Sunday, 25 May 2025

अब यह ‘ऑपरेशन सिंदूर’ नहीं छिड़ गई गया है पूरा युद्ध, आई 1971 की याद

Operation Sindoor : ‘ऑपरेशन सिंदूर’ से शुरू हुआ अभियान अब युद्ध में बदल गया है। भारत तथा पाकिस्तान के बीच…

अब यह ‘ऑपरेशन सिंदूर’ नहीं छिड़ गई गया है पूरा युद्ध, आई 1971 की याद

Operation Sindoor : ‘ऑपरेशन सिंदूर’ से शुरू हुआ अभियान अब युद्ध में बदल गया है। भारत तथा पाकिस्तान के बीच अब यह केवल ऑपरेशन सिंदूर तक सीमित मामला नहीं बचा है। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की जबरदस्त सफलता के बाद बौखलाए हुए पाकिस्तान ने भारत के विरुद्ध युद्ध छेड़ दिया है। इस दौरान भारत तथा पाकिस्तान के पुराने लोगों को वर्ष 1971 के युद्ध की याद भी आ गई है। असल में भारत तथा पाकिस्तान के बीच 1948 से लेकर अब तक चार युद्ध हो चुके हैं। बड़ी बात यह हो रही कि किसी भी युद्ध में भारत की तरफ से आधिकारिक तौर पर युद्ध की घोषणा नहीं की गई।

पूर्ण युद्ध को समझना बहुत ही जरूरी है

‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद भारत तथा पाकिस्तान के बीच पूर्ण युद्ध शुरू हो चुका है। यह अलग बात है कि अभी तक किसी भी स्तर से युद्ध के आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है। पूर्ण युद्ध के तमाम इतिहास यही बताते हैं कि युद्ध की भले ही अचानक शुरुआत होती है किंतु युद्ध किसी बड़ी बीमारी की तरह धीरे-धीरे फैलता है युद्ध की शुरुआत आमतौर पर राजनैतिक बयानबाजियों से होती है, जिसकी जड़ में कोई घटना हो सकती है. जैसे भारत और पाकिस्तान की बात करें तो पहलगाम हमले को पाकिस्तान-प्रायोजित आतंकी हमला माना गया. और भारत ने कूटनीतिक कदम के साथ-साथ इस्लामाबाद के साथ कुछ संधियां तोड़ दीं।

इसके बाद से दोनों देशों ने एक-दूसरे पर कई पाबंदियां लगानी शुरू कर दीं। तीसरे चरण के तहत सीमा पर सैनिकों का मोबेलाइजेशन हुआ. इसी बीच भारत ने पाकिस्तान और पीओके में छांट-छांटकर आतंकी ठिकानों पर अटैक कर दिया। भारत ने इसे ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का नाम दिया। खुली जंग में लड़ाई देश की सीमाओं तक सीमित न रहकर पूरे देश में कहीं भी हो सकती है। दुश्मन कहीं भी आकस्मिक हमले कर सकता है। भारतीय संविधान में जंग के एलान की कोई सीधी प्रोसेस नहीं, हालांकि इसमें नेशनल इमरजेंसी की बात जरूर है। अगर घोषणा की बात आ ही जाए तो राष्ट्रपति के पास इसका अधिकार है। ऐसा ऐलान कभी नहीं होता कि देश फुल स्केल जंग में है। संविधान का आर्टिकल 352, जिसमें राष्ट्रीय आपातकाल की घोषणा का नियम है, युद्ध जैसी स्थिति से निपटने का सबसे सटीक तरीका माना जाता है। राष्ट्रपति सेना के सर्वोच्च कमांडर हैं, यानी ये अधिकार उनके पास है। लेकिन वे खुद फैसला नहीं ले सकते, उन्हें सरकार की सलाह लेनी होती है. अगर कभी युद्ध या शांति की कोई औपचारिक घोषणा हो तो राष्टï्रपति, पीएम और कैबिनेट की सलाह पर ऐसा करते हैं।

पहले भी कभी नहीं हुआ युद्घ का खुला ऐलान

‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद भारत तथा पाकिस्तान का युद्घ शुरू हो चुका है। इस युद्घ का विधिवित ऐलान नहीं हुआ है और न ही ऐलान होगा। पहले भी ऐसा ही होता रहा है। भारत तथा पाकिस्तान के बीच पहली जंग कश्मीर को लेकर वर्ष-1948 में हुई थी, जब पाक के कबीलाई लड़ाके और सैनिक जम्मू-कश्मीर में घुस आए. उस वक्त भारत ने कश्मीर की मदद की. लेकिन दोनों में से किसी देश ने अपने यहां लड़ाई का एलान नहीं किया, बस लड़ाई शुरू कर दी। इसके बाद वर्ष 1960 के दशक में भारत-चीन लड़ाई में भी ऐसा ही हुआ। चीन ने अचानक सीमा पर बड़ी सैन्य कार्रवाई शुरू कर दी। किसी ने कोई एलान नहीं किया था। साल 1965 का भारत-पाकिस्तान युद्ध हल्के तरीके से शुरू हुआ, लेकिन फिर बढऩे लगा। इस बार भी किसी तरफ से युद्ध की कोई औपचारिक घोषणा नहीं की गई थी। साल 1971 की भारत-पाकिस्तान जंग बांग्लादेश को लेकर हुई। 13 दिन चली लड़ाई में भारत जीता और आजाद बांग्लादेश बना, लेकिन जंग का फॉर्मल एलान नहीं किया गया था।

याद आ रहा है साल 1971 का युद्ध

वर्ष 1971 में भारत तथा पाकिस्तान के बीच अचानक युद्ध लड़ा गया था ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद शुरू हुआ युद्ध हर किसी को वर्ष 1971 के युद्ध की याद दिला रहा है। आपको बता दें कि वर्ष 1971 का युद्ध पूर्वी पाकिस्तान (अब बांग्लादेश) के मुक्ति संग्राम और शरणार्थी संकट के कारण हुआ था, जो वर्तमान परिस्थितियों से थोड़ा बहुत ही अलग था। हालांकि आज दोनों देशों के पास परमाणु हथियार हैं, जो पूर्ण युद्ध की संभावना को कम करते हैं, पर जिस तरह पाकिस्तान की तैयारी दिख रही है उससे तो यही लगता है कि वह परमाणु बम का इस्तेमाल भी कर सकता है। 1971 में पूर्वी पाकिस्तान (अब बांग्लादेश) में पाकिस्तानी सेना का दमन, बंगाली मुक्ति संग्राम (मुक्तिवाहिनी), और भारत में 1 करोड़ शरणार्थियों का आना, भारत के लिए युद्ध का बहाना था. पाकिस्तान ने 3 दिसंबर 1971 को ऑपरेशन चंगेज खान के तहत भारत के 11 हवाई अड्डों पर प्री-एम्प्टिव हवाई हमले किए, जिसने युद्ध शुरू किया था। पाकिस्तान ने बहुत कुछ ऐसा ही गुरुवार को भारत के हवाई अड्डों पर अपने जेट्स और द्रोण भेजकर किया है। अगर पाकिस्तान के कम से चार जेट्स और दर्जनों द्रोण भारत ने मार गिराएं तो समझ सकते हैं कि हमला कितना मारक रहा होगा। भला हो एस-400 और अन्य एयर डिफेंस सिस्टम की कि भारत को जान माल का नुकसान नहीं हुआ। पर भारत को पाकिस्तान के टुकड़े करने का बहाना तो मिल ही गया है. जैसा 1971 में ऑपरेशन चंगेज के बाद भारत ने बांग्लादेश बनाकर पाकिस्तान को मात दिया था। भारत ने पाकिस्तान के ऑपरेशन चंगेज के बाद 13 दिनों में पूर्वी पाकिस्तान में निर्णायक जीत हासिल की और ढाका पर कब्जा कर लिया। 93,000 पाकिस्तानी सैनिकों ने भारतीय सेना के सामने आत्मसमर्पण कियी था। वर्ष 1971 का वह युद्घ सबको याद आ रहा है। खासतौर से उस युद्घ को देखने वाले बूढ़े-बुजुर्गों को वह युद्घ बहुत याद आ रहा है। उन्हीं बुजुर्गों का कहना है कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की बात तो अब पुरानी हो चुकी है। उनका दावा है कि भारत तथा पाकिस्तान के पूर्ण युद्घ शुरू हो गया है। Operation Sindoor :

Operation Sindoor :

 

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