Monday, 17 March 2025

मनसुख मंडाविया का विजन: 2047 तक भारत बने स्पोर्ट्स महाशक्ति

Mansukh Mandaviya: केंद्रीय खेल मंत्री मनसुख मंडाविया(Mansukh Mandaviya) ने व्हाट गुजरात थिंक्स टुडे’ कार्यक्रम में शिक्षा और खेलों के महत्व…

मनसुख मंडाविया का विजन: 2047 तक भारत बने स्पोर्ट्स महाशक्ति

Mansukh Mandaviya: केंद्रीय खेल मंत्री मनसुख मंडाविया(Mansukh Mandaviya) ने व्हाट गुजरात थिंक्स टुडे’ कार्यक्रम में शिक्षा और खेलों के महत्व पर अपनी बात साझा की। उन्होंने यह बताया कि आजकल बच्चों के समग्र विकास के लिए खेलों का महत्व शिक्षा से कम नहीं है। मंडाविया(Mansukh Mandaviya) ने कहा कि भारत में खेलों के प्रति दृष्टिकोण में भारी बदलाव आया है, और अब माता-पिता अपने बच्चों को पढ़ाई के साथ-साथ खेलों में भी भाग लेने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं। खेलों में बेहतर भविष्य की संभावनाओं के बारे में बात करते हुए उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत में खेलों की संस्कृति को नया दिशा मिल रहा है और 2047 तक भारत को दुनिया के टॉप 5 स्पोर्ट्स देशों में शामिल करने का लक्ष्य है।

भारत में खेलों का महत्व बढ़ा:Mansukh Mandaviya

केंद्रीय खेल मंत्री ने खेलों को अब सिर्फ मनोरंजन का माध्यम नहीं, बल्कि एक पेशेवर करियर के रूप में देखा जाने की बात की। उन्होंने कहा कि अब खेलों में भी रोजगार के अवसर मिल रहे हैं, जिससे युवा खिलाड़ी अपना करियर बनाने के साथ-साथ समाज में अपनी पहचान भी बना सकते हैं। मंडाविया (Mansukh Mandaviya) ने बताया कि पहले जहां लोग अपने बच्चों को सिर्फ पढ़ाई के लिए प्रेरित करते थे, वहीं अब बच्चों को खेलों में भी अच्छा प्रदर्शन करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। उनका(Mansukh Mandaviya) मानना है कि खेलों में कामयाबी मिलने पर खिलाड़ियों को नौकरी, आय और पहचान तीनों मिल सकते हैं। इसके साथ ही, प्रधानमंत्री मोदी के खेलों के प्रति दृष्टिकोण को लेकर उन्होंने कहा कि 2047 तक भारत को खेल महाशक्ति बनाने का रोडमैप तैयार किया जा रहा है।

खेलों में सुधार और विकास के लिए नए कदम

मंडाविया(Mansukh Mandaviya) ने आगे कहा कि जून और जुलाई 2025 में ‘टैलेंट हंट’ अभियान शुरू होगा, जिसमें 30,000 से अधिक खेल अधिकारी देशभर के स्कूलों में बच्चों की खेल प्रतिभा का चयन करेंगे। हर जिले में एक स्पोर्ट्स स्कूल स्थापित किया जाएगा, जहां बच्चों को खेल, कोचिंग, न्यूट्रिशन और शिक्षा की सुविधा मिलेगी। उन्होंने यह भी बताया कि खिलाड़ियों का चयन पूरी तरह से पारदर्शी होगा और ओपन कॉम्पिटिशन में उनकी क्षमताओं का मूल्यांकन किया जाएगा। इसके अलावा, हर खेल के लिए एक कॉर्पोरेट पार्टनर और एक्सीलेंस सेंटर भी स्थापित किया जाएगा, जहां चुने हुए खिलाड़ी विशेष ट्रेनिंग प्राप्त करेंगे और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बेहतर प्रदर्शन करने के लिए तैयार होंगे। इस प्रक्रिया से भारत में खेलों का स्तर और भी ऊंचा होगा, और खिलाड़ी दुनिया भर में अपनी पहचान बना सकेंगे।Mansukh Mandaviya:

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