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Buddha Purnima 2022 बुद्ध के ये विचार बदल सकते हैं आपका जीवन और बचा सकते हैं परेशानियों से

budha purnima

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Buddha Purnima 2022 महात्मा बु्द्ध जन्म से क्षत्रिय राजकुमार थे। उनका बचपन राजमहलों में गुजरा लेकिन जब उन्होंने समझा कि जीवन एक दिन नष्ट हो जाने वाला है तो उन्होंने संन्यास के मार्ग को चुना और ज्ञान प्राप्त कर बौद्ध धर्म की स्थापना की। गौतम बुद्ध ने अपने प्रवचनों में बताया था कि जीवन को सुखी और सफल कैसे बना सकते हैं। हमें परेशानियों से बचने के लिए बुद्ध द्वारा बताई गई बातों को अपनाना चाहिए। उनकी बताई गई बातें आज भी हमें सही रास्ता दिखाती हैं।  हम आपके साथ गौतम बुद्ध के बताए 8 विचार (Thoughts of Gautam Buddha) साझा कर रहे हैं, ये विचार जीवन में कभी न कभी आपके काम जरूर आएंगे…

Buddha Purnima 2022

1. किसी पर भी बिना वजह शक करना बहुत बुरी आदत होती है। शक की वजह से परिवार टूट जाते हैं। शक की वजह से दोस्त, पति-पत्नी और प्रेमी अलग हो जाते हैं। इसलिए बिना सोचे-विचारे किसी पर भी शक नहीं करना चाहिए।
2. गौतम बुद्ध के अनुसार क्रोध मनुष्य का सबसे बड़ा शत्रु है। जो व्यक्ति क्रोध करता है वह स्वार्थी हो जाता है। उसे सिर्फ अपनी बात ही सच नजर आती है। वह लोगों से अपनी बात मनवाना चाहता है। इसलिए क्रोध से बचना चाहिए।
3. जिन लोगों के मन में ईर्ष्या की भावना होती है, वे कभी खुश नहीं होते इसलिए इस प्रकार की भावनाओं को मन में स्थान नहीं देना चाहिए।
4. जो व्यक्ति ज्ञान से हीन है यानी अज्ञानी है वह सिर्फ एक बैल के समान है, इससे अधिक उसका अस्तित्व कुछ भी नहीं।
5. गौतम बुद्ध के अनुसार, गुस्से को लंबे समय तक पाले रखना ठीक पैसा ही है जैसे गर्म कोयले को हथेली में दबाकर रखना। इससे सिर्फ हमारा हाथ ही जलता है, दूसरों को इससे कोई फर्क नहीं पड़ता।
6. गुजरे हुए समय को याद नहीं करना चाहिए और न ही भविष्य के लिए सपने देखना चाहिए। वर्तमान समय में ध्यान में रखते हुए ही कर्म करते रहना चाहिए।
7. जब आप किसी पर क्रोध कर उसे दंड दे रहे होते हैं तो वास्तव में आप स्वयं ही दंड दे रहे होते हैं।
8. हर व्यक्ति अपनी सेहत के लिए स्वयं जिम्मेदार होता है, इसलिए हर व्यक्ति को अपने खान-पान और दिनचर्या का स्वयं ही ध्यान रखना चाहिए।

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– ज्योतिषियों के अनुसार, 16 मई, सोमवार को एक नहीं बल्कि 3 शुभ योग बन रहे हैं- वरियान, मित्र और सर्वार्थसिद्धि। इन तीनों योगों में पवित्र नदी में स्नान करने और जरूरतमंदों को दान करने से पुण्य फलों की प्राप्ति होगी। अन्न, जल, स्वर्ण या कपड़े का दान देने की परंपरा है।
– बुद्ध पूर्णिमा पर जल का दान खासतौर से करना चाहिए। ऐसा करने से त्रिदेव यानी ब्रह्मा, विष्णु, महेश तीनों देवता प्रसन्न होते हैं। इस समय भीषण गर्मी पड़ती है, ऐसे में प्यासे लोगों को पानी पिलाना बहुत ही पुण्य का काम माना जाता है। इससे पितरों की आत्मा को भी संतुष्टि मिलती है और वे प्रसन्न होते हैं।

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