Saturday, 26 April 2025

नरेंद्र मान की एंट्री: तहव्वुर राणा केस में सरकार का मास्टरस्ट्रोक!

 Tahawwur rana : 26/11 मुंबई हमले से जुड़े तहव्वुर राणा मामले में बड़ी कार्रवाई करते हुए भारत सरकार ने वरिष्ठ…

नरेंद्र मान की एंट्री: तहव्वुर राणा केस में सरकार का मास्टरस्ट्रोक!

 Tahawwur rana : 26/11 मुंबई हमले से जुड़े तहव्वुर राणा मामले में बड़ी कार्रवाई करते हुए भारत सरकार ने वरिष्ठ अधिवक्ता नरेंद्र मान को विशेष सरकारी वकील के रूप में नियुक्त किया है। उनकी यह नियुक्ति तीन वर्षों के लिए की गई है। नरेंद्र मान एक अनुभवी और प्रखर कानूनी विशेषज्ञ माने जाते हैं, जिन्होंने कई संवेदनशील मामलों में सरकार का सफलतापूर्वक प्रतिनिधित्व किया है। इस महत्वपूर्ण केस में उनकी भूमिका न केवल न्याय दिलाने की दिशा में अहम होगी, बल्कि यह भारत की कानूनी प्रणाली की गंभीरता और प्रतिबद्धता का भी प्रतीक है। तहव्वुर राणा पर 26/11 हमले की साजिश में शामिल होने के आरोप हैं, और अब यह देखना दिलचस्प होगा कि नरेंद्र मान किस प्रकार से इस केस को कानूनी मोर्चे पर मजबूती से आगे बढ़ाते हैं।

 तहव्वुर राणा कौन है?

  • तहव्वुर हुसैन राणा एक पाकिस्तानी मूल का नागरिक है, जो 2008 के मुंबई आतंकी हमले की साजिश में शामिल रहा है।

  • वह इस समय अमेरिका से भारत प्रत्यर्पण की प्रक्रिया के तहत लाया जा रहा है।

  • इस केस में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने जांच की जिम्मेदारी संभाली है। Tahawwur rana :

 नरेंद्र मान की नियुक्ति क्यों अहम है?

  • भारत सरकार ने एनआईए प्रकरण संख्या RC-04/2009/NIA/DLI में नरेंद्र मान को विशेष सरकारी अधिवक्ता के रूप में नियुक्त किया है।

  • इस केस में राणा और डेविड कोलमैन हेडली के खिलाफ साजिश का आरोप है।

  • नरेंद्र मान अब इस केस की सुनवाई NIA की स्पेशल कोर्ट, दिल्ली और अन्य संबंधित अदालतों में करेंगे। Tahawwur rana :

 कौन हैं नरेंद्र मान?

  • नरेंद्र मान एक अनुभवी और प्रसिद्ध वकील हैं, जिन्हें हाई-प्रोफाइल मामलों की कानूनी रणनीति में महारत हासिल है।

  • उन्होंने पहले भी CBI के लिए स्पेशल पब्लिक प्रॉसिक्यूटर के तौर पर कई बड़े केस लड़े हैं।

  • उनकी गहरी कानूनी समझ और केस हैंडलिंग क्षमता को देखते हुए ही सरकार ने उन्हें यह महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी है।

 उनकी नियुक्ति की शर्तें क्या हैं?

  • उनकी नियुक्ति की अवधि तीन साल की होगी, जो अधिसूचना की तारीख से प्रभावी मानी जाएगी।

  • यदि इस दौरान केस का ट्रायल पूरा हो जाता है, तो उनकी जिम्मेदारी भी वहीं समाप्त हो जाएगी।

कसाब को सज़ा दिलाने में हाथ था?

  • आतंकी अजमल कसाब को सुरक्षा बलों ने 2008 के हमले के दौरान ज़िंदा पकड़ा था।

  • मशहूर वकील उज्ज्वल निकम ने महाराष्ट्र सरकार की ओर से केस की पैरवी की थी।

  • अदालत ने कसाब को फांसी की सजा सुनाई थी, जिसे 21 नवंबर 2012 को पुणे की यरवडा जेल में अंजाम दिया गया।   Tahawwur rana :

 

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