariff :
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