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Badrinath Dham: जानिए कब बंद होंगे बद्रीनाथ धाम के कपाट

Badrinath Dham

Badrinath Dham (File Photo)

Badrinath Dham Kapat closing date: जैसे जैसे ठंड बढ़ती जा रही है, वैसे ही उत्तराखंड की चार धाम यात्रा पर जाने वाले यात्रियों की संख्या में भी कमी हो रही है। प्रमुख धाम श्री बद्रीनाथ के कपाट बंद होने की तारीख का ऐलान कर दिया गया है। इस वर्ष 19 नवंबर को बद्रीनाथ धाम के कपाट बंद होंगे। 235 वर्षों बाद ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती महाराज उपस्थित रहेंगे।

Badrinath Dham Kapat closing date

ज्योतिष पीठ के नवनियुक्त शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती महाराज के अनुसार श्री बद्रीनाथ धाम के कपाट बंद होने के समय वे वहां पर मौजूद रहेंगे। आदिगुरु शंकराचार्य जी की पावन गद्दी की अगुवाई करते हुए उनके प्रमुख पड़ाओं से गुजर कर 21 नवंबर को जोशीमठ के नरसिंह मंदिर पहुंचेंगे। कई वर्षों से यह परंपरा बंद हो गई थी, लेकिन एक बार फिर से परंपरा शुरू हो रही है। 19 नवंबर को दोपहर 03 बजकर 35 मिनट पर श्री बद्रीनाथ धाम के कपाट बंद होंगे।

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श्री केदारनाथ धाम के कपाट
श्री केदारनाथ धाम के कपाट बंद हो चुके हैं। श्री केदारनाथ धाम के कपाट 27 अक्टूबर 2022 को सुबह 08 बजकर 30 मिनट पर बंद हो गए थे। श्री गंगोत्री धाम के कपाट 26 अक्टूबर कोऔर श्री यमुनोत्री धाम के कपाट 27 अक्टूबर को बंद हो गए थे।

6 महीने खुले रहते हैं कपाट
चार धाम के प्रमुख मंदिरों के कपाट केवल 6 माह के लिए खोले जाते हैं। इन धाम के कपाट गर्मियों के प्रारंभ के समय अप्रैल के अंत या मई के प्रारंभ में खोले जाते हैं और इनको नवबंर में बंद कर दिया जाता है। नवंबर के समय में पहाड़ों पर बर्फबारी को देखते हुए इनके कपाट बंद कर दिए जाते हैं। पूरी सर्दियों में ये बंद रहते हैं।

चार धामों में प्रमुख है बद्रीनाथ धाम
बद्रीनाथ धाम चार धामों में से एक प्रमुख धाम है। यह उत्तराखंड के चमोली जिले में अलकनंदा नदी के किनारे स्थित है। बद्रीनाथ धाम में भगवान विष्णु का वास है, जहां पर उनका विशाल मंदिर बना हुआ है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भगवान नारायण ने स्वयं बद्रीनाथ धाम की स्थापना की थी, जहां पर भगवान विष्णु विश्राम करते हैं। जो व्यक्ति केदारनाथ धाम के दर्शन करने के बाद बद्रीनाथ धाम में भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना करता है, उसके सारे पाप मिट जाते हैं और मृत्यु बाद उसे मोक्ष मिल जाता है।

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