Sunday, 23 March 2025

Parliament Session : गंभीर मुद्दों पर गहन विमर्श या सस्ती शायरी?

Parliament Session : राज्यसभा में राजद सांसद मनोज झा अपने प्रखर वक्तव्य के लिए जाने जाते हैं। संसद में उनके द्वारा…

Parliament Session : गंभीर मुद्दों पर गहन विमर्श या सस्ती शायरी?

Parliament Session : राज्यसभा में राजद सांसद मनोज झा अपने प्रखर वक्तव्य के लिए जाने जाते हैं। संसद में उनके द्वारा उठाए गए विषय अक्सर सार्वजनिक बहस का केंद्र बन जाते हैं। इसी कड़ी में, बजट सत्र के दौरान उन्होंने एक महत्वपूर्ण मुद्दे को उठाया, जो अब चर्चा का विषय बन गया है।

डुप्लीकेट EPIC कार्ड पर उठे सवाल

बुधवार को संसद के बजट सत्र के दौरान राज्यसभा में मनोज झा ने चुनाव प्रक्रिया से जुड़े एक महत्वपूर्ण विषय पर चर्चा की। उन्होंने डुप्लीकेट EPIC (Electors Photo Identity Card) कार्ड से संबंधित समस्या पर सवाल उठाया और इस पर गंभीरता से जवाब देने की मांग की। उनका कहना था कि इस मुद्दे पर सरकार या चुनाव आयोग को ट्रकों के पीछे लिखी शायरी की तर्ज पर उत्तर देने के बजाय ठोस और तथ्यात्मक जवाब देना चाहिए।

फ्री और फेयर इलेक्शन पर जोर

सांसद मनोज झा ने आर्टिकल 324 का हवाला देते हुए कहा कि जब संविधान सभा में इस अनुच्छेद की रचना हो रही थी, तब फ्री और फेयर इलेक्शन की संकल्पना प्रमुख थी। उन्होंने कहा कि चुनाव केवल एक प्रक्रिया नहीं है, बल्कि यह लोकतंत्र का आधार स्तंभ है। अगर चुनाव में धांधली होती है, तो लोकतंत्र की नींव कमजोर हो जाती है।

EPIC कार्ड में है गड़बड़ी

मनोज झा ने यह भी बताया कि EPIC कार्ड के पहले तीन अक्षर विधानसभा क्षेत्र को दर्शाते हैं। लेकिन देखा गया है कि यह संख्याएं कई अन्य स्थानों पर भी दोहराई जा रही हैं, जिससे चुनावी प्रक्रिया की निष्पक्षता पर सवाल उठता है। उन्होंने चिंता जताई कि सीमावर्ती इलाकों में लाखों की संख्या में डुप्लीकेट EPIC कार्ड पाए गए हैं, जो चुनावी प्रक्रिया की शुचिता को प्रभावित कर सकते हैं।

चुनाव आयोग से जांच की मांग

इस गंभीर मुद्दे को उठाते हुए मनोज झा ने उपसभापति के माध्यम से चुनाव आयोग से स्पष्टीकरण और समाधान की मांग की। उन्होंने आग्रह किया कि चुनाव आयोग स्पष्ट करे कि EPIC कार्ड का मौजूदा स्टैंड क्या है। साथ ही, उन्होंने वोटर डिलीशन, नए वोटर जोड़ने और संशोधन की अलग-अलग सूची तैयार करने का प्रस्ताव दिया।

सस्ती शायरी नहीं, ठोस जवाब चाहिए

अपने संबोधन के अंत में मनोज झा ने दोहराया कि यह एक गंभीर मुद्दा है, जिसका उत्तर गहराई से दिया जाना चाहिए। उन्होंने स्पष्ट किया कि सरकार को इस मामले पर कोई हल्की-फुल्की टिप्पणी नहीं करनी चाहिए, बल्कि इसकी गहराई से जांच कर उचित कार्रवाई करनी चाहिए। Parliament Session 

 

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