National News : देश की एकता और अखंडता को तोड़ने वाली घटनाएं जब होती हैं, तो उसका असर सिर्फ सीमित क्षेत्रों तक नहीं रहता। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले का खामियाजा अब देश के अन्य हिस्सों में पढ़ाई कर रहे कश्मीरी छात्रों को भी भुगतना पड़ रहा है। उत्तराखंड की राजधानी देहरादून से आ रही ताजा खबरों ने न केवल चिंताएं बढ़ाई हैं, बल्कि सोशल मीडिया पर भी व्यापक बहस छेड़ दी है।
क्या है पूरा मामला?
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हाल ही में पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद, एक कट्टरपंथी संगठन ‘हिंदू रक्षा दल’ ने देहरादून में रह रहे कश्मीरी छात्रों को राज्य छोड़ने की खुली धमकी दी है।
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सोशल मीडिया पर एक के बाद एक कई धमकी भरे वीडियो और पोस्ट वायरल हो रहे हैं, जिनमें इन छात्रों को “देवभूमि” छोड़ने के लिए कहा गया है।
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इससे डरे-सहमे छात्र अब सुरक्षा की मांग को लेकर पुलिस और प्रशासन के संपर्क में हैं।
पुलिस प्रशासन का क्या कहना है?
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देहरादून के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (SSP) अजय सिंह ने मामले को गंभीरता से लेते हुए संबंधित थानों को सतर्क रहने और कश्मीरी छात्रों के साथ नियमित संपर्क में रहने के निर्देश दिए हैं।
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SSP ने बताया कि 24 से अधिक आपत्तिजनक सोशल मीडिया पोस्ट हटवाए गए हैं और मामले की जांच की जा रही है।
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पुलिस ने छात्रों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए सभी शिक्षण संस्थानों और पीजी संचालकों को सख्त निर्देश जारी किए हैं।
छात्रों से मुलाकात और सुरक्षा का भरोसा
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SSP अजय सिंह ने खुद प्रेमनगर, सुद्धोवाला, नंदा की चौकी और सेलाकुई जैसे इलाकों में जाकर कश्मीरी छात्रों से मुलाकात की और उन्हें हरसंभव सुरक्षा देने का भरोसा दिया।
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जम्मू-कश्मीर छात्र संघ के संयोजक नसीर खुएहामी ने भी उत्तराखंड के डीजीपी दीपम सेठ से इस मामले में बात की और एफआईआर दर्ज करने की मांग की। National News :
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