World COPD Day 2023: आज वर्ल्ड क्रॉनिक ऑब्स्ट्रक्टिव पलमोनरी डिजीज डे (COPD) है। प्रतिवर्ष फेफड़ों से संबंधित इस गंभीर बीमारी के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए नवंबर महीने के तीसरे बुधवार का दिन वर्ल्ड सीओपीडी डे के रूप में मनाया जाता है। इस वर्ष वर्ल्ड सीओपीडी डे 15 नवंबर यानि आज मनाया जा रहा है। इस खास मौके पर आइए जानते हैं, इस दिन का इतिहास, महत्व वर्ल्ड सीओपीडी डे 2023 की थीम के बारे में। इसके साथ ही एक्सपर्ट से जानिए बढ़ते प्रदूषण में सीओपीडी से बचने के उपाय के बारे में।
वर्ल्ड सीओपीडी डे (World COPD Day) का इतिहास:
क्रॉनिक ऑब्स्ट्रक्टिव पलमोनरी डिजीज दे प्रतिवर्ष नवंबर महीने के तीसरे बुधवार को मनाया जाता है। इस दिन को मनाने की शुरुआत साल 2002 में की गई थी। इसकी शुरुआत दुनिया भर के स्वास्थ्य कर्मचारी और कापड रोगियों के सहयोग से फेफड़े संबंधित बीमारी के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए एक ग्लोबल इनिशिएटिव के रूप में की गई थी। इसके बाद से ही प्रतिवर्ष नवंबर महीने के तीसरे बुधवार को दुनिया भर में ये दिन मनाया जाने लगा।
वर्ल्ड सीओपीडी डे का महत्व :
सीओपीडी फेफड़ों से संबंधित एक गंभीर बीमारी है। इसके प्रति अगर जागरूक नहीं रहा गया और सतर्कता ना बढ़ती गई तो यह जानलेवा साबित हो जाती है। ऐसे में इस गंभीर बीमारी के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए इस दिन का आयोजन किया जाता है। वर्ल्ड सीओपीडी डे मनाने का मुख्य उद्देश्य ही लोगों को सांस संबंधित समस्याओं के विषय में जानकारी मुहैया कराना और उन्हें प्रदूषण से होने वाले रोगों और प्रदूषण की रोकथाम के प्रति जागरूकता देना है।
World COPD Day 2023 थीम:
वर्ल्ड सीओपीडी डे मनाने के लिए प्रतिवर्ष एक थीम निर्धारित की जाती है। साल 2023 के लिए जो थीम निर्धारित की गई है, वो है – Breathing is Life – Act Earlier” सांस लेना ही जीवन है इस पर जल्दी कार्य करें।”
सीओपीडी (क्रॉनिक ऑब्स्ट्रक्टिव पलमोनरी डिजीज) क्या है ?
सीओपीडी एक फेफड़ों से संबंधित बीमारी है। इस बीमारी में फेफड़ों के एयरवेज सिकुड़ जाते हैं, जिसकी वजह से फेफड़ों में एयर फ्लो रुकने लगता है जिसकी वजह से सांस लेने में अत्यधिक मुश्किल होने लगती है। यह एक गंभीर बीमारी है, जो जानलेवा भी साबित हो जाती है।
कैसे होती है सीओपीडी?
सीओपीडी की समस्या मुख्य तौर पर अत्यधिक धूम्रपान या धुएं की संपर्क में अधिक रहने की वजह से होती है। इस समस्या का एक प्रमुख कारण वायु प्रदूषण भी हो सकता है। वायु प्रदूषण एल्वीयोलर लेवल पर फेफड़ों को नुकसान पहुंचाते हैं। दरअसल एलवियोली एक ऐसी थैली है जहां पर कार्बन डाइऑक्साइड और ऑक्सीजन गैस का एक्सचेंज होता है पर बढ़ते हुए प्रदूषण की वजह से यह थैली डैमेज हो जाती है, जिसकी वजह से सांस लेने में तकलीफ होने लगती है।
सीओपीडी के लक्षण :
सीओपीडी की समस्या होने पर सांस लेने में तकलीफ, खांसी, गले में सरसराहट, सीने में जकड़न, सीने में दर्द और किसी भी काम को करने में जल्द थकान के लक्षण दिखाई देते हैं।
बढ़ते प्रदूषण में सीओपीडी से कैसे बचे ?
- फेफड़ों की समस्या से बचने के लिए फेफड़ों की सुरक्षा करना बहुत आवश्यक है। इसके लिए अपने रूटीन में कुछ बदलाव करना जरूरी है।
- धूम्रपान और धुआं फेफड़ों के लिए सबसे अधिक हानिकारक होता है। इसलिए फेफड़ों को हेल्दी रखने के लिए धूम्रपान से बचाना अत्यंत आवश्यक है।
- हवा में फैले प्रदूषण से बचने के लिए घर के अंदर एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल करना चाहिए।
- घर के अंदर वेंटिलेशन अच्छा होना चाहिए।
- घर से बाहर निकलने पर मास्क का इस्तेमाल करने से काफी हद तक वायु प्रदूषण के दुष्प्रभाव से बचा जा सकता है।
- नियमित तौर पर व्यायाम करने से फेफड़ों के कार्य क्षमता को बढ़ाया जा सकता है।
- सीओपीडी के लक्षण दिखाई देने पर इसे नजरअंदाज करने के बजाय जल्द से जल्द डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
- यदि किसी व्यक्ति को अस्थमा जैसी पुरानी बीमारियां हो तो उसे नियमित तौर पर जांच करना चाहिए और निर्धारित दवाओं का समय पर सेवन करना चाहिए।
इस थीम के साथ मनाया जा रहा World Vegan Day 2023, जानें इस दिन का इतिहास एवं महत्व