Ax-4 मिशन को मिली नई उड़ान: शुभांशु शुक्ला 19 जून को रचेंगे इतिहास!

स्पेसएक्स का फाल्कन 9 देगा उड़ान को पंख
Ax-4 मिशन का प्रक्षेपण अमेरिका के फ्लोरिडा स्थित नासा के कैनेडी स्पेस सेंटर से किया जाएगा। इस मिशन के लिए स्पेसएक्स का भरोसेमंद फाल्कन 9 लॉन्च वाहन चुना गया है। हाल ही में फाल्कन 9 में तरल ऑक्सीजन के रिसाव जैसी तकनीकी समस्याएं सामने आई थीं, जिसके कारण मिशन को टालना पड़ा था। लेकिन अब स्पेसएक्स के इंजीनियरों ने इस समस्या का सफल समाधान कर लिया है। अधिकारियों की ताजा बैठक में लॉन्च व्हीकल को पूरी तरह से तैयार घोषित कर दिया गया है।शुभांशु शुक्ला: भारत का नया अंतरिक्ष नायक
शुभांशु शुक्ला भारतीय वायु सेना के सेवारत पायलट और इसरो के सबसे नए अंतरिक्ष यात्री हैं। वे Ax-4 मिशन के तहत एक अंतरराष्ट्रीय दल के सदस्य के रूप में अंतरिक्ष की यात्रा करेंगे। यह मिशन भारत के मानव अंतरिक्ष उड़ान कार्यक्रम के लिए एक बड़ा मील का पत्थर है। शुभांशु अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) तक पहुँचने वाले कुछ चुनिंदा भारतीयों में शामिल होंगे। उनकी यह यात्रा आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणास्रोत बनेगी।भारत के लिए गौरव का क्षण
Ax-4 मिशन न केवल इसरो की तकनीकी क्षमताओं का प्रतीक है, बल्कि यह भारत की वैश्विक अंतरिक्ष समुदाय में मजबूत होती भूमिका को भी दर्शाता है। शुभांशु शुक्ला की यह उड़ान भारत को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नई पहचान दिलाने वाली है। 19 जून 2025 की तारीख अब भारतीय अंतरिक्ष इतिहास में एक अहम दिन के रूप में दर्ज होने जा रही है। ईरान-इजरायल संघर्ष में कब और कहां बरसे मिसाइल, जानें पूरी रिपोर्टअगली खबर पढ़ें
स्पेसएक्स का फाल्कन 9 देगा उड़ान को पंख
Ax-4 मिशन का प्रक्षेपण अमेरिका के फ्लोरिडा स्थित नासा के कैनेडी स्पेस सेंटर से किया जाएगा। इस मिशन के लिए स्पेसएक्स का भरोसेमंद फाल्कन 9 लॉन्च वाहन चुना गया है। हाल ही में फाल्कन 9 में तरल ऑक्सीजन के रिसाव जैसी तकनीकी समस्याएं सामने आई थीं, जिसके कारण मिशन को टालना पड़ा था। लेकिन अब स्पेसएक्स के इंजीनियरों ने इस समस्या का सफल समाधान कर लिया है। अधिकारियों की ताजा बैठक में लॉन्च व्हीकल को पूरी तरह से तैयार घोषित कर दिया गया है।शुभांशु शुक्ला: भारत का नया अंतरिक्ष नायक
शुभांशु शुक्ला भारतीय वायु सेना के सेवारत पायलट और इसरो के सबसे नए अंतरिक्ष यात्री हैं। वे Ax-4 मिशन के तहत एक अंतरराष्ट्रीय दल के सदस्य के रूप में अंतरिक्ष की यात्रा करेंगे। यह मिशन भारत के मानव अंतरिक्ष उड़ान कार्यक्रम के लिए एक बड़ा मील का पत्थर है। शुभांशु अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) तक पहुँचने वाले कुछ चुनिंदा भारतीयों में शामिल होंगे। उनकी यह यात्रा आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणास्रोत बनेगी।भारत के लिए गौरव का क्षण
Ax-4 मिशन न केवल इसरो की तकनीकी क्षमताओं का प्रतीक है, बल्कि यह भारत की वैश्विक अंतरिक्ष समुदाय में मजबूत होती भूमिका को भी दर्शाता है। शुभांशु शुक्ला की यह उड़ान भारत को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नई पहचान दिलाने वाली है। 19 जून 2025 की तारीख अब भारतीय अंतरिक्ष इतिहास में एक अहम दिन के रूप में दर्ज होने जा रही है। ईरान-इजरायल संघर्ष में कब और कहां बरसे मिसाइल, जानें पूरी रिपोर्टसंबंधित खबरें
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