Wheat Export- भारत में गेहूं निर्यात पर सशर्त प्रतिबंध, इस वजह से सरकार को लेना पड़ा है फैसला

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भारत में गेहूं के निर्यात पर रोक
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calendar14 May 2022 04:59 PM
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Wheat Export- केंद्र सरकार ने गेहूं के निर्यात को लेकर लिया बड़ा फैसला। घरेलू बाजार में लगातार बढ़ रहे गेहूं की कीमतों की वजह से सरकार ने गेहूं के निर्यात पर सशर्त प्रतिबंध लगाने का फैसला लिया है। जिसका अर्थ है यह है कि अब गेहूं का निर्यात कुछ शर्तों पर ही किया जा सकेगा। वैश्विक स्तर पर गेहूं व अन्य खाद्य पदार्थों की कीमतों में अचानक से वृद्धि हुई है। खास तौर से रूस और यूक्रेन के बीच छिड़े हुए युद्ध की वजह से गेहूं के अंतरराष्ट्रीय कीमतों में 40% तक की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। गेहूं के निर्यात (Wheat Export) की मांग बढ़ गई है। जिसकी वजह से घरेलू बाजारों में इसकी कीमतें तेजी से बढ़ रही हैं। भारत के साथ-साथ पड़ोसी मुल्कों एवं अन्य कमजोर देशों की खाद्य सुरक्षा पर खतरा मंडराने लगा है। यही वजह है कि केंद्र सरकार को गेहूं के निर्यात को लेकर बड़ा फैसला लेना पड़ा है। सरकार द्वारा गेहूं के निर्यात (Wheat Export) को लेकर एक नोटिफिकेशन जारी किया गया है। जिसमें कहा गया है कि - "देश की समग्र खाद्य सुरक्षा का प्रबंधन करने और पड़ोसी और अन्य कमजोर देशों की जरूरतों का समर्थन करने के लिए यह फैसला लिया गया है।
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क्या है इस समय गेंहू की खरीद -

गेहूं की खरीद पर खुदरा महंगाई अप्रैल महीने में 9.59 प्रतिशत बढ़ी है। जबकि मार्च में यह महंगाई 7.77 प्रतिशत थी। खुले बाजार में गेहूं की कीमत बढ़ने की वजह से गेहूं की सरकारी खरीद में 55% गिरावट आई है। इस समय गेहूं न्यूनतम ₹2015 प्रति क्विंटल के मूल्य पर है।
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Madhya Pradesh- काले हिरण के शिकारियों और पुलिस के मुठभेड़ में तीन पुलिसकर्मियों की मौत

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पुलिस और शिकारियों के बीच हुई मुठभेड़ में 3 पुलिसकर्मी शहीद
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userचेतना मंच
calendar14 May 2022 04:09 PM
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गुना, मध्य प्रदेश: मध्य प्रदेश राज्य के गुना (Guna Madhya Pradesh) जिले में काले हिरण का शिकार करने आए शिकारियों और पुलिस के बीच हुई मुठभेड़ में हुई फायरिंग में तीन पुलिसकर्मियों की मौत हो गई। इस घटना में जिन पुलिसकर्मियों की जान गई है, वे हैं एसआई राजकुमार जाटों आरक्षक नीरज भार्गव और आरक्षक संतराम।

गुना के आरोन पुलिस स्टेशन की है ये घटना -

गुना जिले जिले के आरोन पुलिस स्टेशन के अंतर्गत सागा बरखेड़ा गांव से जुड़ी यह घटना है। आरोन पुलिस स्टेशन में पुलिस कर्मियों को सागा बरखेड़ा गांव के जंगल में काले हिरण के शिकार करने की खबर मिली थी। शिकारियों को पकड़ने के लिए पुलिस जब जंगल में पहुंची तो शिकारियों के गैंग ने पुलिस पर ही हमला कर दिया। शिकारियों द्वारा हमला किए जाने पर पुलिस और शिकारियों के बीच मुठभेड़ शुरू हो गई और दोनों तरफ से फायरिंग होने लगी। इस मुठभेड़ में तीन पुलिसकर्मियों को अपनी जान गंवानी पड़ी। घटनास्थल पर शिकार किए गए हिरणों के कटे हुए सर के साथ 1 मारे हुए मोर का शरीर भी बरामद हुआ है। इस घटना में शहीद हुए पुलिसकर्मियों के शरीर को देखकर ऐसा लग रहा है कि पुलिसकर्मियों पर बहुत ही करीब से फायरिंग की गई है।

आज मुख्यमंत्री आवास पर घटना से जुड़ी बैठक होगी -

गुना में हुए शिकारियों और पुलिस के बीच मुठभेड़ को लेकर आज मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इमरजेंसी मीटिंग बुलाई है। इस मीटिंग में गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा, मुख्य सचिव, डीजीपी, एडीजी समेत कई बड़े पुलिस अधिकारी मौजूद रहेंगे।
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मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा (Madhya Pradesh home minister Narottam mishra) ने इस घटना में शहीद हुए पुलिसकर्मियों के प्रति शोक व्यक्त करते हुए कहा है, कि घटना में शरीक हुए अपराधियों को बख्शा नहीं जाएगा। उनके खिलाफ सख्त से सख्त कार्यवाही की जाएगी।
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Kedarnath केदारनाथ यात्रा VIP एंट्री पर लगाई गई रोक, सेफ्टी अलर्ट जारी

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Kedarnath
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calendar13 May 2022 10:37 PM
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Kedarnath : उत्तराखंड के केदारनाथ धाम में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ने लगी है। जिसे देखते हुए प्रशासन ने शुक्रवार को अति​ विशिष्ठ व्यक्ति यानि VIP के प्रवेश पर रोक लगा दी है। यहां पर अब अब सभी VIP को भी आम यात्रियों की तरह ही दर्शन करना होगा। इसके लिए केवल दो घंटे का समय दिया जाएगा। इसके पहले सही इंतजाम नहीं होने की वजह से 28 लोगों की मौत भी हो चुकी है।

आपको बता दें कि उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने लोगों से अपील की है कि जिन लोगों को स्वास्थ्य संबंधी कोई परेशानी है, वे कुछ दिन बाद ही यात्रा करें। आपको यह भी बता दें कि करीब दो साल बाद शुरू हुई है। दर्शन करने के लिए श्रद्धालु भारी मात्रा में पहुंच रहे हैं। पिछले 6 दिनों में करीब 1 लाख 30 हजार लोगों ने दर्शन किए हैं। इसी वजह से प्रशासन ने वीआईपी एंट्री पर रोक लगा दी है।

इसके पहले प्रशासन की और से सही इंतजाम नहीं होने की वजह से कई लोगों की मौत भी हो चुकी है। रुदप्रयाग से 11 बीमार लोगों को एयरलिफ्ट करके दूसरी जगहों पर भेजा गया। हालात इतने खराब थे कि भगदड़ और लाठीचार्ज की स्थिति पैदा हो गई। केदारनाथ के अलावा बद्रीनाथ और यमुनोत्री में भी प्रशासन की लापरवाही सामने आई है।

आपको बता दें कि धाम यात्रा पर आने वाले सभी श्रद्धालुओं को अब एक ही लाइन में खड़े होकर दर्शनों के लिए इंतजार करना होगा। लाइन में खड़े श्रद्धालुओं को दो घंटे में दर्शन कराने के निर्देश भी दिए गए हैं।

रोजाना बढ़ती भीड़ को देखते हुए मंदिर में आईटीबीपी और एनडीआरएफ की टीमों को तैनात किया गया है। इसके साथ ही रास्तों में पुलिस के जवान लोगों की मदद भी कर रहे हैं। पिछले दिनों कुछ लापरवाही के मामले सामने आए थे। इसी वजह से कड़े कदम उठाए जा रहे हैं।