Srinagar News : किसी भी आक्रामक कार्रवाई का उपयुक्त जवाब देंगे :एलएसी पर स्थिति के बारे में सेना कमांडर

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Srinagar News : Will give a befitting reply to any aggressive action: Army Commander on situation on LAC
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calendar29 Nov 2025 08:32 PM
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Srinagar News : भारतीय थलसेना ने मंगलवार को कहा कि वह लद्दाख सेक्टर में चीन की किसी भी आक्रामक कार्रवाई का मुंहतोड़ जवाब देने के लिए तैयार है तथा देश की अखंडता सैनिकों की गश्त और तकनीकी माध्यमों से सुनिश्चित की जा रही है। सेना के उत्तरी कमान के ‘जनरल ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ’, लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने यहां बादामी बाग छावनी इलाके में एक कार्यक्रम में यह भी कहा कि रूस-यूक्रेन युद्ध ने विध्वंसकारी और दोहरे उपयोग की प्रौद्योगिकियों का इस्तेमाल करने जैसे कई सबक दिये हैं।

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  उन्होंने कहा, ‘‘एलएसी (वास्तविक नियंत्रण रेखा) पर यथास्थिति को एकपक्षीय तरीके से बदलने की चीन की कोशिशों के खिलाफ हमारी प्रतिक्रिया, भारतीय सशस्त्र बलों की त्वरित, निर्भीक और समन्वित कार्रवाई के रूप में है। किसी भी आक्रामक मंसूबे या प्रयासों का निश्चित रूप से सशस्त्र बलों के उपयुक्त रुख और तीनों सेनाओं (थलसेना, वायुसेना और नौसेना) के बीच पूर्ण तालमेल के मजबूत इरादे के साथ जवाब दिया जाएगा।’’ उन्होंने कहा कि एलएससी पर स्थिति का राजनयिक और अभियानगत स्तरों पर समाधान करने के उपाय एक साथ जारी हैं। लेफ्टिनेंट जनरल द्विवेदी ने कहा, ‘‘मैं आपको आश्वस्त करता हूं कि पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर (हमारे) सैनिक गश्त कर रहे हैं और वहां तकनीकी माध्यमों का भी उपयोग किया जा रहा है तथा हमारी क्षेत्रीय अखंडता सुनिश्चित की जा रही है।’’ उन्होंने कहा कि निरंतर उभरते खतरों और चुनौतियों का सामना करने के लिए उत्तरी कमान में तैयारियां और मनोबल उच्च स्तर पर है। लेफ्टिनेंट जनरल द्विवेदी ने कहा, ‘‘उत्तरी और पश्चिमी सीमाओं पर विशेष रूप से अलग-अलग शत्रुओं की ओर से जम्मू कश्मीर एवं लद्दाख में सुरक्षा स्थिति क्षेत्र में कई चुनौतियां पैदा की ज रही हैं। हम राष्ट्र की लोकतांत्रिक परंपराओं को बरकरार रखते हुए भारत की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम निरंतर चौकसी कर रहे हैं, सभी घटनाओं की निगरानी कर रहे हैं और हमारे राष्ट्रीय हितों की सुरक्षा के लिए सभी आवश्यक कदम उठाएंगे।’’ सेना कमांडर ने यह उल्लेख किया कि साइबर और अंतरिक्ष नये रणक्षेत्र के रूप में उभरा है।

Assam News : असम में बाल विवाह को लेकर कानून के दायरे में काम कर रही सरकार, किसी का उत्पीड़न नहीं: चौधरी

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Assam News : असम में बाल विवाह को लेकर कानून के दायरे में काम कर रही सरकार, किसी का उत्पीड़न नहीं: चौधरी

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Assam News: Government working within the ambit of law regarding child marriage in Assam, no one is being harassed: Chaudhary
locationभारत
userचेतना मंच
calendar01 Dec 2025 10:52 AM
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Assam News : भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की उत्तर प्रदेश इकाई के अध्यक्ष भूपेन्द्र सिंह चौधरी ने असम सरकार द्वारा बाल विवाह के खिलाफ की जा रही कार्रवाई का समर्थन करते हुए कहा कि वहां किसी का उत्पीड़न नहीं हो रहा है और भाजपा सरकार कानून के दायरे में अपना काम कर रही है। चौधरी ने यह भी कहा कि राहुल गांधी की हालिया ‘भारत जोड़ो यात्रा’ या किसी अन्य अभियान के बावजूद उत्तर प्रदेश में फिलहाल कांग्रेस की कोई भूमिका नजर नहीं आ रही है।

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  भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने विशेष साक्षात्कार में कहा, 'देश में एक समान कानून व्यवस्था है, बाल विवाह हमारे लिए कुरीति है, सामाजिक बुराई है, यह सबके लिए चुनौती है और इस बुराई को दूर करने के लिए कानून बना हुआ है तथा असम सरकार उस कानून का पालन कर रही है।' पार्टी प्रदेश अध्यक्ष ने यह प्रतिक्रिया असम में बाल विवाह की कुप्रथा के खिलाफ वहां की भाजपा-नीत सरकार की ओर से की जा रही कार्रवाई पर ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) के विरोध और निंदा के सवाल पर दी।   उल्लेखनीय है कि एआईएमपीएलबी के अध्यक्ष मौलाना सैयद राबे हसनी नदवी की अध्यक्षता में नदवतुल उलेमा, लखनऊ में बोर्ड की कार्यकारिणी की रविवार को हुई बैठक में प्रस्ताव पारित कर असम सरकार द्वारा बाल विवाह के खिलाफ शुरू किये गये अभियान की निंदा की गयी और मामले का पुरजोर विरोध करने का फैसला भी किया गया। इसके बाद ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने असम में बाल विवाह पर कार्रवाई के पीछे राज्य सरकार की मंशा पर सवाल उठाते हुए कहा कि यह भाजपा-नीत सरकार की विफलता को दर्शाता है। बोर्ड की बैठक में भाग लेने आये ओवैसी ने ‘पीटीआई-भाषा’ को फोन कॉल पर कहा, "असम में जो भी कार्रवाई की जा रही है, उसके पीछे दुर्भावनापूर्ण मंशा है।" भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने एआईएमपीएलबी के आरोपों को खारिज करते हुए कहा, 'सबको संवैधानिक व्यवस्था, कानून के तहत अपना जीवन जीने का अधिकार है और इसमें न तो कहीं कोई उत्पीड़न है, न किसी का उत्पीड़न हो रहा है तथा कहीं कोई दुर्भावना भी नहीं है।' असम मंत्रिमंडल ने हाल ही में फैसला किया था कि 14 साल से कम उम्र की लड़कियों की शादी करने वालों पर यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया जाएगा। असम में इस सिलसिले में चार हजार से अधिक प्राथमिकियां दर्ज कर पिछले तीन दिनों में करीब ढाई हजार आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। मुसलमानों को पूरी तरह शरीयत पर अमल करने और सरकार से समान नागरिक संहिता का इरादा छोड़ देने की एआईएमपीएलबी की सलाह पर भाजपा नेता ने कहा, 'संविधान में सबको समान अधिकार दिए गए हैं। इसके लिए किसी विशेषाधिकार की व्यवस्था नहीं है।' चौधरी ने कहा, 'अगर अलग-अलग विशेषाधिकार की बात होगी तो यह देश हित में नहीं होगा और सबको यह समझना चाहिए कि बाबा साहब भीमराव आंबेडकर ने जो संविधान दिया है, उसी संवैधानिक व्यवस्था के अनुसार हमें देश चलाने का अधिकार मिला है। हम पूरी ईमानदारी के साथ व्यवस्था को आगे बढ़ाने का काम कर रहे हैं।'

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मुसलमानों के प्रति भाजपा सरकार के दोहरे रवैये के आरोप के सवाल पर उन्होंने कहा, 'भाजपा की मंशा सबको साथ लेकर चलने की है और प्रधानमंत्री (नरेंद्र) मोदी जी के नेतृत्व में देश में सरकार चलाने का जो जनादेश मिला है, उस पर पूरी दृढ़ता के साथ भाजपा आगे बढ़ रही है।' चौधरी ने कहा, 'जहां तक मुस्लिम समाज या अल्पसंख्यक समाज का संबंध है, तो यह सभी जानते हैं कि पिछली सरकारों ने मुस्लिम समुदाय को हमेशा वोट बैंक के रूप में इस्तेमाल किया, लेकिन भाजपा के एजेंडे में वोट बैंक नहीं है। मोदी जी सवा सौ करोड़ देशवासियों की बात करते हैं और उसमें सभी शामिल हैं।' श्रीरामचरितमानस को लेकर समाजवादी पार्टी (सपा) नेता स्वामी प्रसाद मौर्य की टिप्पणी के तूल पकड़ने पर चौधरी ने कहा, 'प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र और मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ के नेतृत्व में प्रदेश में भाजपा की सरकार है तथा हम संकल्प पत्र एवं एजेंडे के साथ सरकार में आये हैं और देश व प्रदेश के विकास के लिए काम कर रहे हैं। चूंकि विपक्ष के पास कोई विषय बचा नहीं है, इसलिए वे इस तरह का अनर्गल प्रलाप कर रहे हैं।' गौरतलब है कि सपा के राष्ट्रीय महासचिव मौर्य ने 22 जनवरी को तुलसीदास रचित श्रीरामचरितमानस के कुछ हिस्सों पर यह कहते हुए पाबंदी लगाने की मांग की कि उनसे समाज के एक बड़े तबके का जाति, वर्ण और वर्ग के आधार पर अपमान होता है। इसके बाद मौर्य के समर्थकों ने राजधानी के वृंदावन इलाके में श्रीरामचरितमानस के पन्‍नों की छाया प्रतियां जलाई थी। मामले में प्राथमिकी भी दर्ज हुई और इसे लेकर पक्ष-विपक्ष में जुबानी जंग तेज हो गयी है। इस बीच आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के एक हालिया बयान पर सपा प्रमुख अखिलेश यादव द्वारा जाति-वर्ण को लेकर वस्तुस्थिति स्पष्ट करने की चुनौती के संबंध में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि सपा सबसे बड़ी जातिवादी और परिवारवादी पार्टी है। उन्होंने कहा, 'अगर सपा का इतिहास देखें तो प्राथमिकता में उनकी जाति और उनका परिवार रहा है। जब-जब सपा को सरकार बनाने का अवसर मिला, तब-तब वह जाति, वर्ण से आगे नहीं बढ़ पायी।' उन्होंने कहा, 'अगर आप सपा के इतिहास का आकलन करें, तो 1992 में सपा का गठन हुआ और आज 30-31 वर्षों में यह पार्टी मुलायम सिंह से आगे अखिलेश यादव तक ही पहुंची है। बड़े चाचा प्रोफेसर राम गोपाल यादव पार्टी के प्रमुख महासचिव और छोटे चाचा शिवपाल यादव दूसरे महासचिव हैं। निश्चित रूप से सपा की राजनीति जातिवादी और परिवारवादी है। इस परिवारवादी राजनीति से वे लोग आगे नहीं बढ़ पाये हैं। उनकी सरकारी व्यवस्था में भी परिवार, व्यक्ति, जाति और सैफई ही रहा है।' चौधरी ने एक सवाल के जवाब में कहा, 'लोकतंत्र में जनता सर्वोपरि है और हम सबके एजेंडे में देश प्रथम होना चाहिए, लेकिन मुझे दुख के साथ कहना पड़ता है कि कभी-कभी भाजपा का और हमारे नेताओं का विरोध करते-करते विपक्षी पार्टी देश के विरुद्ध खड़ी हो जाती है और उन सभी गतिविधियों में शामिल हो जाती है जो देश व समाज के हित में नहीं है। मेरा सभी से निवेदन है कि वैचारिक रूप से मतभेद हो सकते हैं, लेकिन देश को ताकतवर बनाने के लिए हम सबको प्रयास करना चाहिए।' हिन्दू-मुस्लिम उन्माद को लेकर भाजपा और सपा के बीच मिलीभगत होने के बहुजन समाज पार्टी (बसपा) प्रमुख मायावती के आरोप पर चौधरी ने कहा, 'हमारी प्राथमिकता में गरीब और कमजोर हैं, जातिवाद की राजनीति भाजपा नहीं करती। प्रधानमंत्री जी का ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास’ का संकल्प सबको पता है।' उन्होंने कहा, 'मैं समाजवादी पार्टी या विपक्ष के सभी साथियों को चुनौती देता हूं कि हमारी सरकार की जितनी भी लाभार्थीपरक योजनाएं हैं, उनमें कोई भी भेदभाव यदि कहीं है तो आप इस बात को साबित करें। उनकी (विपक्ष की) सरकारों में जो भी योजनाएं होती थीं, उनमें समाज के केवल एक विशेष तबके को लाभ मिलता था। हमारी किसी भी योजना में कोई भेदभाव नहीं है और पारदर्शी व्यवस्था के साथ सरकार समाज के आखिरी छोर पर बैठे व्यक्ति के विकास के लिए संकल्पित है।’’ यह पूछे जाने पर कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ और उत्तर प्रदेश में ‘हाथ से हाथ जोड़ो’ अभियान का आगामी चुनाव पर क्या असर होगा, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने कहा, ‘‘लोकतंत्र में सबको अपनी बात कहने और अपना अभियान चलाने का अधिकार है, लेकिन उत्‍तर प्रदेश में कांग्रेस की कोई भूमिका मुझे नहीं दिख रही है।’’
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Delhi : सुप्रीम कोर्ट ने धन शोधन मामले में पत्रकार राणा अय्यूब की याचिका खारिज की

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Delhi News
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calendar29 Nov 2025 08:28 AM
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Delhi News : नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने धन शोधन मामले में गाजियाबाद की विशेष अदालत द्वारा समन किए जाने को चुनौती देने वाली पत्रकार राणा अय्यूब की याचिका मंगलवार को खारिज कर दी।

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न्यायमूर्ति वी. रामासुब्रमण्यन और न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला की पीठ ने अय्यूब को सुनवाई कर रही अदालत के समक्ष न्यायाधिकार का मुद्दा उठाने की अनुमति दी और कहा कि यह साक्ष्य का सवाल है।

शीर्ष अदालत ने 31 जनवरी को समन को चुनौती देने वाली अय्यूब की याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।

शीर्ष अदालत ने 25 जनवरी को गाजियाबाद की एक विशेष अदालत से कहा था कि अय्यूब के खिलाफ धन शोधन मामले में 27 जनवरी को सुनवाई की कार्यवाही 31 जनवरी के बाद की तारीख तक स्थगित कर दे।

अपनी लिखित अर्जी में अय्यूब ने न्यायाधिकार की कमी का हवाला देते हुए गाजियाबाद में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा शुरू की गई कार्यवाही को रद्द करने का अनुरोध किया था क्योंकि कथित धन शोधन का अपराध मुंबई में हुआ था।

पिछले साल 29 नवंबर को गाजियाबाद में विशेष पीएमएलए (धन शोधन निवारण अधिनयिम) अदालत ने ईडी द्वारा दायर आरोपपत्र पर संज्ञान लिया था और अय्यूब को समन किया था।

पिछले साल 12 अक्टूबर को ईडी ने अय्यूब के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया और उन पर लोगों को धोखा देने तथा दान के नाम पर मिली 2.69 करोड़ रुपये की रकम का निजी संपत्ति बनाने में इस्तेमाल करने में तथा विदेश योगदान अधिनियम का उल्लंघन करने का आरोप लगाया।

ईडी ने एक बयान में कहा कि राणा अय्यूब ने अप्रैल 2020 से ‘केटो’ प्लेटफॉर्म पर तीन धन जुटाने वाले अभियान शुरू किए और कुल 2,69,44,680 रुपये की धनराशि एकत्र की।

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