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Diwali 2022 : यहां किसी भी ब्राहमण का चेहरा तक नहीं देखते “गुर्जर”

The people of Gurjar community living in the village do not see the face of Brahmins for three days after Deepawali.

The people of Gurjar community living in the village do not see the face of Brahmins for three days after Deepawali.

Diwali 2022 :  भोपाल (मध्य प्रदेश)। इसे परंपरा कहें, रूढ़ीवादिता की संज्ञा दें या भगवान देवनारायण (Lord Devnarayan )के प्रति आगाध श्रद्धा कहकर सम्मान दें। कुछ भी कहें किन्तु यह सच है कि भारत में एक ऐसा भी गांव है जहां गुर्जर समाज (Gujjar Samaj )के नागरिक ब्राह्मण  का चेहरा तक नहीं देखते हैं।

Diwali 2022 :

जी हां भारत (India) का एक प्रसिद्ध प्रदेश है मध्य प्रदेश। इस प्रदेश की राजधानी भोपाल है। भोपाल(Bhopal ) से 294 किमी दूर रतलाम जिला है। इसी जिले में पड़ता है कनेरी गांव। इस गांव में एक अजब और गजब परंपरा है। इस गांव में रहने वाले गुर्जर जाति के लोग दीपावली (Diwali )पर तीन दिन तक किसी ” ब्राह्मण ” का चेहरा तक नहीं देखते। यहां के गुर्जर मानते हैं कि किसी समय उनके क्षेत्र में ठाकुर जाति का एक राजा बागड हुआ करता था। वह राजा भगवान देवनारायण की ख्याति से परेशान रहता था। उसी के कहने पर कनेरी गांव के चार ब्राहमणों ने दीपावली पर भगवान देवनारायण को मारने की साजिश रची थी। तभी से यह गांव ब्राहमणों से घृणा करता है। इस घृणा का जाग्रत रूप आज भी दीपावली के पर्व पर देखने को मिलता है। लगातार तीन दिन तक इस गांव में रहने वाले गुर्जर समाज के नागरिक स्त्री हो पुरूष हो अथवा बच्चा वे किसी भी ब्राहृमण का चेहरा तक नहीं देखते हैं।

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