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Bihar News : आनंद मोहन पर क्यों मेहरबान है नीतीश कुमार ?

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Bihar News : विजय कृष्णा, पटना। बिहार की राजनीति में बाहुबली नेता और जातिगत समीकरण का बड़ा बोलबाला रहा है। कोई भी पार्टी इससे अछूती नहीं है। बात आंनद मोहन की करें तो ये बाहुबली नेता तो हैं ही साथ ही ये क्षत्रिय समाज के बड़े नेता भी माने जाते हैं। हाल के दिनों इनकी बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से नजदीकी किसी से छिपी नहीं है।

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आपको बता दें कि 23 जनवरी को पटना में महाराणा प्रताप की पुण्यतिथि समारोह का आयोजन हुआ था, जिसमें आनंद मोहन के समथकों ने उन्हें रिहा करने की मांग रखी थी। तब बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने इस ओर इशारा किया था। उन्होंने मंच से इस बात की घोषणा की थी कि आनंद मोहन को रिहा करने पर विचार किया जा रहा है। उन्होंने मंच से आनंद मोहन को अपना खास मित्र तक कह डाला था। उन्होंने कहा था कि मित्र को जेल से बाहर निकालने के बिहार सरकार हरसंभव प्रयास कर रही है।

अब तो समझ ही गए होंगे कि सीएम नीतीश कुमार को एक बाहुबली नेता की इतनी जरूरत क्यों है..? इसके कई राजनीतिक मायने निकाले जा रहे हैं। दरअसल, बिहार में हर राजनीतिक दल जाति को साधने में लगा हुआ है। साथ में बाहुबली नेताओं का तड़का लग जाए तो बात ही कुछ और है।

अभी तक आरजेडी एमवाय समीकरण के भरोसे सत्ता पर काबिज होती रही है तो जेडीयू को लव-कुश का समर्थन मिलता रहा है, वहीं बीजेपी अगड़ों की पार्टी मानी जाती रही है लेकिन हाल के चुनावों मिली हार जीत को देखते हुए सभी पार्टी जातिगत समीकरण के दायरे को बढ़ाना चाहती है। इसी क्रम में नीतीश कुमार की नज़र राजपूत वोटबैंक पर है।

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बहरहाल, बाहुबली नेता और पूर्व सांसद आनंद मोहन फिलहाल 15 दिनों के पेरोल पर जेल से बाहर आए हैं। आनंद मोहन रविवार को जेल से रिहा हुए हैं। इस बार मौका उनकी बेटी सुरभि आनंद की शादी का है, 15 फरवरी को सुरभि आनंद की शादी है। जेल से रिहाई के बाद उनके समर्थकों में खुशी का माहौल है।

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आपको बता दें कि डीएम जी कृष्णय्या हत्याकांड में उन्हें उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी, जोकि 17 जुलाई 2022 को समाप्त हो गई थी, लेकिन बिहार सरकार ने उन्हें रिहा नहीं किया था। आपको बता दें कि आनंद मोहन उम्रकैद की अपनी 14 साल की सजा काट चुके हैं। इससे पहले उन्हें नवंबर 2022 में बेटी की सगाई के वक्त पेरोल मिली थी। सगाई के कार्यक्रम में सीएम नीतीश कुमार, डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव समेत तमाम दिग्गज नेता शामिल हुए थे। तब ही से कयास लगाए जा रहे थे कि आनंद मोहन की रिहाई जल्द सम्भव हो सकती है। अब फिर बेटी की शादी में उन्हें 15 दिनों का पेरोल मिला है। अब देखना होगा कि बिहार सरकार उन्हें जेल से पूर्ण रूप से कब आजाद करती है…? बहरहाल राजनीति में इसके कई मायने लगाए जा रहे हैं।

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