Dhiraj Sahu Income Tax Raid : 2018 में राज्यसभा के लिए चुने जाने से पहले दाखिल चुनावी हलफनामे में धीरज साहू ने अपनी संपत्ति 34.83 करोड़ रुपये की घोषित की थी। जबकि सिर्फ आईटी को उनके ठिकानों से 300 करोड़ नोट मिल चुके हैं, जिससे गिनने में 2 दिन और लगेंगे; 6 छोटी, 6 बड़ी मशीनों से हो रही है नोटों की गिनती…
Dhiraj Sahu Income Tax Raid
चेतना मंच। झारखंड में कांग्रेस के राज्यसभा सांसद धीरज साहू के ठिकानों पर हुई छापेमारी के बाद हैरान कर देने वाली सच्चाई सामने आई हैं। धीरज साहू और उनके करीबियों के तीन राज्यों झारखंड, ओडिशा और पश्चिम बंगाल के 10 ठिकानों से आयकर विभाग को अब तक 300 करोड़ से ज्यादा का कैश मिल चुका है। टैक्स चोरी के मामले में इनके घर, ऑफिस और फैक्ट्री पर बुधवार 6 दिसंबर को छापेमारी शुरू की गई थी। छापेमारी में पहले दिन आयकर की टीम को 30 आलमारियों में भरे नोट मिले थे, दूसरे दिन भी नोटों से भरे कुल 156 बैग मिले और नोटों को गिनने के लिए मशीनें मंगवानी पड़ी। आयकर विभाग के महानिदेशक संजय बहादुर ने दिल्ली जाने के दौरान भुवनेश्वर एयरपोर्ट पर मीडिया से कहा कि कैश की मात्रा इतनी ज्यादा है कि अभी गिनती में दो दिन और लगेंगे। इसके बाद ही आधिकारिक रूप से इस पर जानकारी दी जा सकेगी।
4 मशीनें खराब, 12 मशीनों से हो रही गिनती
लंबे समय से आलमारी में रखे होने के कारण नोटों में नमी आ गई, जिसकी वजह से नोट एक दूसरे से चिपक गए हैं। नोट गिनने के दौरान अब तक चार मशीनें खराब हो चुकी हैं, इस कारण गिनती में देर हो रही है। अब भुवनेश्वर से बड़ी मशीनें मंगाई गई हैं। शुक्रवार को 6 बड़ी और 6 छोटी मशीनों से जब्त रुपयों की गिनती हुई और यह अब तक जारी है।
कर्मचारी भागे, अभी तक गिरफ्तारी नहीं
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बलदेव साहू संस एंड ग्रुप की ओडिशा में 250 से अधिक शराब की दुकानें है। आयकर की छापेमारी के बाद बोलांगीर जिले की 42 दुकानों के कर्मचारी दुकानें बंद कर भाग गए है। उन्हें गिरफ्तारी और पूछताछ का डर है। वहीं आयकर की छापेमारी को देखते हुए बौध जिला स्थित बौद्ध डिस्टलरी प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के कर्मचारियों ने 500-500 के नोटों को फाड़कर फेंकना शुरू कर दिया। आयकर विभाग के अधिकारियों ने छापेमारी के दौरान जब कंपनी के चारदीवारी के आसपास देखा तो पाया कि पांच-पांच सौ के नोट फाड़कर फेंके हुए है। आयकर विभाग के अधिकारियों ने नोटों को जब्त कर लिया। फटे हुए नोट चारदीवारी के अलावा बॉटलिंग प्लांट के बॉयलर के नजदीक मिले। आयकर विभाग के महानिदेशक संजय बहादुर नोटों की जब्ती और गिनती सहित पूरे अभियान पर नजर रख रहे हैं। इस सिलसिले में अब तक किसी को गिरफ्तार नहीं किया गया है। वहीं, शराब का कारोबार करने वाली कंपनी की ओर से भी अभी तक छापे को लेकर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।
जानिए कौन हैं धीरज साहू
Dhiraj Sahu Income Tax Raid
धीरज प्रसाद साहू झारखंड से कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य हैं। उनका जन्म 23 नवंबर 1955 को रांची में जन्म हुआ। धीरज प्रसाद साहू के पिता का नाम राय साहब बलदेव साहू और मां सुशीला देवी है। धीरज ने रांची के मारवाड़ी कॉलेज से बीए तक की पढ़ाई की है। तीन बार राज्यसभा सांसद रहे हैं। धीरज जुलाई 2010 में पहली बार कांग्रेस की ओर से राज्यसभा सांसद चुने गए थे। 2018 में धीरज एक बार फिर झारखंड से कांग्रेस के राज्यसभा बनाए गए। धीरज को राजनीति विरासत में मिली थी। उनके भाई शिव प्रसाद साहू लोकसभा के सांसद रह चुके हैं। उनका परिवार आजादी के बाद से ही कांग्रेस से जुड़ा हुआ था। पिता राय साहब बलदेव साहू स्वतंत्रता की लड़ाई में शामिल रहे। 1977 में राजनीति में आने वाले धीरज 1978 में जेल भरो आंदोलन में जेल गए थे। धीरज की एक वेबसाइट है, जिसमें वह खुद को एक कारोबारी भी बताते हैं।
34.83 करोड़ की चल संपत्ति का दावा
2018 में राज्यसभा के लिए चुने जाने से पहले दाखिल चुनावी हलफनामे में धीरज ने अपनी संपत्ति 34.83 करोड़ रुपये की घोषित की थी। इसके साथ ही कांग्रेस नेता ने बताया था कि वित्त वर्ष 2016-2017 में उनकी कमाई 1.0047 करोड़ रुपये थी। उस वक्त शपथ पत्र में कांग्रेस नेता ने अपने पास कुल 27 लाख रुपये से ज्यादा की नकदी घोषित की थी। इसमें खुद के पास 15 लाख रुपये, पत्नी के पास 1.25 लाख रुपये और दो आश्रितों के पास 10 लाख रुपये से ज्यादा की नकदी बताई गई थी।
धीरज ने खुद, पत्नी और आश्रितों के लोहरदगा, संबलपुर, गुमला, बोलनगीर और दिल्ली में कुल 22 बैंक खाते बताए थे। इन बैंक खातों में कुल 8.59 करोड़ रुपये जमा की जानकारी दी गई थी। कांग्रेस सांसद ने 31.16 लाख रुपये के कंपनियों और निधियों में शेयर बताए थे। इसी तरह धीरज ने 8 लाख रुपये की जमा बीमा का उल्लेख किया था। उस वक्त कांग्रेस सांसद के पास 75.46 लाख रुपये की राशि किसी व्यक्ति और निकाय को दिए ऋण और एडवांस के रूप में थी।
बीएमडब्ल्यू, फॉर्च्यूनर और रेंज रोवर जैसी कारें
धीरज के हलफनामे के अनुसार, उनके नाम पर 1.51 करोड़ रुपये कीमत के कुल चार कारें हैं। इनमें 87 लाख रुपये की सबसे महंगी कार बीएमडब्ल्यू केवी 42, 32 लाख रुपये की फॉर्च्यूनर, 24 लाख रुपये की रेंज रोवर और 8.5 लाख रुपये की सबसे सस्ती पजेरो कार है।
1.51 करोड़ रुपये के गहने, इनमें सोने के सिक्के भी
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कांग्रेस सांसद ने अपने शपथ पत्र में कुल 1.51 करोड़ रुपये के गहनों का जिक्र किया था। इनमें 8 लाख रुपये की 20 किलोग्राम के चांदी के गहने और 26 लाख रुपये की हीरे के आभूषण खुद के नाम पर बताए थे। वहीं, पत्नी के नाम पर 94.55 लाख रुपये के 3100 ग्राम स्वर्ण आभूषण और 7 लाख रुपये की हीरे के आभूषण का उल्लेख किया गया था। इसके अलावा एक आश्रित के नाम पर 10 लाख रुपये की 25 किलोग्राम की चांदी और 5.4 लाख रुपये की सोने के सिक्के की जानकारी दी गई थी। इसके साथ ही हलफनामे में 7.38 करोड़ रुपये दावे और ब्याज के रूप में बताए थे। इस तरह से धीरज साहू ने कुल 20.41 करोड़ रुपये की चल संपत्ति होने का दावा किया था।
तीन राज्यों में हैं घर
धीरज साहू ने कुल 14.85 करोड़ रुपये की अचल संपत्ति होने का दावा किया था। सांसद ने अपने हलफनामे में 5 जगह खेती की जमीन और 1 जगह गैर खेतिहर जमीन होने का जिक्र किया था। इसके साथ ही कांग्रेस नेता ने खुद और पत्नी के नाम पर लोहारदगा, कोलकाता, रांची और दिल्ली में चार रिहायशी घरों और फ्लैटों की जानकारी दी थी। वहीं, अन्य आश्रित के नाम पर 2.83 करोड़ रुपये की संपत्ति होने का दावा किया था। अपने हलफनामे में कांग्रेस नेता ने 2.36 करोड़ रुपये की देनदारियों की जानकारी दी थी। धीरज साहू ने खुद की कमाई का जरिया व्यवसाय को बताया, जबकि पत्नी गृहिणी हैं।
40 एकड़ में फैली है कंपनी Dhiraj Sahu Income Tax Raid:
बौद्ध डिस्टलरी प्राइवेट लिमिटेड भुवनेश्वर से करीब 200 किलोमीटर दूर स्थित बौध जिले में है। यह 40 एकड़ में फैली है। इस ग्रुप के निदेशकों में अमित साहू, रितेश साहू और उदय शंकर प्रसाद का नाम है। विभागीय सूत्रों के मुताबिक नोटों की गिनती पूरी होने के बाद ही कंपनी से जुड़े लोगों से पूछताछ की जा सकती है। कहा जाता है कि यह शराब बनाने और बिक्री करनेवाली देश की सबसे बड़ी कंपनियों में शुमार है।
राजनीति में यूथ कांग्रेस से शुरुआत
धीरज 1977 में लोहरदग्गा जिला यूथ कांग्रेस में शामिल हुए। भाई शिव प्रसाद साहू रांची से दो बार कांग्रेस के टिकट पर लोकसभा सांसद रहे। उन पर कोई आपराधिक मामला नहीं है। राजनीति में आने के बाद 1978 में धीरज जेल भरो आंदोलन में जेल भी गए थे।
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