Tuesday, 20 May 2025

आखिर क्यों बलूचिस्तान चाहता है पाकिस्तान से अलगाव? जानें मुख्य कारण

Operation Sindoor :  एक तरफ भारत की तरफ से जवाबी हमले ऑपरेशन सिंदूर से पाकिस्तान उबरा भी नहीं था। वही…

आखिर क्यों बलूचिस्तान चाहता है पाकिस्तान से अलगाव? जानें मुख्य कारण

Operation Sindoor :  एक तरफ भारत की तरफ से जवाबी हमले ऑपरेशन सिंदूर से पाकिस्तान उबरा भी नहीं था। वही दूसरी बलूचिस्तान में पाकिस्तान की सेना पर लगातार हमले हो रहे हैं। बलूचिस्तान के लोग पाकिस्तान से अलग होने की मांग क्यों कर रहे हैं? आइए, इस लेख में जानते हैं इन सवालों के जवाब।

अपने ही प्रांत में हमलो का सामना कर रहा है पाकिस्तान

एक तरफ पाकिस्तान में भारत द्वारा आतंकियों के खिलाफ कार्रवाइयों से जूझ रहा है तो वहीं दूसरी ओर पाकिस्तान की सेना को उसके ही बलूचिस्तान प्रांत में लगातार हमलों का सामना करना पड़ रहा है। बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) द्वारा पाकिस्तानी सेना पर किए गए हमले से एक बार फिर से यह सवाल उठता है कि क्यों बलूचिस्तान पाकिस्तान से अलग होना चाहता है?

बलूचिस्तान में बगावत का कारण

बलूचिस्तान में बगावत के पीछे कई कारण हैं, लेकिन सबसे बड़ा कारण पाकिस्तान द्वारा इस प्रांत और उसकी जनता के साथ भेदभाव है। बलूचिस्तान में पाकिस्तान के सबसे समृद्ध खनिज संसाधन मौजूद हैं, फिर भी यह इलाका आर्थिक रूप से सबसे पिछड़ा हुआ है। ग्वादर पोर्ट, जो पाकिस्तान और चीन के साझा प्रोजेक्ट का हिस्सा है, से बलूचिस्तान को कोई फायदा नहीं हुआ है। इसके विपरीत, इस प्रोजेक्ट के खिलाफ यहां विरोध लगातार बढ़ रहा है।

अलगाव की वजह

बलूचिस्तान पाकिस्तान का सबसे बड़ा प्रांत है, जिसका क्षेत्रफल पाकिस्तान के कुल भू-भाग का 46 प्रतिशत है, लेकिन यहां की जनसंख्या मात्र 1.5 करोड़ है, जो पाकिस्तान की कुल जनसंख्या का केवल 6 प्रतिशत है। बलूचिस्तान में 70 प्रतिशत लोग गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन कर रहे हैं। इसके अलावा, बलूच मूल के लोग पाकिस्तान के पंजाब क्षेत्र के मुस्लिमों द्वारा भेदभाव का सामना करते हैं, और पाकिस्तान की सेना में बलूच लोगों के लिए उच्च पदों पर नियुक्ति के अवसर भी नहीं होते।

बलूचिस्तान पर कब्जे का इतिहास

ब्रिटिश शासन के दौरान, भारतीय उपमहाद्वीप की कुछ रियासतों को विशेष अधिकार प्राप्त थे, जिनमें बलूचिस्तान भी एक था। 1947 में भारत और पाकिस्तान के विभाजन के समय, इन रियासतों को तीन विकल्प दिए गए थे: भारत के साथ विलय, पाकिस्तान के साथ विलय, या स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में पहचान। बलूचिस्तान ने स्वतंत्र रहने का विकल्प चुना, और मुस्लिम लीग ने इसे सम्मानित करने का वादा किया। लेकिन 1948 में पाकिस्तानी सेना ने बलूचिस्तान पर कब्जा कर लिया, जिससे बलूचिस्तान के स्वतंत्रता की उम्मीदों को झटका लगा।  Operation Sindoor : 

 

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