National News : हाल के वर्षों में, भारत और उसके पड़ोसी देशों में लगातार भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। म्यांमार और थाईलैंड में आए हालिया भूकंप ने भारी तबाही मचाई, जिससे भारत में भी सतर्कता बढ़ गई है। देश का लगभग 59% हिस्सा भूकंप संभावित क्षेत्रों में आता है, जिससे सुरक्षा उपायों को मजबूत करने की जरूरत और बढ़ जाती है। भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) के अनुसार, देश को भूकंपीय संवेदनशीलता के आधार पर चार जोनों में विभाजित किया गया है, जिसमें जोन V सबसे अधिक संवेदनशील क्षेत्र है।
भारत में प्रमुख विनाशकारी भूकंप
- 1905, कांगड़ा (हिमाचल प्रदेश): तीव्रता 8.0, लगभग 19,800 लोगों की मृत्यु।
- 2001, भुज (गुजरात): तीव्रता 7.9, 12,932 लोगों की जान गई और 890 गांव नष्ट हुए।
- 2005, कश्मीर: तीव्रता 7.6, हजारों लोगों की मृत्यु।
- 1993, लातूर (महाराष्ट्र): तीव्रता 6.2, 9,000 से अधिक मौतें।
- 2025, दिल्ली: 4.0 तीव्रता का भूकंप महसूस किया गया।
भूकंप सुरक्षा के लिए सरकार की प्रमुख पहल
1. भूकंपीय वेधशालाओं की वृद्धि
2014 में भारत में मात्र 80 भूकंप मापन केंद्र थे, जो अब बढ़कर 168 हो गए हैं। यह देशभर में भूकंपीय गतिविधियों की निगरानी को मजबूत करने में सहायक है।
2. विशेष जागरूकता कार्यक्रम
राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) ने मार्च 2025 में दूरदर्शन पर “आपदा का सामना” नामक कार्यक्रम लॉन्च किया, जिससे जनता को भूकंप से बचाव के उपायों की जानकारी दी जाती है।
3. 10 सूत्री आपदा प्रबंधन योजना
2016 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक व्यापक 10 बिंदु योजना पेश की, जो 2047 तक भारत को आपदा-रोधी बनाने की दिशा में कार्यरत है।
4. निर्माण मानकों को मजबूत बनाना
भूकंप संभावित क्षेत्रों में भवन निर्माण मानकों को कड़ा किया गया है ताकि भूकंप के दौरान संरचनाएं सुरक्षित रह सकें।
5. हिमालयी क्षेत्र में विशेष तैयारी
हिमालयी क्षेत्रों में भूकंप चेतावनी प्रणाली को विकसित करने और आपदा प्रबंधन उपायों को लागू करने पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।
6. भूकंप बीमा और जोखिम प्रबंधन
सरकार ने भूकंप से प्रभावित क्षेत्रों में बीमा योजनाएं लागू की हैं ताकि नुकसान की भरपाई की जा सके।
7. भूकैम्प ऐप
राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र (NCS) द्वारा विकसित यह ऐप वास्तविक समय में भूकंप की जानकारी प्रदान करता है।
आपदा प्रबंधन में प्रमुख सरकारी एजेंसियाँ
1. राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF)
- 2005 में गठित, यह बल आपदा प्रबंधन में अग्रणी भूमिका निभाता है।
- वर्तमान में 16 बटालियन कार्यरत हैं, प्रत्येक में 1,149 कर्मी तैनात हैं।
2. राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र (NCS)
- भारत में भूकंप गतिविधियों की निगरानी करता है।
- उन्नत तकनीकों का उपयोग करके राष्ट्रीय और राज्य एजेंसियों को डेटा प्रदान करता है।
3. राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA)
- 2005 में गठित, यह एजेंसी आपदा प्रबंधन नीतियों को बनाती और लागू करती है।
- प्रधानमंत्री इसके अध्यक्ष होते हैं।
4. राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन संस्थान (NIDM)
- 1995 में स्थापित, यह संस्थान आपदा प्रबंधन प्रशिक्षण और अनुसंधान पर केंद्रित है।
भूकंप से बचाव के लिए अन्य महत्वपूर्ण उपाय
1. भूकंप सुरक्षा दिशा-निर्देश
- गृह स्वामियों की मार्गदर्शिका (2019): सुरक्षित और आपदा-रोधी घरों के निर्माण के लिए दिशानिर्देश।
- सरलीकृत दिशा-निर्देश (2021): नए घर बनाने और फ्लैट खरीदने वालों के लिए विशेष मार्गदर्शन।
2. भूकंप पूर्व चेतावनी प्रणाली (EEW)
- हिमालयी क्षेत्रों में भूकंप पूर्व चेतावनी प्रणाली विकसित करने पर शोध जारी है।
- NCS देशभर में भूकंप की तीव्रता और प्रभाव का डेटा सार्वजनिक रूप से साझा करता है।
3. भूकंप जोखिम इंडेक्सिंग (EDRI)
- NDMA द्वारा शहरों में भूकंप जोखिम का मूल्यांकन किया जाता है।
- पहले चरण में 50 शहर और दूसरे चरण में 16 अतिरिक्त शहरों को शामिल किया गया। National News :
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