Akbar And Jodhabai : चर्चित मुगल बादशाह अकबर तथा राजकुमारी जोधाबाई की शादी की कहानी पूरी तरह से झूठी है। लम्बे रिसर्च तथा इतिहास के अध्ययन से यह साबित हुआ है कि अकबर तथा जोधाबाई की शादी होने की बात में कोई सच्चाई नहीं है। भारत के इतिहास को कलंकित करने के मकसद से अंग्रेज इतिहासकारों ने अकबर तथा राजकुमारी जोधाबाई की शादी की झूठी कहानी का प्रचार-प्रसार किया था। दुर्भाग्य से भारत के एक बड़े वर्ग ने अकबर तथा जोधाबाई की कहानी को सच मान लिया।
लेखक ने अपनी किताब में साबित किया है अकबर के साथ जोधाबाई की शादी के झूठ को
इतिहास का व्यापक अध्ययन इस बात को पूरी तरह से खारिज करता है कि अकबर तथा जोधाबाई की कभी शादी हुई थी। भारत के प्रसिद्ध लेखक मणिमुग्ध एस शर्मा ने इस विषय का व्यापक अध्ययन किया है। श्री शर्मा ने एक किताब लिखी है। उनकी किताब का शीर्षक है-‘‘अल्लाहु अकबर : अंडरस्टैडिंग द ग्रेट मुगल इन टडेज इण्डिया’’। श्री शर्मा अपनी किताब में लिखते हैं कि वास्तव में अकबर की चौथी पत्नी का नाम हीरा कंवर उर्फ हरखा बाई था, जो आमेर की राजकुमारी थी. पीरियड फिल्मों के महारथी फिल्ममेकर आशुतोष गोवारिकर ने अपनी फिल्म ‘जोधा अकबर’ में जोधाबाई को राजा भारमल की बेटी और अकबर की इकलौती पत्नी दिखाया है, जो कि तथ्यों से पूरी तरह अलग है। श्री शर्मा के मुताबिक, अकबर की पहली पत्नी रुकैया थी। अकबर उसी के सबसे करीब थे। कारण कि वो रिश्ते में उनकी चचेरी बहन और बचपन की दोस्त थी। हरखा बाई की तरह वो शादी के बाद मुगल नहीं बनी, बल्कि जन्म से ही मुगल थी।
आमेर की राजकुमारी नहीं थी जोधाबाई
आमेर एक छोटी रियासत था, जहां विरासत के लिए सियासत चल रही थी. आमेर के राजा थे- भारमल कछवाहा. हरखाबाई उन्हीं की बेटी थी। आमेर की गद्दी के लिए राजा भारमल का उनके भाई पूरनमल से मनमुटाव और संघर्ष चल रहा था, जिसे मुगल गवर्नर मिर्जा शरफुद्दीन का समर्थन मिल रहा था। आमेर पर पड़ोसी राठौर घराने की भी नजर थी. राजा भारमल कमजोर पड़ रहे थे और कई ओर से घिर गए थे। इस परिस्थिति में उन्होंने अकबर से सहायता मांगी, बदले में उन्होंने अपनी बेटी हरखा की शादी का प्रस्ताव रखा. अकबर ने यह प्रस्ताव स्वीकार कर लिया। इसके बाद उन्होंने अपने गवर्नर को हिदायत दी कि बंधक बनाए गए राजा भारमल के रिश्तेदारों को रिहा कर दे।
अपने पूरे जीवन हिंदू धर्म का पालन करती रहीं हरखा बाई!
अकबर ने जब हरखा बाई से शादी की, वह 20 वर्ष की थीं। इस शादी के बाद हरखा बाई के पिता राजा भारमल को उनकी रियासत वापस मिल गई। हरखा बाई को अकबर ने ‘मरियम-उज-जमानी का दिया। वो दौर था 1562 का, जब हरखा बाई को अकबर के हरम में एंट्री मिली। उन्हें अपने धर्म(हिंदू) से जुड़ीं सारी परंपराएं साथ लाने की इजाजत दी गई.हरखा, बादशाह अकबर की पहली गैर मुस्लिम पत्नी थीं, जिनका धर्मांतरण नहीं कराया गया। अकबर, हरखा बाई से खासे प्रभावित थे. उन्हीं के कहने पर अकबर ने गोमांस खाना छोड़ा. यहां तक कि अपने दरबारियों के भी गोमांस खाने पर प्रतिबंध लगा दिया। अकबर के इस फैसले से काफी लोग दुखी थे। इतिहासकार बदायूंनी भी। उन्होंने लिखा, “अकबर का हिंदुओं के साथ होने के कारण ही उन्होंने गोमांस पर प्रतिबंध लगा दिया. यहां तक कि लहसुन-प्याज खाने पर प्रतिबंध लगा दिया। वो दाढ़ी वाले लोगों के साथ संपर्क करने में भी कतराने लगे।”
राजस्थान के राज्यपाल ने साबित किया कि झूठ है अकबर तथा जोधाबाई की शादी
हाल ही में अकबर तथा जोधाबाई की शादी को लेकर एक बयान खूब वायरल हुआ है। अकबर तथा जोधाबाई की शादी को लेकर दिया गया यह वायरल बयाना राजस्थान के राज्यपाल हरिभाऊ बागडे ने दिया है। अपने बयान में राजस्थान (Rajasthan) के राज्यपाल हरिभाऊ बागड़े ने दावा किया है कि ब्रिटिश इतिहासकारों के शुरुआती प्रभाव की वजह से हिंदुस्तान के इतिहास में कई गलतियां दर्ज की गई हैं, जिनमें जोधाबाई और मुगल बादशाह अकबर की शादी की कहानी भी शामिल है। एक कार्यक्रम में बोलते हुए बागड़े ने दावा किया कि अकबरनामा में जोधा और अकबर के विवाह का कोई जिक्र नहीं है उन्होंने दावा किया, “ऐसा कहा जाता है कि जोधा और अकबर की शादी हुई थी और इस कहानी पर एक फिल्म भी बनी थी। इतिहास की किताबें भी यही कहती हैं, लेकिन यह झूठ है। भारमल नाम का एक राजा था और उसने एक दासी की बेटी की शादी अकबर से कर दी थी।” आमेर या अंबर, जयपुर के पास एक राजपूत राज्य था और सवाई जय सिंह द्वितीय द्वारा 1727 में राजधानी जयपुर ट्रांसफर करने से पहले कछवाहा राजपूतों द्वारा शासित था। बागड़े ने कहा, “अंग्रेजों ने हमारे नायकों का इतिहास बदल दिया. उन्होंने इसे ठीक से नहीं लिखा और इतिहास का उनका संस्करण शुरू में कुबूल कर लिया गया. बाद में, कुछ हिंदुस्तानियों ने इतिहास लिखा लेकिन यह अभी भी अंग्रेजों से प्रभावित था।”
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