Digital Arrest : आजकल देश में डिजिटल अरेस्ट बेहद प्रचलन में है। और तमाम पढ़े लिखे और बड़े ओहदों पर रहने वाले लोग भी इसके शिकार हो जाते हैं। अब तक देश में हजारों लोग इसके शिकार हो चुके हैं। जालसाजों द्वारा लोगों को फंसाने के कई तरीके अपनाए जाते हैं। आएदिन अखबारों और समाचारों में साइबर ठगी के शिकार लोगों के बारे में छपता रहता है, फिर भी लोग साइबर ठगों के जाल में फंस ही जाते हैं। अभी सहारनपुर में एक अजीब घटना घटी जब साइबर ठग एक महिला को अपने डिजिटल अरेस्ट के जाल में नहीं फंसा पाए तो उसे अपने साथ साइबर ठग बनने का आॅफर दे दिया। ठगों ने कहा मेरे साथ जुड़ जाओ सब सिखा दूंगा।
डिजिटल अरेस्ट का अनूठा मामला
एक तरफ देश भर से डिजिटल अरेस्ट करके लाखों की ठगी करने वाले हजारों केस आ चुके हैं। अभी सहारनपुर से एक अनोखा मामला सामने आया है। जिसमें डिजिटल अरेस्ट करने के क्रम में अभी 4 दिसंबर को शगुफ्ता मलिक नाम की महिला के साथ यह अनोखा मामला हुआ। सहारनपुर के एक हॉस्पिटल में स्टाफ नर्स की नौकरी करने वाली शगुफ्ता के पास एक अनजान नंबर से फोन आया।
शगुफ्ता बताती हैं कि फोन पर सामने वाले ने अपना परिचय पुलिसवाले के तौर पर दिया। फिर उसने कहा कि तुम्हारा बेटा रुड़की में पढ़ता है न? वह नशे का अवैध कारोबार करता है। उसे जेल जाने से बचाने के लिए तुम्हे पैसे खर्च करने होंगे। जब शगुफ्ता किसी भी तरह उसके जाल में नहीं फंसी तो उसने उसे अपने साथ इस जालसाजी के काम को अंजाम देने और खूब नोट कमाने का अनूठा आॅफर दे डाला।
डिजिटल अरेस्ट करने के हैं कई तरीके
जालसाज फोन करके सामने वाले को इस तरह डरा देते हैं कि वे मानसिक रूप से उसके कब्जे में आ जाएं। साइबर ठग फोन पर कभी कहते हैं कि वे चोरी या मनी लॉड्रिंग मामले में फंस गए हैं। उनकी आॅनलाइन पेशी होगी। जब लोग डर जाते हैं तो उनसे धीरे धीरे रकम की मांग की जाती है। कभी उनसे कहा जाता है कि उनके नाम से अवैध पदार्थ कोरियर से आया है, उसमें पकड़े जाने की बात होती है। तो कभी कस्टम में मिले अवैध माल का जिक्र करके सामने वाले को डराया जाता है। और फिर जब वे डरकर उनके शिकंजे मेंं फंस जाते हैं तो वे उनसे पैसों की वसूली करते हैं।
फिशिंग स्कैम के द्वारा जालसाजी
फिशिंग स्कैम के द्वारा जालसाज ऐसे ईमेल और मेसेज बनाते हैं जो वैध लगते हैं। वह अक्सर बड़े ब्रांड के लोगों और ब्रांड का उपयोग करके लोगों को मैसेज करते हैं कि लॉटरी और पुरस्कार के तौर पर उन्होंने बड़ी राशि जीती है। इसके बाद पुरस्कार का दावा करने के लिए उन्हें प्रोसेसिंग शुल्क और करों का भुगतान करने के लिए कहा जाता है। इस दौरान जालसाज लोगों के लालच का फायदा उठाते हैं। और उनकी तमाम दौलत खातों से साफ कर देते हैं।
डेटिंग और जॉब स्कैम
आॅनलाइन डेटिंग एप के जरिये भी लोगों को ठगा जाता है। सामने वाली लड़का या लड़की वीडियो पर नंगे होकर आनंद लेने को कहते हैं और फिर जब वे उसमें शामिल होते हैं तो उनका वीडियो सार्वजनिक करने के नाम पर उनसे पैसों की डिमांड की जाती है। इसके अलावा आॅनलाइन डेटिंग एप के जरिये जहां पहले पीड़ितों से भावनात्मक जुड़ाव किया जाता है और फिर मेडिकल मदद और इमरजेंसी की बात कहकर धन की मांग की जाती है। वहीं जॉब स्कैम में वैध भर्ती पोर्टल या सोशल मीडिया पर नकली भर्ती निकालकर युवाओं को ठगा जाता है।
निवेश के नाम पर ठगी
निवेश के नाम पर ठगी भी काफी प्रचलित है। निवेश घोWटाले में ठग पीड़ित की जल्दी पैसा कमाने की इच्छा का फायदा उठाते हैं और अलग-अलग योजनाओं का नाम देकर बेहतर रिटर्न देने का वादा करते हैं। कैश-आॅन-डिलीवरी घोटाले में ठग सीओडी आॅर्डर स्वीकार करने वाले नकली आॅनलाइन स्टोर स्थापित करते हैं। जब प्रोडक्ट भेजा जाता है तो यह नकली होता है। तकनीकी सहायता घोटाले में साइबर अपराधी पीड़ित के तकनीकी ज्ञान की कमी का फायदा उठाकर कंप्यूटर में वायरस होने की बात कहकर पहुंचते हैं और डाटा चोरी कर लेते हैं।
सतर्कता के लिए क्या करना चाहिए
साइबर सुरक्षा एजेंसी के मुताबिक जब भी ऐसा कोई फोन या ईमेल आए तो ध्यान दें कि सरकारी एजेंसियां कभी भी ऐसे प्लेटफार्म का उपयोग नहीं करती हैं। सरकारी जांच एजेंसी कभी भी फोन पर किसी जांच की कार्रवाई नहीं करती हैं। ऐसे फोन आने पर सबसे पहले संबंधित एजेंसी से सीधे संपर्क करके उनकी पहचान सत्यापित करें। घबराएं नहीं, क्योंकि जालसाज लोगों के डर का ही फायदा उठाते हैं। खुद को शांत रखें और व्यक्तिगत जानकारी साझा करने से बचें। दबाव में पैसे भेजने से बचें, क्योंकि कानूनी एजेंसियां तत्काल पैसे भेजने के लिए कभी भी दबाव नहीं डालती हैं।