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यूरोप के देश 10 लाख भारतीयों को देंगे रोजगार, होगा 100 अरब का निवेश

IND-EFTA Deal

IND-EFTA Deal

IND-EFTA Deal : सचमुच भारत में अच्छे दिन आने वाले हैं। यूं भी कह सकते हैं कि निश्चित रूप से भारत का भविष्य बेहद सुंदर है। भारत के भविष्य की दिशा और दशा बदलने के लिए 16 वर्षों से लंबित पड़े मुक्त व्यापार समझौते (FTA) पर हस्ताक्षर हो गए हैं। यूरोपीय मुक्त व्यापार संघ ( EFTA) तथा भारत ने रविवार को (FTA) पर फाइनल मोहर लगा दी। इस मोहर के साथ ही यह तय हो गया है कि EFTA में शामिल यूरोप के देश भारत में 10 अरब डॉलर का निवेश करेंगे तथा 10 लाख भारत वासियों को रोजगार देंगे।

हो गए FTA पर हस्ताक्षर

रविवार यानी 10 मार्च 2024 का दिन भारत के इतिहास में हमेशा याद रखा जाएगा। रविवार को भारत तथा यूरोपीय फ्री ट्रेड एसोसिएशन (EFTA) ने मुक्त व्यापार समझौते (FTA) पर हस्ताक्षर कर दिए हैं। आपको बता दें कि मुक्त व्यापार FTA समझौते पर भारत के हस्ताक्षर का मामला लंबे अरसे से अटका हुआ था। भारत के ढेर सारे संगठन खास तौर से किसान संगठन भारत में FTA के पूरी तरह विरोध में रहे हैं। यह अलग बात है कि रविवार को FTA पर हस्ताक्षर होने के बाद कहीं से भी विरोध की आवाज सुनाई नहीं पड़ी है।

क्या है मुक्त व्यापार समझौता FTA ?

आपको बता दें चलें की FTA पर हुए हस्ताक्षर के तहत EFTA अगले 15 साल में भारत में अनिवार्य रूप से 100 अरब डालर का निवेश करेगा। जिससे 10 लाख प्रत्यक्ष नौकरियां निकलेंगी। पहले 10 सालों में 50 अरब डालर तो बाद के पांच सालों में 50 अरब डालर का निवेश किया जाएगा। EFTA में यूरोप के चार विकसित देश स्विट्जरलैंड, नार्वे, आइसलैंड व लाइकेटेनस्टीन शामिल हैं। समझौते पर वाणिज्य व उद्योग मंत्री पीयूष गोयल व इन देशों के समकक्ष मंत्रियों ने समझौते पर हस्ताक्षर किए। इन चार देशों से होने वाले भारत के कुल व्यापार में स्विट्जरलैंड की हिस्सेदारी 90 प्रतिशत से अधिक है। बाकी की हिस्सेदारी में अन्य तीनों देश शामिल है। समझौते से फार्मा, टेक्सटाइल जैसे सेक्टर के साथ सर्विस सेक्टर में भी इन चार देशों के बाजार में भारत की पहुंच आसान होगी। बदले में भारत भी इन देशों की विभिन्न वस्तुओं के लिए अपने आयात शुल्क को कम करेगा। हालांकि कृषि, डेयरी, सोया व कोयला सेक्टर को इस व्यापार समझौते से दूर रखा गया। पीएलआइ से जुड़े सेक्टर के लिए भी भारतीय बाज़ार को नहीं खोला गया है। ईएफटीए के साथ हुए समझौते को लागू होने में अभी कुछ महीने लग सकते हैं। क्योंकि यूरोप के इन चार देशों को अपनी संसद से समझौते को मंजूर कराना होगा। ईएफटीए देश यूरोपीय संघ (EU) का हिस्सा नहीं हैं। यह मुक्त व्यापार को बढ़ावा देने और तेज करने के लिए एक अंतर-सरकारी संगठन है। इसकी स्थापना उन देशों के लिए एक विकल्प के रूप में की गई थी, जो यूरोपीय समुदाय में शामिल नहीं होना चाहते थे।

IND-EFTA Deal 

प्रधानमंत्री की प्रतिक्रिया

FTA पर हस्ताक्षर होने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का बयान भी सामने आया है। पीएम मोदी ने अपने बयान में कहा है कि भारत-ईएफटीए व्यापार समझौता एक मुक्त, निष्पक्ष और समानता वाले व्यापार के प्रति हमारी साझा प्रतिबद्धता का प्रतीक है। डिजिटल व्यापार, बैंकिंग और वित्तीय सेवाओं तथा फार्मा जैसे क्षेत्रों में नवोन्मेष को लेकर ईएफटीए देशों की वैश्विक स्तर पर अग्रणी स्थिति से सहयोग के नए द्वार खुलेंगे। समझौते पर हस्ताक्षर करने में शामिल वार्ताकारों और हस्ताक्षरकर्ताओं को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं।

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