​कुल्लू जिले में भीषण भूस्खलन, 6 की मौत कई घायल

Landslide
Kullu Landslide
locationभारत
userचेतना मंच
calendar30 MAR 2025 06:25 PM
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Kullu Landslide : हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले में स्थित मणिकर्ण में रविवार शाम लगभग 5 बजे एक भीषण भूस्खलन हुआ, जिसमें छह लोगों की मौके पर ही मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए। यह घटना मणिकर्ण गुरुद्वारे के पास हुई, जहां पहाड़ी से सरकते हुए मलबा एक पेड़ से टकराया, जिससे पेड़ उखड़कर सड़क पर गिर गया और उसकी चपेट में वहां बैठे लोग आ गए। मृतकों में सड़क किनारे खड़े एक रेहड़ी संचालक, सूमो कार में सवार दो लोग और तीन पर्यटक शामिल हैं।

लोगों से सावधानी बरतने की अपील

सूचना मिलने पर पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शवों को कब्जे में लिया और उनकी पहचान के प्रयास शुरू किए। घायलों को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है। ​स्थानीय प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे सावधानी बरतें और अनावश्यक रूप से जोखिम वाले क्षेत्रों में न जाएं। बचाव और राहत कार्य जारी हैं, और प्रशासन स्थिति पर करीबी नजर रखे हुए है।​

अक्सर होती रहती हैं हिमाचल में ये घटनाएं

हिमाचल प्रदेश में भूस्खलन की घटनाएं अक्सर होती रहती हैं, विशेषकर बारिश के मौसम में। यह क्षेत्र भूस्खलन की दृष्टि से संवेदनशील माना जाता है। स्थानीय निवासियों और पर्यटकों को सलाह दी जाती है कि वे मौसम की चेतावनियों का पालन करें और सुरक्षित स्थानों पर रहें। जैसे ही इस बात की जानकारी प्रशासन को हुई राहत एवं बचाव कार्य शुरू कर दिया गया है। स्थानीय प्रशासन इस घटना पर करीब से सतर्क निगाह बनाए हुए है और लोगों से अपील भी कर रही है।

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नया इंजन अंतरिक्ष कार्यक्रम के लिए गेम-चेंजर होगा साबित, दुनियां हतप्रभ

Isro
ISRO's Explosion
locationभारत
userचेतना मंच
calendar29 MAR 2025 04:55 PM
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ISRO's Explosion : भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने अपने भविष्य के अंतरिक्ष अभियानों को अधिक कुशल और शक्तिशाली बनाने के लिए सेमी-क्रायोजेनिक प्रोपल्शन सिस्टम के विकास की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है। इसरो के लिक्विड प्रोपल्शन सिस्टम्स सेंटर द्वारा विकसित किया जा रहा यह नया इंजन देश के अंतरिक्ष कार्यक्रम के लिए गेम-चेंजर साबित हो सकता है।

सेमी-क्रायोजेनिक इंजन : क्या है खास?

इसरो ने बताया कि 2,000 (किलो न्यूटन) क्षमता वाला सेमी-क्रायोजेनिक इंजन वर्तमान कोर लिक्विड स्टेज की जगह लेगा और भविष्य के लॉन्च वाहनों के बूस्टर स्टेज को भी शक्ति देगा। यह इंजन लिक्विड आॅक्सीजन और मिट्टी के तेल (केरोसिन) का इस्तेमाल करता है, जो इसे अधिक कुशल और सुरक्षित बनाता है।

सेमी-क्रायोजेनिक प्रोपल्शन के प्रमुख लाभ

पेलोड क्षमता में वृद्धि : इस इंजन की मदद से भारत के प्रक्षेपण यान पहले की तुलना में अधिक भार वहन कर सकेंगे, जिससे बड़े और भारी उपग्रहों को अंतरिक्ष में भेजना आसान होगा। अधिक दक्षता : लिक्विड हाइड्रोजन की तुलना में केरोसिन अधिक घना होता है, जिससे कम मात्रा में अधिक ऊर्जा प्राप्त होती है, और इंजन की कार्यक्षमता बढ़ती है। गैर-विषाक्त और सुरक्षित ईंधन : मौजूदा हाइड्रोजन-आॅक्सीजन इंजन के विपरीत, इसमें इस्तेमाल किया जाने वाला ईंधन कम ज्वलनशील और आसान हैंडलिंग वाला है। नए पीढ़ी के लॉन्च व्हीकल्स के लिए उपयुक्त : यह इंजन भविष्य के गगनयान, चंद्रयान, मंगलयान और गहरे अंतरिक्ष अभियानों के लिए अधिक उपयुक्त होगा।

अंतरिक्ष अभियानों में क्या बदलाव आएंगे?

पुन: प्रयोज्य प्रक्षेपण यान के लिए उपयोग : सेमी-क्रायोजेनिक इंजन का उपयोग भारत के भविष्य के रियूजेबल लॉन्च व्हीकल में भी किया जा सकता है, जिससे लॉन्चिंग की लागत में भारी कमी आएगी। मानवयुक्त अंतरिक्ष मिशनों के लिए अनुकूल : यह प्रौद्योगिकी गगनयान मिशन के लिए भी सहायक होगी, क्योंकि इसमें सुरक्षित और स्थिर प्रणोदन प्रणाली की जरूरत होती है। गहरे अंतरिक्ष अन्वेषण की नई संभावनाएं : अधिक शक्तिशाली इंजन के साथ, भारत चंद्रमा, मंगल और अन्य ग्रहों के लिए भारी पेलोड मिशन भेज सकेगा।

भविष्य की दिशा में बढ़ता कदम

इसरो जल्द ही एससी120 और एससी 2000 इंजन के विभिन्न परीक्षणों को अंजाम देगा। यदि ये परीक्षण सफल होते हैं, तो यह भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम के लिए एक ऐतिहासिक उपलब्धि होगी। इससे भारत की लॉन्च क्षमता और स्वदेशी तकनीक को मजबूती मिलेगी, जिससे देश एक वैश्विक अंतरिक्ष महाशक्ति बनने की दिशा में एक और कदम आगे बढ़ाएगा।

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क्या जम्मू-कश्मीर की नई निगरानी तकनीक आतंकवादियों को नष्ट कर पाएगी ?

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Jammu and Kashmir : 
locationभारत
userचेतना मंच
calendar29 MAR 2025 04:29 PM
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Jammu and Kashmir : जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) में बढ़ते आतंकवादी हमलों को देखते हुए सुरक्षा बलों ने काजीगुंड में राष्ट्रीय राजमार्ग पर अत्याधुनिक निगरानी प्रणाली स्थापित की है. इस प्रणाली में वॉल रडार और थर्मल इमेजिंग तकनीक शामिल हैं, जो वाहनों में छिपे हथियारों और अवैध सामग्रियों का पता लगाने में मदद करेगी. इस तकनीक से तस्करी और आतंकवाद को रोकने में महत्वपूर्ण सहायता मिलेगी और क्षेत्र में सुरक्षा मजबूत होगी.

सुरक्षा में तकनीकी सुधार

हाल के दिनों में जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) में आतंकवादी घटनाओं में वृद्धि हुई है, जिसके कारण सुरक्षाबल अधिक सतर्क हो गए हैं. इसके साथ ही, सेना और पुलिस भी आतंकवादियों के खिलाफ ठोस कदम उठा रही है. अब, काजीगुंड में राष्ट्रीय राजमार्ग पर वॉल रडार और थर्मल इमेजिंग की मदद से वाहनों में छिपे अवैध सामान का पता आसानी से लगाया जाएगा.

वॉल रडार और थर्मल इमेजिंग तकनीक

कुलगाम पुलिस ने काजीगुंड में नायवुग सुरंग में अत्याधुनिक निगरानी प्रणाली स्थापित की है, जिसमें दीवार रडार और थर्मल स्क्रीनिंग सिस्टम शामिल हैं. इन तकनीकों की मदद से अब तस्करी और आतंकवाद से संबंधित गतिविधियों को नियंत्रित किया जा सकेगा. वॉल रडार और थर्मल इमेजिंग के माध्यम से वाहनों के अंदर छिपे हुए हथियार, मादक पदार्थ और अन्य अवैध सामग्री का आसानी से पता लगाया जा सकता है.

पुलिस अधिकारियों की प्रतिक्रिया

एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि इस नई तकनीक की तैनाती से उनकी निगरानी रणनीतियों में काफी सुधार होगा और संदिग्ध गतिविधियों को पहचानने में मदद मिलेगी. उनका कहना है कि यह तकनीक क्षेत्र की सुरक्षा को मजबूत बनाने में सहायक होगी और यात्रियों की सुरक्षा को प्राथमिकता दी जाएगी.

जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) में बढ़ती आतंकवादी घटनाएं

जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) में हाल ही में कई आतंकवादी हमले सामने आए हैं. कठुआ जिले में सुरक्षाबलों और आतंकवादियों के बीच मुठभेड़ में दो आतंकी मारे गए, जबकि तीन जवान शहीद हो गए और चार घायल हुए. सुरक्षाबलों ने पिछले एक हफ्ते से बड़े पैमाने पर आतंकवाद रोधी अभियान चलाया हुआ है.

नई निगरानी प्रणाली की तैनाती से जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) में सुरक्षा को लेकर और ज्यादा सुधार होगा, और आतंकवाद और तस्करी जैसी घटनाओं को रोकने में मदद मिलेगी. यह क्षेत्र की सुरक्षा को मजबूत करने के साथ-साथ नागरिकों के लिए भी एक सुरक्षित माहौल सुनिश्चित करेगा.Jammu and Kashmir :

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