BMC Elections 2026: बीएमसी चुनाव से पहले ठाकरे बंधुओं की सक्रियता, मातोश्री में हुई अहम बैठक
महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई में प्रस्तावित बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) चुनाव 2026 को लेकर राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। ठाकरे बंधुओं के गठबंधन के ऐलान के बाद अब भाजपा पार्टी नीत महायुति के खिलाफ संयुक्त रणनीति पर काम शुरू हो गया है।

बता दें कि इसी कड़ी में महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) प्रमुख राज ठाकरे के बेटे और नेता अमित ठाकरे, शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के नेता और विधायक आदित्य ठाकरे से मुलाकात करने ‘मातोश्री’ पहुंचे है।
युवा नेतृत्व के हाथों में प्रचार की कमान
बता दें कि ठाकरे बंधुओं के गठबंधन के बाद आदित्य ठाकरे और अमित ठाकरे को युवा चेहरों के तौर पर नगर निगम चुनाव प्रचार की अहम जिम्मेदारी सौंपी गई है। दोनों नेताओं के बीच यह मुलाकात आगामी बीएमसी चुनाव के लिए संयुक्त प्रचार रणनीति को अंतिम रूप देने के उद्देश्य से हुई।
बताया जा रहा है कि मुंबई समेत अन्य नगर निगम क्षेत्रों में आदित्य ठाकरे और अमित ठाकरे को एक साथ चुनाव प्रचार करते हुए देखा जा सकता है। शिवसेना (ठाकरे गुट) की ओर से जहां पहले से ही आदित्य ठाकरे की मौजूदगी में सभाएं और रैलियां आयोजित की जा रही हैं, वहीं अब मनसे की ओर से भी अमित ठाकरे को विशेष प्रचार जिम्मेदारी दी गई है।
बीएमसी चुनाव में अमित ठाकरे की भूमिका
बता दें कि मनसे सूत्रों के मुताबिक अमित ठाकरे को शहरी मतदाताओं और युवा वर्ग को साधने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। संयुक्त प्रचार के जरिए दोनों दल मुंबई महानगरपालिका समेत अन्य नगर निगम चुनावों में अपनी स्थिति मजबूत करने की रणनीति पर काम कर रहे हैं।
फडणवीस का ठाकरे गठबंधन पर हमला
बता दें कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने ठाकरे बंधुओं के गठबंधन पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि उद्धव ठाकरे और उनकी सेना (UBT) का असली चेहरा और चरित्र सामने आ गया है। सत्ता के लालच में उन्होंने किस तरह के लोगों के साथ गठबंधन किया, यह जनता देख रही है। देश विरोधी, धर्म विरोधी और मानवता विरोधी ताकतों के साथ केवल वोटों के तुष्टिकरण की नीति के लिए किया गया यह गठबंधन जनता को स्वीकार नहीं होगा और इसका जवाब चुनाव में मिलेगा।”
सियासी समीकरणों पर टिकी निगाहें
बता दें कि बीएमसी चुनाव को लेकर ठाकरे बंधुओं के गठबंधन और युवा नेतृत्व की सक्रियता ने महाराष्ट्र की राजनीति में नए सियासी समीकरण पैदा कर दिए हैं। आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि यह रणनीति महायुति के लिए कितनी चुनौती साबित होती है।
बता दें कि इसी कड़ी में महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) प्रमुख राज ठाकरे के बेटे और नेता अमित ठाकरे, शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के नेता और विधायक आदित्य ठाकरे से मुलाकात करने ‘मातोश्री’ पहुंचे है।
युवा नेतृत्व के हाथों में प्रचार की कमान
बता दें कि ठाकरे बंधुओं के गठबंधन के बाद आदित्य ठाकरे और अमित ठाकरे को युवा चेहरों के तौर पर नगर निगम चुनाव प्रचार की अहम जिम्मेदारी सौंपी गई है। दोनों नेताओं के बीच यह मुलाकात आगामी बीएमसी चुनाव के लिए संयुक्त प्रचार रणनीति को अंतिम रूप देने के उद्देश्य से हुई।
बताया जा रहा है कि मुंबई समेत अन्य नगर निगम क्षेत्रों में आदित्य ठाकरे और अमित ठाकरे को एक साथ चुनाव प्रचार करते हुए देखा जा सकता है। शिवसेना (ठाकरे गुट) की ओर से जहां पहले से ही आदित्य ठाकरे की मौजूदगी में सभाएं और रैलियां आयोजित की जा रही हैं, वहीं अब मनसे की ओर से भी अमित ठाकरे को विशेष प्रचार जिम्मेदारी दी गई है।
बीएमसी चुनाव में अमित ठाकरे की भूमिका
बता दें कि मनसे सूत्रों के मुताबिक अमित ठाकरे को शहरी मतदाताओं और युवा वर्ग को साधने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। संयुक्त प्रचार के जरिए दोनों दल मुंबई महानगरपालिका समेत अन्य नगर निगम चुनावों में अपनी स्थिति मजबूत करने की रणनीति पर काम कर रहे हैं।
फडणवीस का ठाकरे गठबंधन पर हमला
बता दें कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने ठाकरे बंधुओं के गठबंधन पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि उद्धव ठाकरे और उनकी सेना (UBT) का असली चेहरा और चरित्र सामने आ गया है। सत्ता के लालच में उन्होंने किस तरह के लोगों के साथ गठबंधन किया, यह जनता देख रही है। देश विरोधी, धर्म विरोधी और मानवता विरोधी ताकतों के साथ केवल वोटों के तुष्टिकरण की नीति के लिए किया गया यह गठबंधन जनता को स्वीकार नहीं होगा और इसका जवाब चुनाव में मिलेगा।”
सियासी समीकरणों पर टिकी निगाहें
बता दें कि बीएमसी चुनाव को लेकर ठाकरे बंधुओं के गठबंधन और युवा नेतृत्व की सक्रियता ने महाराष्ट्र की राजनीति में नए सियासी समीकरण पैदा कर दिए हैं। आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि यह रणनीति महायुति के लिए कितनी चुनौती साबित होती है।












