Friday, 18 April 2025

National News : पूंजीगत व्यय में कोई कटौती नहीं: निर्मला सीतारमण

National News : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने राज्यसभा में सोमवार को दिए गए बयान में स्पष्ट किया कि सरकार…

National News : पूंजीगत व्यय में कोई कटौती नहीं: निर्मला सीतारमण

National News : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने राज्यसभा में सोमवार को दिए गए बयान में स्पष्ट किया कि सरकार ने पूंजीगत व्यय (Capex) में कोई कटौती नहीं की है। उन्होंने यह भी बताया कि वित्त वर्ष 2025-26 के लिए पूंजीगत व्यय को बढ़ाकर 11.21 लाख करोड़ रुपये कर दिया गया है। इसके अलावा, राज्यों को दिए जाने वाले ब्याजमुक्त ऋण में भी वृद्धि की गई है। आइए जानते हैं इस महत्वपूर्ण विषय के बारे में विस्तार से।

पूंजीगत व्यय में वृद्धि

राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान वित्त मंत्री ने कहा कि 2024-25 में पूंजीगत व्यय का अनुमान 11.11 लाख करोड़ रुपये था, जबकि अब यह बढ़कर 11.21 लाख करोड़ रुपये हो गया है। यह वृद्धि सरकार की आर्थिक नीति को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जिससे देश की अवसंरचना और विकास कार्यों में तेजी लाई जा सकेगी। सीतारमण ने यह भी बताया कि इस साल के बजट में पूंजीगत व्यय में किसी भी प्रकार की कटौती नहीं की गई है, बल्कि इसमें और बढ़ोतरी की गई है, जो सरकार के विकास-oriented दृष्टिकोण को प्रदर्शित करता है।

राज्यों को अतिरिक्त सहायता

वित्त मंत्री ने यह भी बताया कि राज्यों को पूंजीगत व्यय के लिए जो ब्याजमुक्त 50 वर्षीय विशेष सहायता योजना के तहत ऋण मिलता है, उसमें भी इस वर्ष वृद्धि की गई है। इस वृद्धि से राज्यों को अपनी परियोजनाओं के लिए और अधिक वित्तीय सहायता मिलेगी, जो राज्य स्तर पर विकास और इंफ्रास्ट्रक्चर निर्माण को और गति प्रदान करेगा।

विपक्षी सवालों का जवाब

पूर्व वित्त मंत्री और कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम ने वित्त वर्ष 2025 के संशोधित बजट अनुमान में पूंजीगत व्यय में कटौती किए जाने को लेकर सवाल उठाए थे। उनका आरोप था कि इस वर्ष का संशोधित बजट 11.11 लाख करोड़ रुपये से घटाकर 10.18 लाख करोड़ रुपये कर दिया गया है, जो एक चिंताजनक बात है। सीतारमण ने इस पर स्पष्ट किया कि सरकार ने इस बात को सुनिश्चित किया है कि किसी भी तरह की कटौती नहीं की जाए और यह केवल अनुमानों का बदलाव था।

केंद्र की निगरानी प्रणाली

सीतारमण ने यह भी कहा कि केंद्र सरकार लगातार यह सुनिश्चित करती है कि राज्यों द्वारा प्राप्त वित्तीय सहायता का सही इस्तेमाल हो। उन्होंने कहा, “जब धनराशि राज्यों को भेजी जाती है, तो केंद्र को तत्काल यह जानकारी नहीं होती कि उसे किस मद में खर्च किया गया है। हालांकि, समय के साथ, डिजिटल माध्यमों से यह सुनिश्चित किया जाता है कि धन का उपयोग पूंजीगत व्यय में किया जा रहा है या नहीं।”

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