World Sparrow Day 2023- अब वो दिन बहुत ही कम जगहों पर देखने को मिलते हैं, जब सुबह उठते ही गौरैया की चीं- चीं की आवाज़ कानों में पड़ती है और मन प्रसन्न हो जाता है। ऐसा इसलिए क्योंकि अब गांव भी गांव नहीं रहे, तेज़ी से हो रहे नगरीकरण ने हर चीज़ को प्रभावित किया है। ऐसे में गौरेया की जो प्रजाति है वो भी कहीं विलुप्त होती जा रही है। बचपन में जहां बच्चे एक ओर इन छोटे आकार वाले पक्षियों को देखकर बड़े होते थे, तो वहीं अब इनके दर्शन ही नहीं होते हैं। इनके अस्तित्व पर ऐसा खतरा मंडरा रहा है कि अब इस पक्षी की प्रजाति को खत्म होने से बचाने के लिए विश्व भर में प्रयास किए जा रहे हैं। यही कारण है कि हर साल 20 मार्च को विश्व गौरैया दिवस मनाया जाता है। आइये इसका इतिहास और महत्व जानते हैं।
विश्व गौरैया दिवस का इतिहास-
बहुत तेज़ी से गौरेया पक्षी की प्रजाति विलुप्त हो रही है। विलुप्त होती इस प्रजाति के संरक्षण के लिए दुनियाभर में प्रयास किये जा रहे हैं। इसीलिए हर साल दुनिया के कई देशों में 20 मार्च को गौरैया दिवस मनाया जाता है। इसकी शुरुआत 2010 में हुई थी। भारत के नासिक के रहने वाले मोहम्मद दिलावर के प्रयासों की वजह से इस दिन की शुरुआत हुई। दिलावर ने नेचर फ़ॉर सोसाइटी नामक एक संस्था चालू की थी। ये संस्था गौरैया के संरक्षण के लिए बनाई गई थी। गौरेया दिवस के दिन अलग- अलग जगहों पर अलग- अलग तरह के कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है और लोगों को जागरूक करने का प्रयास किया जाता है। गौरेया के संरक्षण को लेकर लोगों को प्रेरित किया जाता है।
World Sparrow Day –
विश्व गौरेया दिवस का महत्व-
हर साल 20 मार्च को विश्व गौरेया दिवस इसलिए मनाया जाता है ताकि गौरैया की विलुप्त होती प्रजाति की ओर लोगों का ध्यान केंद्रित किया जा सके और उन्हें इसके संरक्षण के लिए जागरूक और प्रेरित किया जा सके।
विश्व गौरेया दिवस थीम 2023-
हर साल इस विशेष दिन की एक थीम निर्धारित की जाती है। इस साल विश्व गौरेया दिवस की थीम ‘I love Sparrows’ निर्धारित की गई है।