Aurangzeb : मुगल शासक औरंगजेब की कब्र को हटाने की मांग को लेकर देशभर में विवाद गहराता जा रहा है। महाराष्ट्र के नागपुर में इस मुद्दे पर हिंसक झड़पें देखने को मिलीं। जिसके बाद अब उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में भी यह मामला तूल पकड़ चुका है। शिवसेना के एक नेता ने औरंगजेब की कब्र तोड़ने वाले को 5 बीघा जमीन और 11 लाख रुपये का इनाम देने की घोषणा कर दी है। इस बयान के बाद राजनीति गर्मा गई है और विभिन्न राजनीतिक दलों तथा संगठनों की प्रतिक्रियाएँ सामने आ रही हैं।
कैसे बढ़ा विवाद?
यह विवाद तब शुरू हुआ जब समाजवादी पार्टी के नेता अबू आजमी ने औरंगजेब को एक अच्छा शासक बताया। उनके इस बयान के बाद काफी विरोध हुआ। जिससे स्थिति और अधिक संवेदनशील हो गई। इसके अलावा, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भी इस मुद्दे पर टिप्पणी करते हुए कहा कि औरंगजेब का मकबरा हटाने की जरूरत है, हालांकि यह काम कानूनी दायरे में रहकर ही किया जाना चाहिए।
मुजफ्फरनगर में शिवसेना का प्रदर्शन
मंगलवार को मुजफ्फरनगर में शिवसेना कार्यकर्ताओं ने जिलाधिकारी कार्यालय के बाहर बड़े स्तर पर प्रदर्शन किया। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने “औरंगजेब मुर्दाबाद” और “भारत माता की जय” के नारे लगाए। प्रदर्शनकारियों की मांग थी कि देश में मौजूद सभी मुगल शासकों की कब्रें हटाई जाएँ और उनके नाम पर बनी सड़कों व स्मारकों का नाम बदला जाए।
शिवसेना नेता की इनाम घोषणा
शिवसेना के जिलाध्यक्ष बिट्टू सिखेड़ा ने बड़ा बयान देते हुए कहा कि जो भी औरंगजेब की कब्र तोड़ेगा ,उसे 5 बीघा जमीन और 11 लाख रुपये इनाम के रूप में दिया जाएगा। इस घोषणा ने विवाद को और अधिक भड़का दिया है। इसके साथ ही, शिवसेना कार्यकर्ताओं ने प्रधानमंत्री से यह भी मांग की है कि नागपुर हिंसा में शामिल सभी दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाए और औरंगजेब के समर्थन में आवाज उठाने वालों की भारतीय नागरिकता रद्द कर उन्हें पाकिस्तान या बांग्लादेश भेजा जाए।
राजनीतिक और सामाजिक प्रतिक्रियाएँ
शिवसेना की इस घोषणा के बाद राजनीतिक गलियारों में हलचल तेज हो गई है। कुछ संगठनों ने इसे देश में सांप्रदायिक तनाव को बढ़ाने वाला कदम बताया है । वहीं कुछ समूहों ने इसे देश की ऐतिहासिक विरासत से छेड़छाड़ करार दिया है। बीजेपी सांसद उदयनराजे भोसले जो छत्रपति शिवाजी महाराज के वंशज हैं ने भी औरंगजेब की कब्र को हटाने की मांग उठाई थी। इस मांग के समर्थन में विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल ने भी अपनी आवाज बुलंद की और चेतावनी दी कि यदि सरकार इस संबंध में कोई ठोस कदम नहीं उठाती तो वे खुद प्रदर्शन करेंगे। Aurangzeb
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