स्वच्छता की दौड़ में इंदौर फिर अव्वल, 3 से 10 लाख की आबादी वाले शहरों की श्रेणी में नोएडा भी अव्वल

इंदौर की बेमिसाल सफाई यात्रा
कार्यक्रम में पुरस्कार ग्रहण करने पहुंचे इंदौर के महापौर पुष्यमित्र भार्गव और मध्यप्रदेश सरकार के मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने इस उपलब्धि को शहरवासियों के सामूहिक प्रयास का परिणाम बताया। विजयवर्गीय ने सोशल मीडिया पर लिखा, "सुपर स्वच्छ इंदौर यह सिर्फ पुरस्कार नहीं, बल्कि नागरिक चेतना की जीत है।"नोएडा की बड़ी छलांग
3 से 10 लाख की आबादी वाले शहरों की श्रेणी में नोएडा ने प्रथम स्थान हासिल कर एक नई पहचान बनाई है। इस श्रेणी में चंडीगढ़ दूसरे, मैसूर तीसरे, उज्जैन चौथे, गांधीनगर पांचवें और गुंटूर छठे पायदान पर रहे। 50 हजार से 3 लाख की आबादी वाले शहरों में नई दिल्ली ने अव्वल स्थान हासिल किया। इसके बाद तिरुपति, अंबिकापुर, लोणावला जैसे शहरों ने भी बेहतर प्रदर्शन किया। 20 से 50 हजार की श्रेणी में विटा, सासवद, देवलाली प्रवरा और डूंगरपुर जैसे शहर आगे रहे। 20 हजार से कम जनसंख्या वाले शहरों की श्रेणी में पंचगनी शीर्ष पर रहा, जबकि पाटन, पन्हाला, विश्रामपुर, और बुदनी ने भी शानदार सफाई मानकों के लिए स्थान पाया।
स्वच्छ भारत अभियान की यह उपलब्धि क्या दर्शाती है?
यह परिणाम न सिर्फ नगर निकायों की कार्यक्षमता को रेखांकित करते हैं, बल्कि यह भी दर्शाते हैं कि नागरिकों की सहभागिता, तकनीक का बेहतर उपयोग और कचरा प्रबंधन में पारदर्शिता किस प्रकार शहरों को स्वच्छता के मामले में देशभर में अग्रणी बना सकती है। इसी क्रम में आबादी के हिसाब से 3 से 10 लाख की आबादी वाले शहरों में नोएडा ने भी अव्वल स्थान पर रहकर इस शहर की स्वच्छता और कर्मठता को दिखाया है।अगली खबर पढ़ें
इंदौर की बेमिसाल सफाई यात्रा
कार्यक्रम में पुरस्कार ग्रहण करने पहुंचे इंदौर के महापौर पुष्यमित्र भार्गव और मध्यप्रदेश सरकार के मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने इस उपलब्धि को शहरवासियों के सामूहिक प्रयास का परिणाम बताया। विजयवर्गीय ने सोशल मीडिया पर लिखा, "सुपर स्वच्छ इंदौर यह सिर्फ पुरस्कार नहीं, बल्कि नागरिक चेतना की जीत है।"नोएडा की बड़ी छलांग
3 से 10 लाख की आबादी वाले शहरों की श्रेणी में नोएडा ने प्रथम स्थान हासिल कर एक नई पहचान बनाई है। इस श्रेणी में चंडीगढ़ दूसरे, मैसूर तीसरे, उज्जैन चौथे, गांधीनगर पांचवें और गुंटूर छठे पायदान पर रहे। 50 हजार से 3 लाख की आबादी वाले शहरों में नई दिल्ली ने अव्वल स्थान हासिल किया। इसके बाद तिरुपति, अंबिकापुर, लोणावला जैसे शहरों ने भी बेहतर प्रदर्शन किया। 20 से 50 हजार की श्रेणी में विटा, सासवद, देवलाली प्रवरा और डूंगरपुर जैसे शहर आगे रहे। 20 हजार से कम जनसंख्या वाले शहरों की श्रेणी में पंचगनी शीर्ष पर रहा, जबकि पाटन, पन्हाला, विश्रामपुर, और बुदनी ने भी शानदार सफाई मानकों के लिए स्थान पाया।
स्वच्छ भारत अभियान की यह उपलब्धि क्या दर्शाती है?
यह परिणाम न सिर्फ नगर निकायों की कार्यक्षमता को रेखांकित करते हैं, बल्कि यह भी दर्शाते हैं कि नागरिकों की सहभागिता, तकनीक का बेहतर उपयोग और कचरा प्रबंधन में पारदर्शिता किस प्रकार शहरों को स्वच्छता के मामले में देशभर में अग्रणी बना सकती है। इसी क्रम में आबादी के हिसाब से 3 से 10 लाख की आबादी वाले शहरों में नोएडा ने भी अव्वल स्थान पर रहकर इस शहर की स्वच्छता और कर्मठता को दिखाया है।संबंधित खबरें
अगली खबर पढ़ें







