Saturday, 12 April 2025

पीएम मोदी का नागपुर दौरा : संघ से संबंध और भविष्य की राजनीति की दिशा

Nagpur : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को नागपुर (Nagpur) में संघ मुख्यालय का दौरा किया। यह उनका पहला दौरा…

पीएम मोदी का नागपुर दौरा : संघ से संबंध और भविष्य की राजनीति की दिशा

Nagpur : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को नागपुर (Nagpur) में संघ मुख्यालय का दौरा किया। यह उनका पहला दौरा था, जिसे खास महत्व दिया जा रहा है। इस दौरे के दौरान, उन्होंने संघ के संस्थापकों के प्रति श्रद्धांजलि अर्पित की और भारतीय संस्कृति को आगे बढ़ाने का संदेश दिया। पीएम मोदी का संघ से गहरा संबंध रहा है, जो भारतीय राजनीति में एक नई दिशा का संकेत है।

पीएम मोदी का संघ से गहरा जुड़ाव

प्रधानमंत्री मोदी का संघ से जुड़ाव दशकों पुराना है। 1972 में नरेंद्र मोदी ने RSS में शामिल होकर प्रचारक की भूमिका निभाई थी। इसके बाद उन्होंने भाजपा में कदम रखा और गुजरात में संगठन की जिम्मेदारी निभाई। 2001 में गुजरात के मुख्यमंत्री बनने के बाद से उन्हें संघ का पूरा समर्थन मिला। मोदी ने अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत संघ से ही की थी, और यह संबंध आज भी मजबूत बना हुआ है।

संघ संस्थापकों को श्रद्धांजलि और सराहना

नागपुर (Nagpur) में पीएम मोदी सबसे पहले संघ के संस्थापक केशव बलिराम हेडगेवार और सरसंघचालक माधव गोलवलकर के स्मारक पर पहुंचे। वहां उन्होंने श्रद्धांजलि अर्पित की और संघ के योगदान को सराहा। मोदी ने कहा कि संघ के विचार 100 साल पहले बोए गए थे, जो अब भारतीय संस्कृति और राष्ट्रीय चेतना को एक नई ऊर्जा दे रहे हैं। उनका यह बयान संघ की भूमिका को महत्वपूर्ण बनाता है।

नागपुर (Nagpur) दौरे के राजनीतिक मायने और चर्चाएँ

पीएम मोदी का नागपुर (Nagpur) दौरा राजनीति में कई सवाल उठाता है। इस दौरे के दौरान क्या यह संकेत दिया गया है कि संघ और बीजेपी के बीच समन्वय बढ़ाने की रणनीति बनाई जा रही है? कुछ विश्लेषक इसे 2029 में मोदी की भूमिका पर संघ की मुहर मान रहे हैं। यह दौरा भाजपा और संघ के रिश्तों को और मजबूत करने की दिशा में एक कदम हो सकता है। इसके अलावा, यह हिन्दुत्व के एजेंडे को और मजबूती देने का प्रयास भी हो सकता है।

विपक्ष की आलोचना और भविष्य की राजनीति पर सवाल

विपक्ष ने पीएम मोदी के नागपुर (Nagpur) दौरे पर निशाना साधा है। समाजवादी पार्टी के सांसद रामगोपाल यादव ने कहा कि मोदी संघ के दबाव में काम कर रहे हैं। उनका यह कहना था कि यदि वह संघ के पास नहीं जाएंगे, तो उनकी राजनीतिक स्थिति खतरे में पड़ सकती है। विपक्ष इसे मोदी की संघ के प्रति प्रतिबद्धता के रूप में देख रहा है। इसके बावजूद, मोदी और संघ का संबंध भारतीय राजनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।

इस दौरे ने राजनीतिक विश्लेषकों और समाज के बीच कई सवाल उठाए हैं। क्या यह मोदी और संघ की नई रणनीति की शुरुआत है?Nagpur :

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