नई दिल्ली। सरकार ने राज्यसभा में कहा कि नमामि गंगे कार्यक्रम से गंगा नदी के प्रदूषण को कम करने में मदद मिली है और हाल में इसमें तेजी आई है। जल शक्ति राज्य मंत्री बिश्वेश्वर टुडु ने एक सवाल के लिखित जवाब में राज्यसभा को यह जानकारी दी।
Namami Gange
उनसे सवाल किया गया था कि क्या गंगा और उसकी सहायक नदियों के पुनरुद्धार के लिए 2014-15 में शुरु की गई नमामि गंगे परियोजना का अब तक कोई ठोस परिणाम नहीं निकला है? मंत्री ने इसके जवाब में कहा कि नमामि गंगे कार्यक्रम के अंतर्गत परियोजनाओं का कार्यान्वयन प्रभावी रहा है। गंगा नदी में प्रदूषण भार को कम करने में सक्षम रहा है और हाल ही में इसमें तेजी आई है।
Political News : कोरोना महामारी से मृत सरकारी कर्मचारियों के आश्रितों को दी जाए नौकरी : भाजपा सांसद
उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने प्रदूषण पर काबू, राष्ट्रीय नदी गंगा और उसकी सहायक नदियों के संरक्षण और कायाकल्प के दोहरे उद्देश्यों को पूरा करने के लिए 2014-15 में नमामि गंगे कार्यक्रम शुरू किया था। भारत सरकार नमामि गंगे कार्यक्रम के अंतर्गत वितीय और तकनीकी सहायता प्रदान करके गंगा नदी और उसकी सहायक नदियों के प्रदूषण की चुनौतियों से निपटने में राज्य सरकारों के प्रयासों में सहायता कर रही है।
Namami Gange
Varanasi : राष्ट्रपति द्रौपदी ने काशी के कोतवाल को ठोका सलाम, उतारी आरती
मंत्री ने कहा कि इस कार्यक्रम के तहत 31 दिसंबर 2022 तक 32,912.40 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से कुल 409 परियोजनाएं शुरू की गई हैं, जिनमें से 232 परियोजनाएं पूरी हो गई हैं। उन्होंने कहा कि अधिकतर परियोजनाएं सीवेज संबंधी बुनियादी ढांचा के निर्माण से संबंधित हैं, क्योंकि अनुपचारित घरेलू व औद्योगिक अपशिष्ट जल नदी में प्रदूषण का मुख्य कारण है।
देश विदेश की खबरों से अपडेट रहने लिए चेतना मंच के साथ जुड़े रहें।
देश–दुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमें फेसबुक पर लाइक करें या ट्विटर पर फॉलो करें।