Virat Kohli : अभी हाल में संपन्न हुई सीरीज बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी जिसमें भारत के दो सुपरस्टार खिलाड़ियों का प्रदर्शन दयनीय रहा और टीम की सीरीज में हार का ठीकरा भी इन्हीं के सिर फोड़ दिया गया। इस पूरी सीरीज में विराट कोहली की असफलता देखने के बाद हर कोई यही सोच रहा है कि अब विराट कोहली संन्यास ले लेंगे, तो आप का यह सोचना अभी जल्दबाजी होगा। क्योंकि इतने प्रतिभावान और बार बार रिकार्डतोड़ प्रदर्शन के बल पर अपने आप को सिद्ध करने वाले खिलाड़ी इस एक सीरीज से प्रभावित होने वाले नहीं हैं। वैसे भी जब विराट के बारे में लोग उन्हें चुका हुआ सकझते हैं तो वो फिर अपने जोरदार खेल से सबको हतप्रभ करते रहे हैं। वैसे भी ऐसा करने का उनका कोई इरादा नहीं है। ऐसा हम नहीं बल्कि वो रिपोर्ट कह रही है, जिसमें ये दावा किया गया है कि उनका रिटायर होने का फिलहाल मूड नहीं है।
9 पारियों में विराट कोहली का औसत रहा खराब
बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में विराट कोहली का 9 पारियों में खराब औसत रहा। उनकी एकमात्र उपलब्धि पर्थ टेस्ट की दूसरी पारी में उनके बल्ले से निकला शतक रहा। उस शतक के साथ उन्होंने 9 पारियों में 23.75 की खराब औसत के साथ 190 रन बनाए। यानी बाकी की 8 पारियों में वो कुछ खास नहीं कर सके, जिसका नतीजा रहा कि उनके लिए 200 रन की दहलीज लांघना भी मुश्किल हो गया। विराट कोहली जिन 8 पारियों में आउट हुए, उनमें से ज्यादातर बार उन्होंने आॅफ स्टंप की बाहर जाती गेंदों पर ही अपना विकेट खोया। इसे देखते हुए विराट के सन्यास या रिटायर होने की बात उठ रही है। इस सवाल का जवाब इसलिए भी जरूरी बन गया है क्योंकि बात सिर्फ बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में उनकी नाकामी की नहीं है, बल्कि, बीते पूरे साल में इंटरनेशनल क्रिकेट में विराट कोहली ने ज्यादातर मौकों पर निराश ही किया है।
अभी इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट खेलना है
हालांकि इस सीरीज के आखिरी मैच में ड्राप किए जाने के बाद भी रोहित ने आगे खेलते रहने की इच्छा व्यक्त की है। उनकी तरह विराट का कोई स्टेटमेंट नहीं आया है। अभी छह महीने बाद भारत को अब अगली टेस्ट सीरीज इंग्लैंड दौरे पर खेलनी है। एक पूर्व सेलेक्टर ने बातचीत में कहा कि रोहित हों या विराट अगर इन्हें अगली टेस्ट सीरीज खेलनी है तो फिर उन्हें थोड़े रेड बॉल क्रिकेट खेलने होंगे। सिर्फ उनके परफॉर्मेन्स पर उन्हें नहीं चुना जा सकता। हालांकि ये दोनों ही ऐसे खिलाड़ी हैं जिनके रहने पर भारतीय टीम का मनोबल काफी उंचा बना रहता है। किसी भी टीम का मनोबल उंचा रहने पर टीम पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है और टीम के खिलाड़ी भी ऊर्जावान बने रहकर खेलते हैं, जिससे परिणाम भी अच्छा ही आता है। एक मैच या सीरीज में फेल होने से ऐसे खिलाड़ियों का खेल समाप्त नहीं समझ लेना चाहिए।
रेड बॉल क्रिकेट नहीं खेलना बना मुद्दा
रोहित और विराट के इस सीरीज में असफल होते ही रेड बॉल क्रिकेट का उन दोनों द्वारा बहुत सालों से न खेलना मुद्दा बन गया है। कोच गौतम गंभीर ने तो साफ तौर पर कह दिया है कि इन्हें आगे अगर खेलना है तो पहले रेड बॉल से खेलकर आएं। वैसे यह बात सही भी है कि कोहली ने 2012 से जबकि रोहित ने 2015 से अपने-अपने स्टेट के लिए रेड बॉल क्रिकेट नहीं खेला है। रणजी ट्रॉफी के अगले सीजन की शुरुआत फरवरी 2025 से हो रही है, जिसकी तारीखें इंग्लैंड के खिलाफ व्हाइट बॉल सीरीज से क्लैश हो रही हैं। ऐसा कहा जा रहा है कि रोहित, बुमराह और विराट ये तीनों ही आगामी इंग्लैंड सीरीज में नहीं खेलेंगे। अगर ऐसा होता है तो फिर क्या विराट या रोहित रणजी खेलेंगे, ये एक बड़ा सवाल बना हुआ है। अब आगे आने वाला समय ही बताएगा कि आगे इनका भविष्य किस दिशा की ओर जाता है।
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