Thursday, 12 December 2024

भाजपा को सत्ता तक लाने वाले नेता हैं एल. के. आडवाणी

L. K. Advani Profile: भारतीय जनता पार्टी (BJP) को फर्श से अर्श तक पहुंचाने वाले व्यक्ति का नाम है लालकृष्ण…

भाजपा को सत्ता तक लाने वाले नेता हैं एल. के. आडवाणी

L. K. Advani Profile: भारतीय जनता पार्टी (BJP) को फर्श से अर्श तक पहुंचाने वाले व्यक्ति का नाम है लालकृष्ण आडवाणी (lal krishna advani)। वह नेता एल.के. आडवाणी ही हैं जिनके कारण एक छोटी सी राजनीतिक टोली से शुरू हुई भाजपा आज दुनिया की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी बन गई है। हम आपको भाजपा को सत्ता के शिखर तक पहुंचाने वाले लाल कृष्ण आडवाणी का पूरा जीवन परिचय बता रहे हैं। अदभुत प्रतिभा के धनी हैं एल.के. आडवाणी।

भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय गृह मंत्री लालकृष्ण आडवाणी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के संस्थापक सदस्यों में से एक हैं। लालकृष्ण आडवाणी को देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से नवाजा गया है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उनके घर जाकर उन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया था और इस दौरान उनके साथ पीएम मोदी भी मौजूद रहे। 2015 में आडवाणी को भारत के दूसरे सबसे बड़े नागरिक सम्मान पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था। इस लेख में हम लालकृष्ण आडवाणी के पूरे जीवन के बारे में जानकारी देंगे।

पाकिस्तान के कराची में हुआ था जन्म

लालकृष्ण आडवाणी का जन्म 8 नवम्बर 1927 (आयु 96) में पाकिस्तान के कराची में एक सिंधी परिवार में हुआ था। इनके पिता जी का नाम किशन चन्द और माता का नाम ग्यानी देवी था। उनकी छोटी बहन का नाम शीला है। लालकृष्ण आडवाणी ने फरवरी 1965 में कमला आडवाणी (1932–2016) से शादी की थी और उनसे उनके दो बच्चे हुए। उनका एक बेटा, जयंत और एक बेटी, प्रतिभा है जो टीवी सीरियल बनाती हैं। LK Advani Profile भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय गृह मंत्री लालकृष्ण आडवाणी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के संस्थापक सदस्यों में से एक हैं। लालकृष्ण आडवाणी को देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से नवाजा गया है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उनके घर जाकर उन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया था। इनका जन्म पाकिस्तान के कराची में एक सिंधी परिवार में हुआ था। लालकृष्ण आडवाणी ने अपनी प्रारंभिक स्कूली शिक्षा सेंट पैट्रिक हाई स्कूल, कराची से पूरी की और फिर गवर्नमेंट कॉलेज हैदराबाद, सिंध में दाखिला लिया था। उनका परिवार विभाजन के दौरान भारत में आय था और बंबई (अब मुंबई) में बस गया था। लालकृष्ण आडवाणी ने बॉम्बे विश्वविद्यालय के गवर्नमेंट लॉ कॉलेज से कानून में स्नातक किया था।

इस प्रकार हुई थी शुरूआत

लाल कृष्ण आडवाणी के सामाजिक जीवन की शुरुआत वर्ष 1947 से मानी जाती है। वह छात्र जीवन से ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से जुड़ गए थे। उन्होंने 1947 में राजस्थान में आरएसएस की गतिविधियों की कमान संभाली। जब श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने 1951 में आरएसएस की राजनीतिक शाखा भारतीय जनसंघ (बीजेएस; इंडियन पीपुल्स एसोसिएशन) की स्थापना की, तो लाल आडवाणी को राजस्थान में पार्टी की इकाई के सचिव बनाया गया। वह 1970 तक उस पद पर रहे, इसके बाद दिल्ली आ गए।

1970 में आडवाणी भारत की संसद के ऊपरी सदन राज्यसभा के सदस्य बने, इस सीट पर वे 1989 तक रहे। 1973 में वे भारतीय जनसंघ के अध्यक्ष चुने गए। 1975 में घोषित राष्ट्रीय आपातकाल के दौरान वह जेल भी गए। वर्ष 1980 में भारतीय जनता पार्टी की स्थापना के बाद से 1986 तक लालकृष्ण आडवाणी पार्टी के महासचिव रहे। इसके बाद 1986 से 1991 तक पार्टी के अध्यक्ष पद का उत्तरदायित्व भी उन्होंने सम्भाला। भाजपा के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार में केंद्रीय गृह मंत्री के रूप में दो बार (1998 और 1999) नियुक्त किए गए, आडवाणी को 2002 में उप प्रधानमंत्री नामित किया गया था। 2004 के आम चुनावों में अपनी पार्टी की हार के बाद, वह लोकसभा में विपक्ष के नेता बनाए गए।

कहा जाता है भाजपा का शिल्पकार

भाजपा के सबसे लंबे समय तक अध्यक्ष रहने वाले लालकृष्ण आडवाणी ने लगभग तीन दशकों का संसदीय करियर देखा है। भारतीय जनता पार्टी के जिन नामों को पूरी पार्टी को खड़ा करने और उसे राष्ट्रीय स्तर तक लाने का श्रेय जाता है उसमें सबसे आगे की पंक्ति में लालकृष्ण आडवाणी का नाम है। लालकृष्ण आडवाणी कभी पार्टी के कर्णधार कहे गए, कभी लौह पुरुष और कभी पार्टी का असली चेहरा। कुल मिलाकर पार्टी के आजतक के इतिहास का अहम अध्याय लालकृष्ण आडवाणी हैं।

राम मंदिर अंदोलन के हीरो बने

जब राम मंदिर में भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा की जा रही थी तब लालकृष्ण आडवाणी काफी चर्चा में थे और चर्चा में ऐसे नहीं थे। उन्होंने राम मंदिर के लिए बड़ा आंदोलन किया था और साल 1990 में राम मंदिर आंदोलन के दौरान सोमनाथ से अयोध्या के लिए राम रथ यात्रा निकाली थी और उनको गिरफ्तार किया गया था। कहा जाता है कि जब आडवाणी को गिरफ्तार किया गया तो उनका राजनीतिक कद और बड़ा हो गया और उनकी लोकप्रियता को चरम पर पहुँच गई। उस दौरान बच्चा-बच्चा जान गया था आडवाणी कौन हैं।

L. K. Advani Profile

वर्ष 1947 में लाल कृष्ण आडवाणी को करांची में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का सचिव चुना गया।
वर्ष 1951 में वे भारतीय जन संघ के के सदस्य बने, उल्लेखनीय है कि भारतीय जन संघ के स्थापना श्री श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने की थी।
1966 से 1967 तक ये भारतीय जन संघ के नेता बने रहे। 1967-1977 में दिल्ली महानगर परिषद के सदस्य के रूप में भी कार्य किया।
1970 से 1976 तक लालकृष्ण आडवाणी दिल्ली से राज्यसभा के सदस्य रहे।
1973 में उन्हें भारतीय जन संघ का राष्ट्रीय अध्यक्ष नियुक्त किया गया।
उसके पश्चात 1976 से 1982 तक लगातार वे गुजरात से राज्य सभा सदस्य बने रहे।
•वर्ष 1977 में भारतीय जन संघ से हटाये जाने के बाद उन्होंने अटल विहारी वाजपेयी के साथ जनता पार्टी के सदस्यता ग्रहण कर ली।
• वर्ष 1977 में जनता पार्टी ने लोक सभा में बहुमत हासिल किया और नए प्रधानमंत्री के रूप में मोरारजी देशाई नियुक्त किये गए।
1977 से 1979 में सूचना और प्रसारण मंत्री (जनता पार्टी सरकार)
जनवरी 1980 से अप्रैल 1980 तक लाल कृष्ण आडवाणी राज्य सभा में विपक्ष के नेता बने रहे।
वर्ष 1980 के दौरान इन्हें भारतीय जनता पार्टी का राष्ट्रीय महासचिव नियुक्त किया गया। इस पद वे 1986 तक बने रहे।
वर्ष 1982 में वे पुनः तीसरी बार राज्य सभा के लिए नियुक्त हुए।
वर्ष 1986 में लाल कृष्ण आडवाणी भारतीय जनता पार्टी के रास्ट्रीय अध्यक्ष नियुक्त किये गए और इस पद पर 1991 तक बने रहे।
वर्ष 1998 में वे राज्य सभा के लिए चौथी बार सदस्य चुने गए।
वर्ष 1989 में लाल कृष्ण आडवाणी 9वीं लोक सभा में सांसद चुने गये थे।
वर्ष 1989 से वर्ष 1991 तक लाल कृष्ण आडवाणी लोक सभा में संसदीय दल के नेता बने रहे।
वर्ष 1990 से वार्स 1991 तक लाल कृष्ण आडवाणी भर्ती एवं निर्धारण नियम 1955 के तहत लोक सभा सचिवालय की पुनार्विक्षा समिति के चेयरमैन बनाए गए।
वर्ष 1991 में लाल कृष्ण आडवाणी 10वी लोक सभा के आम चुनाव में दूसरी बार सांसद चुने गए।
वर्ष 1991 से 1993 तक लाल कृष्ण आडवाणी लोक सभा में विपक्ष के नेता बने रहे।
वर्ष 1993 से 1998 तक लाल कृष्ण आडवाणी भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष बने।
वर्ष 1998 में लाल कृष्ण आडवानी 12वीं लोक सभा के आम चुनाव में तीसरी बार चुने गए।
वर्ष 1998 से 1999 तक लाल कृष्ण आडवाणी गृह मंत्री बने।
वर्ष 1999 में लाल कृष्ण आडवानी 13वीं लोक सभा के आम चुनाव में चौथी बार चुने गए।
अक्टूबर 1999 से मई 2004 तक लाल कृष्ण आडवाणी भारत के गृह मंत्री बने रहे।
29 जून 2002 से मई 2004 तक लाल कृष्ण आडवाणी उप प्रधान-मंत्री बने रहे।
1 जुलाई 2002 से 25 अगस्त 2002 तक लाल कृष्ण आडवाणी वैयक्तिक,पेंशन और लोक शिकायत निवारण मामलों के संघीय कैबिनेट मंत्री बने रहे।
वर्ष 2004 में लाल कृष्ण आडवाणी 14वी लोक सभा चुनाव में 5वी बार चुने गए और लोक सभा में विपक्ष के नेता बने रहे।
5 अगस्त 2006 से मई 2009 तक लाल कृष्ण आडवाणी गृह मामलो की समिति के सदस्य बने रहे।
वर्ष 2009 में लाल कृष्ण आडवाणी 15वीं लोक सभा छठी बार सांसद के रूप में चुने गए।
29- मई 2009 से दिसंबर 2009 तक लालकृष्ण आडवाणी लोक सभा में विपक्ष के नेता बने रहे।
4 अगस्त 2009 को लाल कृष्ण आडवाणी को पार्लियामेन्टरी काम्प्लेक्स में लगाए जाने वाले प्रमुख भारतीय रास्ट्रीय नेताओ की तस्वीरों की समिति का सदस्य बनाया गया।
31 अगस्त 2009 को लाल कृष्ण आडवाणी को गृह मंत्रालयों की समिति का सदस्य बनाया गया।
15 दिसम्बर 2009 को लाल कृष्ण आडवाणी को पार्लियामेन्टरी काम्प्लेक्स के विकास और उसके सभी चीजो की देख-रेख और संरक्षण पर बनी सयुक्त पार्लियामेन्टरी समिति का सदस्य बनाया गया है।
2009 में लोकसभा चुनाव में भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार
2014 से 2020 में भाजपा संसदीय बोर्ड के सदस्य
2024 में भारत सरकार द्वारा भारत रत्न से सम्मानित किया।  L. K. Advani Profile

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