Monday, 23 June 2025

Whatsapp जाल में फंसकर बना गद्दार: स्वास्थ्यकर्मी से जासूसी करवा रहा था पाकिस्तान

National News :  गुजरात आतंकवाद निरोधक दस्ता (ATS) ने कच्छ जिले के एक स्वास्थ्यकर्मी को पाकिस्तान के लिए जासूसी करने…

Whatsapp जाल में फंसकर बना गद्दार: स्वास्थ्यकर्मी से जासूसी करवा रहा था पाकिस्तान

National News :  गुजरात आतंकवाद निरोधक दस्ता (ATS) ने कच्छ जिले के एक स्वास्थ्यकर्मी को पाकिस्तान के लिए जासूसी करने के आरोप में गिरफ्तार किया है। यह बीते आठ महीनों में राज्य में हुआ तीसरा ऐसा मामला है, जिससे देश की सीमावर्ती सुरक्षा व्यवस्था को लेकर गंभीर सवाल उठ खड़े हुए हैं।

‘व्हाट्सऐप जाल’ में फंसा मल्टीपर्पज़ हेल्थ वर्कर

सूत्रों की मानें तो आरोपी ने व्हाट्सऐप पर ‘आदिति भारद्वाज’ नाम की एक महिला से संपर्क साधा, जो बाद में पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी की प्रशिक्षित एजेंट निकली। डिजिटल दोस्ती की आड़ में शुरू हुई बातचीत धीरे-धीरे देश के खिलाफ षड्यंत्र में बदल गई। आरोपी को मानसिक रूप से तैयार कर, उससे सीमा से जुड़े संवेदनशील फोटो और वीडियो मंगवाए गए।

 तस्वीरें और वीडियो भेजे गए पाकिस्तान

ATS ने बताया कि गोहिल ने कच्छ क्षेत्र में मौजूद बीएसएफ और भारतीय नौसेना के निर्माणाधीन और हाल में बने सैन्य प्रतिष्ठानों की तस्वीरें और वीडियो पाकिस्तान को भेजे। जनवरी 2025 में उसने अपने आधार कार्ड से नया सिम कार्ड खरीदा, व्हाट्सऐप चालू किया और उस डिवाइस को एजेंट को सौंप दिया। इस काम के लिए उसे ₹40,000 नकद दिए गए थे।

तकनीकी और मानवीय खुफिया से मिली सफलता

यह गिरफ्तारी कोई तात्कालिक कदम नहीं, बल्कि ATS और केंद्रीय खुफिया एजेंसियों की महीनों चली सतर्क और सटीक निगरानी का परिणाम है। 1 मई को जब आरोपी सहदेवसिंह गोहिल के खिलाफ पर्याप्त डिजिटल सबूत जुटा लिए गए, तो उसे हिरासत में लिया गया और उसी दिन औपचारिक तौर पर गिरफ्तार कर लिया गया। भारतीय न्याय संहिता की धाराओं 61 और 148 के तहत उस पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं। उसके मोबाइल से हटाया गया डेटा अब फॉरेंसिक विश्लेषण के लिए भेजा गया है, जिससे इस जासूसी नेटवर्क की गहराई का और खुलासा हो सके।

इससे पहले भी दो गिरफ्तारियाँ

इससे पहले 26 अक्टूबर 2024 को पोरबंदर में पंकज कोटिया नामक युवक को “रिया” नामक पाकिस्तानी एजेंट को नौसेना की गतिविधियों की जानकारी देने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। 29 नवंबर 2024 को देवभूमि द्वारका से दीपेश गोहेल को भारतीय तटरक्षक बल से जुड़ी जानकारी “सहीमा” नामक फर्जी फेसबुक प्रोफाइल को भेजने के लिए पकड़ा गया। दोनों को हजारों रुपये का भुगतान भी किया गया था।

डिजिटल हनीट्रैप और सीमा पार लेन-देन

तीनों मामलों में एक समान रणनीति दिखती है — सोशल मीडिया और मैसेजिंग एप्स के ज़रिए ‘डिजिटल हनीट्रैप’ बनाकर संवेदनशील जानकारी हासिल करना और नकद भुगतान के माध्यम से देश के अंदरूनी स्रोतों को खरीदना। यह सिलसिला विशेष रूप से गुजरात के तटीय इलाकों में देखा जा रहा है, जो देश की रक्षा के लिए रणनीतिक रूप से अत्यंत महत्वपूर्ण हैं।    National News

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