Karnataka : कर्नाटक में मुस्लिम आरक्षण के मुद्दे पर संसद में बड़ा संग्राम देखने को मिला। सोमवार को संसद के दोनों सदनों में इस विषय पर जबरदस्त बहस हुई, जहां भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने कांग्रेस पर संविधान की अवहेलना करने का आरोप लगाया। राज्यसभा में बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा और संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कांग्रेस को इस मुद्दे पर घेरा और स्पष्ट जवाब देने की मांग की।
बीजेपी का आरोप – संविधान की अनदेखी
बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने राज्यसभा में कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा कि संविधान में धर्म के आधार पर आरक्षण की कोई व्यवस्था नहीं है। उन्होंने कहा कि भारतीय संविधान के निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर ने साफ शब्दों में उल्लेख किया था कि धर्म के आधार पर आरक्षण नहीं दिया जाएगा। इसके बावजूद, कांग्रेस पार्टी मुस्लिम आरक्षण की बात कर रही है, जो संविधान के खिलाफ है।
नड्डा ने कहा कि कांग्रेस पार्टी संविधान की धज्जियां उड़ा रही है और इसे अपने राजनीतिक फायदे के लिए बदलने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कांग्रेस से सवाल किया कि क्या वे संविधान में संशोधन कर मुस्लिमों को विशेष आरक्षण देना चाहते हैं।
रिजिजू का बयान – संवैधानिक संकट की चेतावनी
संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने भी कांग्रेस पर तीखा हमला किया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता, जो एक संवैधानिक पद पर भी आसीन हैं, ने मुस्लिम आरक्षण के लिए संविधान में बदलाव की बात कही है। रिजिजू ने इस बयान को संविधान पर सीधा हमला करार दिया और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से इस पर स्थिति स्पष्ट करने की मांग की।
उन्होंने कहा कि यह विषय केवल एक राजनीतिक बहस का नहीं, बल्कि देश की संवैधानिक व्यवस्था से जुड़ा गंभीर मुद्दा है। अगर धर्म के आधार पर आरक्षण देने की बात की जा रही है, तो यह संविधान की मूल आत्मा के विपरीत होगा।
कांग्रेस का पक्ष और सदन में हंगामा
इस मुद्दे को लेकर संसद में सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच जबरदस्त हंगामा हुआ। कांग्रेस की ओर से अभी तक इस पर कोई औपचारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन पार्टी के कुछ नेताओं ने इस बहस को बीजेपी का राजनीतिक स्टंट बताया है।
कांग्रेस के कुछ नेताओं का कहना है कि मुस्लिम समुदाय के पिछड़े वर्गों को सामाजिक और शैक्षिक पिछड़ेपन के आधार पर आरक्षण देने की मांग की जा रही है, न कि धर्म के आधार पर।
क्या है मुस्लिम आरक्षण का विवाद?
कर्नाटक में मुस्लिम समुदाय को अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के तहत आरक्षण मिलता था, लेकिन राज्य की बीजेपी सरकार ने इसे खत्म कर दिया था। अब कांग्रेस सरकार इस व्यवस्था को फिर से लागू करने की कोशिश कर रही है। इसी को लेकर बीजेपी और कांग्रेस आमने-सामने हैं। Karnataka
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