Pahalgam Attack : 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुआ आतंकी हमला देश के लिए एक बड़ा सदमा था। इस हमले में 28 निर्दोष लोगों की जान चली गई, जिसने देश की आत्मा को झकझोर दिया। इसके बाद भारत सरकार ने एक ऐतिहासिक फैसला लेते हुए वर्षों पुरानी सिंधु जल संधि को अस्थायी रूप से स्थगित कर दिया। इस निर्णय से पाकिस्तान पर गहरा प्रभाव पड़ने की संभावना है, खासकर जब उसे ‘सूखा देश’ कहा जाता है। आइए समझते हैं कि पाकिस्तान को यह उपाधि क्यों मिली और इस संधि के स्थगन से वहां के हालात पर क्या असर पड़ेगा।
1. क्यों कहा जाता है पाकिस्तान को ‘सूखा देश’?
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पाकिस्तान का अधिकांश भूभाग शुष्क और अर्ध-शुष्क क्षेत्र में आता है।
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सालभर में औसत वर्षा बेहद कम होती है, जो जल संकट को जन्म देती है।
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अधिकांश क्षेत्रों में पीने के पानी और सिंचाई के लिए सिंधु नदी ही मुख्य स्रोत है।
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जल संसाधनों की कमी के चलते हर बूंद कीमती हो गई है, खासकर ग्रामीण इलाकों में।
2. मानसून की कमजोर पकड़
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भारत में मानसून के बादल जहां जमकर बरसते हैं, वहीं पाकिस्तान पहुंचते-पहुंचते ये बादल बेहद कमजोर हो जाते हैं।
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उत्तरी पाकिस्तान के पहाड़ी क्षेत्र, जैसे हिंदुकुश और कराकोरम, मानसूनी बादलों को रोक देते हैं।
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नतीजतन, देश के अधिकांश हिस्सों में सूखा पड़ा रहता है।
3. रेगिस्तानी क्षेत्र और खेती की चुनौती
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थार जैसे रेगिस्तानी क्षेत्रों में महीनों तक बारिश नहीं होती।
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खेती करना कठिन होता जा रहा है, जिससे ग्रामीण आजीविका खतरे में है।
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भूमिगत जलस्तर लगातार गिर रहा है, और कुएं पहले से कहीं अधिक गहरे खोदे जा रहे हैं।
4. सिंधु नदी: जीवन रेखा पर संकट
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सिंधु नदी पाकिस्तान की सबसे बड़ी और महत्वपूर्ण नदी है।
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यही नदी कृषि, घरेलू उपयोग और पीने के पानी का प्रमुख स्रोत है।
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ग्लेशियरों से पानी आना कम हो गया है, जिससे नदी का प्रवाह भी घटा है।
5. सिंधु जल संधि का स्थगन: क्या होगा असर?
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संधि के अंतर्गत भारत पाकिस्तान को सिंधु नदी की प्रमुख सहायक नदियों का जल प्रवाह सुनिश्चित करता रहा है।
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लेकिन पहलगाम आतंकी हमले के बाद, भारत ने यह सहयोग अस्थायी रूप से रोक दिया है।
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इससे पाकिस्तान की कृषि व्यवस्था पर गहरा प्रभाव पड़ेगा क्योंकि वहां के खेतों की सिंचाई इसी पर निर्भर है।
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खाद्यान्न उत्पादन में कमी आने से पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था और खाद्य सुरक्षा दोनों पर खतरा मंडराने लगा है।
6. जल संकट: अब जीवन का सबसे बड़ा संघर्ष
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ग्रामीण पाकिस्तान में जल संकट इतना गहरा है कि अब कुएं भी पर्याप्त जल नहीं दे रहे।
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फसलें सूख रही हैं और खेतों में दरारें पड़ रही हैं।
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पानी अब सिर्फ एक संसाधन नहीं, बल्कि एक राजनीतिक और सामाजिक संकट बन गया है। Pahalgam Attack :
National News : पहलगाम हमले पर मंथन,पीएम करें नेतृत्व – कांग्रेस
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