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कांग्रेस को लगा बड़ा झटका, देने पड़ेंगे 1700 करोड रूपए

IT Notice To Congress

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IT Notice To Congress : कांग्रेस पार्टी की हालत खराब होती जा रही है। कांग्रेस की स्थिति इधर कुआं उधर खाई वाली हो गयी है। चारों तरफ से घिरी हुई कांग्रेस पार्टी को एक और बड़ा झटका लगा है। आयकर विभाग ने कांग्रेस पार्र्टी पर 1700 करोड़ रूपए का जुर्माना लगा दिया है। कांग्रेस को कहा गया है कि पार्टी तुरंत 1700 करोड रूपए का भुगतान करे। खुद कांग्रेस के प्रवक्ता ने यह जानकारी दी है कि कांग्रेस पार्टी को आयकर विभाग ने 1700 करोड़ रूपए का नोटिस भेजा हे।

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क्या है पूरा मामला

आपको बता दें कि आयकर विभाग ने कांग्रेस पार्टी को एक ताजा नोटिस भेजा है। नोटिस में 1700 करोड़ रूपए जमा करने का नोटिस निर्देश दिया गया है। कांग्रेस नेता विवेक तन्खा ने इस घटनाक्रम की जानकारी दी। यह नोटिस मूल्यांकन वर्ष 2017-18 और 2020-21 के लिए दिया गया है और इसमें जुर्माना और ब्याज भी शामिल है।

इससे पहले गुरुवार को दिल्ली हाई कोर्ट ने कांग्रेस पार्टी को झटका दिया था। अदालत ने टैक्स अधिकारियों की ओर से उनके खिलाफ चार साल की अवधि के लिए टैक्स पुनर्मूल्यांकन प्रोसिडिंग (Tax Reassessment Proceedings) शुरू करने को चुनौती देने वाली कांग्रेस की याचिकाओं को खारिज कर दिया।

दिल्ली हाईकोर्ट की बेंच ने अपने आदेश में कहा कि कांग्रेस के खातों में कई बेहिसाब लेनदेन थे। आयकर अधिकारियों के पास उनके पुनर्मूल्यांकन की कार्यवाही शुरू करने के लिए पर्याप्त और ठोस सबूत मौजूद थे। इनके आधार पर कार्रवाई शुरू की गई। मौजूदा मामला आकलन वर्ष 2017 से 2021 तक का है।

दरअसल कांग्रेस पार्टी ने दिल्ली हाईकोर्ट में दाखिल याचिकाओं में साल 2014-15,16 और 17 तक के आयकर विभाग की ओर से पुनर्मूल्यांकन कार्यवाही को भी चुनौती दी गई थी। इसमें आयकर विभाग का कहना था कि रिकॉर्ड पर मौजूद सामग्री यह दिखाने के लिए पर्याप्त है कि पार्टी की बची हुई आय 520 करोड़ रुपए से अधिक है।

कोर्ट से भी झटका

दिल्ली हाईकोर्ट ने इससे पहले तीन साल के लिए आयकर विभाग की टैक्स पुनर्मूल्यांकन प्रोसिडिंग के खिलाफ याचिका खारिज की थी। कांग्रेस ने पुनर्मूल्यांकन कार्रवाई का विरोध किया था। कांग्रेस के वकील अभिषेक सिंघवी ने कहा था कि कर पुनर्मूल्यांकन कार्रवाई पर समयसीमा लागू होती है। आयकर विभाग ज्यादा से ज्यादा छह मूल्यांकन वर्षों तक ही किया जा सकता है। पुनर्मूल्यांकन प्रोसिडिंग आयकर कानून के प्रावधानों के विपरीत की जा रही है।

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