Friday, 25 April 2025

अब टोल प्लाजा नहीं, सेटेलाइट काटेगा टोल: GNSS सिस्टम जल्द लागू

GNSS Toll : भारत में टोल भुगतान प्रणाली में बड़ा बदलाव आने वाला है। केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी…

अब टोल प्लाजा नहीं, सेटेलाइट काटेगा टोल: GNSS सिस्टम जल्द लागू

GNSS Toll : भारत में टोल भुगतान प्रणाली में बड़ा बदलाव आने वाला है। केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने हाल ही में नागपुर में आयोजित एक कार्यक्रम में यह संकेत दिया कि सरकार जल्द ही सेटेलाइट आधारित GNSS टोल कलेक्शन सिस्टम लागू करने जा रही है। यह तकनीक मौजूदा फास्टैग सिस्टम की जगह लेगी और हाईवे पर प्रवेश करते ही टोल स्वतः कट जाएगा।

कैसे काम करेगा यह नया सिस्टम (GNSS Toll)?

GNSS यानी ग्लोबल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम वाहनों को रीयल-टाइम में ट्रैक करता है। इस तकनीक की खास बात यह है कि वाहन मालिक को उसी हिसाब से टोल देना होगा जितनी दूरी उसने हाईवे पर तय की है। इसका मतलब यह है कि अब फिक्स टोल की जगह “पे-पर-यूज़” सिस्टम लागू होगा। इससे न सिर्फ पारदर्शिता बढ़ेगी बल्कि वाहन चालकों को अनावश्यक शुल्क से भी राहत मिलेगी। GNSS Toll :

फास्टैग से आगे की तकनीक

फास्टैग प्रणाली ने टोल बूथों पर लगने वाली लंबी कतारों को काफी हद तक खत्म किया है, लेकिन इसमें कई तकनीकी और प्रशासनिक खामियां भी सामने आई हैं। GNSS आधारित प्रणाली में टोल बूथ की जरूरत नहीं पड़ेगी। वाहन हाईवे पर चढ़ते ही सैटेलाइट से ट्रैक हो जाएगा और यात्रा खत्म होते ही उतना टोल ऑटोमैटिक कट जाएगा। फिलहाल इसे कुछ शहरों में ट्रायल मोड में शुरू किया गया है।

सरकार और जनता दोनों को फायदा

यह नई तकनीक सरकार को टोल चोरी रोकने में मदद करेगी और साथ ही वाहन चालकों को भी उनकी दूरी के अनुसार ही भुगतान करना होगा। शुरुआती चरण में यह सिस्टम फास्टैग के साथ ही काम करेगा, जिसमें विशेष टोल लेन को अपग्रेड किया जाएगा। धीरे-धीरे इसे पूरे देश में लागू किया जाएगा। नितिन गडकरी ने कहा है कि यह प्रणाली अप्रैल के अंत तक शुरू की जा सकती है। GNSS Toll :

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