Parliament : संसद (Parliament) में बुधवार को वक्फ संशोधन बिल पेश किया जाएगा। मंगलवार को हुई बिजनेस एडवाइजरी कमेटी की बैठक में इस बिल को लोकसभा में पेश करने का निर्णय लिया गया। यह बिल दोपहर 12 बजे लोकसभा में पेश होगा, और इस पर 6 से 8 घंटे चर्चा होने की संभावना है। हालांकि, इस बैठक के दौरान विपक्षी दलों के सदस्यों ने सरकार के रुख को लेकर नाराजगी जाहिर की।
सरकार पर गंभीरता की कमी का आरोप
विपक्षी दलों ने इस बैठक में सरकार पर गंभीरता की कमी का आरोप लगाया। उनका कहना था कि सरकार विपक्ष से जुड़े मुद्दों को नजरअंदाज कर रही है। विपक्षी दलों का आरोप था कि सरकार उनकी समस्याओं पर कोई ध्यान नहीं दे रही और उन्हें संसद(Parliament) में अपनी बात रखने का उचित अवसर नहीं मिल रहा है। कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने स्पष्ट तौर पर कहा कि विपक्षी दलों ने बैठक से वॉकआउट किया, क्योंकि सरकार ने अपना एजेंडा थोपने का प्रयास किया। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि सरकार विपक्ष की बातों को सुनने के बजाय केवल अपनी बात पर जोर दे रही है।
संसद(Parliament) में वक्फ बिल और अन्य मुद्दों पर चर्चा की मांग
विपक्षी दलों ने इस दौरान वक्फ संशोधन बिल के अलावा कई अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों पर भी चर्चा करने की मांग की। मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लागू करने और वोटर कार्ड को आधार से जोड़ने के मुद्दे को उठाया गया। हालांकि, सरकार ने इन मुद्दों पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी और इन पर चर्चा करने का कोई अवसर नहीं दिया। विपक्षी दलों का आरोप था कि सरकार सदन की कार्यवाही को एकतरफा तरीके से चलाने का प्रयास कर रही है और विपक्षी दलों को उनकी आवाज उठाने का मौका नहीं दिया जा रहा है।
टीएमसी सांसद का वक्फ बिल पर बयान
टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी ने भी इस मुद्दे पर नाराजगी जताई और कहा कि उनकी पार्टी ने लगातार वोटर कार्ड के मुद्दे को उठाया, लेकिन उनकी मांग को अनसुना कर दिया गया। उन्होंने कहा कि सरकार ने अन्य मुद्दों पर भी चर्चा नहीं होने दी, जिससे विपक्षी दलों में असंतोष बढ़ा है। उनका मानना था कि सरकार सदन की कार्यवाही को केवल अपनी इच्छाओं के मुताबिक चलाना चाहती है, जबकि यह हाउस केवल रूलिंग पार्टी का नहीं, बल्कि जनता का भी है। विपक्षी दलों का कहना है कि उन्हें भी संसद में अपने मुद्दे उठाने का पूरा अधिकार है, और सरकार को इस अधिकार का सम्मान करना चाहिए।
विपक्ष का आरोप: सरकार की मनमानी
विपक्ष का कहना है कि सरकार ने उनकी बातों को पूरी तरह से नजरअंदाज किया है और यह सदन केवल रूलिंग पार्टी का नहीं, बल्कि जनता का है। विपक्षी दलों का कहना है कि सरकार के इस रुख से लोकतांत्रिक प्रक्रिया को नुकसान पहुंच रहा है, और उनकी आवाज को दबाने की कोशिश की जा रही है। विपक्ष ने सरकार से यह उम्मीद जताई कि वह सदन में संतुलित और लोकतांत्रिक तरीके से काम करेगी और सभी दलों को अपने मुद्दों पर चर्चा का अवसर मिलेगा।Parliament :
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