Operation Sindoor : महाराष्ट्र राज्य साइबर विभाग ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण एडवाइजरी जारी की है, जिसमें नागरिकों से सीमा पार बढ़ते तनाव के बीच डिजिटल प्लेटफार्मों पर फैली फर्जी खबरों से सावधान रहने की अपील की गई है। इस एडवाइजरी का उद्देश्य सार्वजनिक सुरक्षा और राष्ट्रीय अखंडता को बनाए रखना है, विशेष रूप से ऐसे समय में जब सोशल मीडिया और अन्य डिजिटल चैनलों पर गलत सूचनाओं का प्रसार तेज हो गया है।
क्या काम करता है महाराष्ट्र साइबर विभाग ?
महाराष्ट्र साइबर विभाग के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक कार्यालय ने बताया कि वह साइबर सुरक्षा प्रवर्तन और साइबर अपराधों की जांच में नोडल एजेंसी के रूप में काम करता है। यह विभाग लगातार सोशल मीडिया और डिजिटल प्लेटफार्मों पर गलत सूचना, भ्रामक जानकारी और समाज को नुकसान पहुँचाने वाली गतिविधियों पर निगरानी रखता है। वर्तमान में, यह विशेष ध्यान सीमा पार तनाव के बीच चल रहे घटनाक्रमों और विकासों पर केंद्रित है, जिनसे संबंधित जानकारी नागरिकों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।
फर्जी खबरों पर जताई चिंता
हालांकि, महाराष्ट्र साइबर विभाग ने चिंता जताई है कि इस गंभीर समय में कई तरह की फर्जी खबरें भी सोशल मीडिया पर फैलाई जा रही हैं। इन खबरों में सैन्य आंदोलनों, पड़ोसी देशों की कथित प्रतिक्रियाओं और अन्य संवेदनशील मुद्दों से संबंधित गलत और भ्रामक जानकारी शामिल है। ऐसे फर्जी समाचार न केवल जनता को गुमराह करते हैं, बल्कि सामाजिक अशांति और भ्रम भी उत्पन्न करते हैं। कुछ असामाजिक तत्व इन फर्जी खबरों का निर्माण करके जन भावना को प्रभावित करने और दहशत फैलाने का प्रयास कर रहे हैं।
पोस्ट हटाने की नोटिस जारी
महाराष्ट्र साइबर विभाग ने इस तरह की गलत जानकारी फैलाने वाले पोस्ट्स को हटाने के लिए कई नोटिस जारी किए हैं। विभाग सोशल मीडिया प्लेटफार्मों और अन्य संचार माध्यमों से गलत सूचना के प्रसार को रोकने के लिए प्लेटफार्म ऑपरेटरों और प्रवर्तन एजेंसियों के साथ लगातार समन्वय कर रहा है। यह सुनिश्चित करना कि जानकारी सटीक और सत्य हो, विभाग की प्राथमिकता है, ताकि एक सुरक्षित और भरोसेमंद सूचना पारिस्थितिकी तंत्र बनाया जा सके।
लोगो से की ख़ास अपील
महाराष्ट्र साइबर विभाग ने नागरिकों से आग्रह किया है कि वे खासकर राष्ट्रीय सुरक्षा और रक्षा मामलों से संबंधित जानकारी साझा करते वक्त संयम और विवेक का पालन करें। गलत सूचना फैलाना, चाहे जानबूझकर हो या अनजाने में, भारतीय कानून के तहत दंडनीय अपराध है। विभाग ने नागरिकों से अपील की है कि वे केवल आधिकारिक सरकारी स्रोतों और सत्यापित प्लेटफार्मों पर जारी जानकारी पर भरोसा करें, खासकर जब बात राष्ट्रीय सुरक्षा या सीमा से संबंधित मामलों की हो। Operation Sindoor :
सोशल मीडिया पर अफवाहों से सतर्क रहना क्यों जरूरी है और कैसे बचें?
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