Gyanvapi Masjid Case : मुस्लिम पक्ष ने शिवलिंग पर उठाए सवाल, अगली सुनवाई 30 मई को

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calendar26 May 2022 10:22 PM
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Gyanvapi Masjid Case :वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद मामले में मुस्लिम पक्ष ने शिवलिंग के अस्तित्व पर सवाल उठाए हैं। इस मामले में आज सिविल कोर्ट वाराणसी में हुई सुनवाई के दौरान दोनों ही पक्षों के अधिवक्ताओं ने अपना अपना पक्ष रखा। आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर ही सिविल कोर्ट वाराणसी में सुनवाई हुई। अब अगली सुनवाई 30 मई, सोमवार को होगी।

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ज्ञानवापी केस पर वाराणसी जिला कोर्ट में आज हुई सुनवाई के दौरान मुस्लिम पक्ष ने पहले अपनी दलीलें रखीं। मुस्लिम पक्ष की ओर से वकील अभय यादव ने बहस की। इससे पहले हरिशंकर जैन सहित सभी पक्षों के वकील कोर्ट रूम में पहुंच गए थे। दोनों पक्षों के वकील जज के सामने अपना-अपना पक्ष रखा। जिला जज की अदालत में बहस शाम 4 बजे तक चली। मामले में 7 रूल 11 को लेकर बहस हुई।

इस बीच मस्जिद समिति ने तर्क दिया कि ज्ञानवापी के अंदर शिवलिंग का अस्तित्व अभी तक सिद्ध नहीं हुआ है। मस्जिद समिति ने कहा कि ज्ञानवापी में शिवलिंग के होने की अफवाह से जनता में खलबली मची हुई है। इसकी अनुमति तब तक नहीं दी जानी चाहिए, जब तक कि अस्तित्व सिद्ध न हो जाए।

इस मामले में वाराणसी कोर्ट में मुस्लिम पक्ष के वकील अभय यादव ने दलील दी कि इस मामले में मेंटेनबिलिटी नहीं बनती। वहीं, मस्जिद कमेटी ने शिवलिंग होने के अस्तित्व पर ही सवाल खड़े किए। वाराणसी की जिला अदालत ने आज सभी पक्षों की दलील सुनी, जिसके बाद उन्होंने अगली सुनवाई सोमवार तक के लिए बढ़ा दी।

ज्ञानवापी केस में आज वाराणसी के सिविल कोर्ट में सुनवाई जारी है जहां हिंदू पक्ष की ओर से श्रृंगार गौरी को लेकर याचिका दायर की गई है, वहीं मुस्लिम पक्ष की ओर से यह मांग की जा रही की इस केस से जुड़ी सभी याचिकाओं को रद्द किया जाए। क्योंकि यह 1991 पूजा स्थल कानून यानी Places of Worship Act 1991 का उल्लंघन करता है। आज सिविल कोर्ट इसी मामले को लेकर अपना फैसला सुना सकती है कि क्या इस केस पर Places of Worship Act लागू होगा या नहीं।

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Eight years of Modi पीएम मोदी के आठ साल बदलाव की कहानी बयां रही ये योजनाएं

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calendar26 May 2022 07:56 PM
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Eight years of Modi : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को देश की सत्ता में बने हुए आठ साल हो गए हैं। उन्होंने पहली बार 26 मई 2014 को प्रधानमंत्री के रूप में पदभार ग्रहण किया था। तब से अब तक पीएम मोदी के कार्यकाल में औसतन हर साल चार से अधिक बड़ी योजनाओं की शुरुआत की गई है, जिन्होंने सुर्खियां बटोरी हैं। इनमें कुछ योजनाएं ऐसी भी रही हैं जो आज घर-घर तक पहुंच कर आम आदमी के जीवन को बदल रही हैं, तो कई योजनाएं भारत के विकास की नई कहानी लिख रही हैं।

Eight years of Modi

पीएम मोदी के कार्यकाल के 8 साल पूरे होने पर जानते हैं कि पीएम मोदी के कार्यकाल में कौन-कौन शुरू की गईं महत्वपूर्ण कल्याणकारी योजनाएं कौन सी हैं और इनका जनता के जीवन को बदलने और भारत की प्रगति में क्या योगदान रहा है।

जनधन योजना पीएम मोदी के कार्यकाल में जो पहली प्रमुख योजना शुरू की गई थी वो योजना थी जनधन योजना। इस योजना में देश के हर परिवार को बैंकिंग सिस्टम से जोड़ने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने 15 अगस्त 2014 को जनधन योजना की शुरुआत की थी। सरकार इस योजना को जमीनी स्तर पर लागू करने में पूरी तरह से सफल रही है। अभी तक जनधन योजना के तहत देश में 45 करोड़ से अधिक बैंक खाते खोले जा चुके हैं। पुरुषों के मुकाबले महिलाओं के नाम पर ज्यादा जनधन खाते खुले हैं। कोरोना संकट के दौरान महिलाओं के इन्हीं बैंक खातों में सहायत राशि पहुंचाई गईं। इसके अलावा लोगों को हर तरह की सब्सिडी का लाभ इसी अकाउंट के जरिये मिल रहा है।

स्वच्छ भारत मिशन वर्ष 2014 में ही प्रधानमंत्री मोदी ने एक और अहम योजना की घोषणा लाल किले से की थी। ये योजना थी स्वच्छ भारत मिशन योजना। स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत ग्रामीण और शहरी इलाकों में स्वच्छता को बढ़ावा देने के लिए शौचालयों का निशुल्क निर्माण किया जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महात्मा गांधी की जयंती के अवसर पर 2 अक्टूबर 2014 को स्वच्छ भारत मिशन के तहत देशभर में 'एक स्वच्छ भारत' राष्ट्रीय आंदोलन की शुरुआत की थी। गांवों-गांवों में इस योजना का लाभ लोगों को मिल रहा है। इस योजना की शुरुआत पर पीएम मोदी ने कहा था कि गांधीजी ने देश को गुलामी से मुक्त कराया, लेकिन 'स्वच्छ भारत' का उनका सपना पूरा नहीं हुआ। सरकार का दावा है कि इस मिशन के तहत 2014 से लेकर अब तक देशभर में 15 करोड़ से ज्यादा शौचालय बनवाए गए। दुनिया में अपनी तरह के इस सबसे बड़े अभियान के तहत 50 करोड़ परिवारों को लाभ हुआ और उनके जीवन-स्तर में सुधार आया। सरकार का दावा है कि आज देश के करीब एक लाख गांवों में लोग खुले में शौच करना बंद कर चुके हैं। सरकार ने 40 हजार से ज्यादा गांवों को उदीयमान श्रेणी में रखा है। ये वो गांव हैं, जो ओडीएफ होने के साथ-साथ सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट पर भी काम कर रहे हैं। 11 हजार 217 गांवों को उज्ज्वल श्रेणी में रखा गया है। ये वो गांव हैं, जिन्होंने ओडीएफ के साथ-साथ सॉलिड और लिक्विड वेस्ट मैनेजमेंट के लिए भी काम किया। 20 हजार 828 गांवों को उत्कृष्ट दर्जा दिया गया है। यहां की साफ-सफाई काफी सराहनीय है।

प्रधानमंत्री आवास योजना इस योजना का आगाज 25 जून 2015 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था। इस योजना के अंतर्गत लोगों को घर बनाने या खरीदने में मदद की जाती है। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत शहरी और ग्रामीण लोगों को घर दिए जाते हैं, जिनके पास कच्चे मकान हैं। इसमें लोगों को लोन पर सब्सिडी भी दी जाती है। वहीं, इस लोन को चुकाने के लिए योजना में 20 साल तक का समय मिलता है। इस योजना के तहत सरकार ने साल 2022 तक ग्रामीण इलाकों में 2 करोड़ मकान बनाने का लक्ष्य रखा है, इस योजना की शुरुआत 2015 में हुई थी। सरकार का दावा है कि इसके तहत अब तक 1.22 करोड़ लोगों को आवास आवंटित हो चुके हैं। योजना में अब तक कुल 8.31 लाख करोड़ का निवेश हो चुका है। शहरी इलाकों में कम आय वाले नौकरी-पेशा लोग भी इस योजना का लाभ उठाकर होम लोन ले रहे हैं।

प्रधानमंत्री मुद्रा योजना इस योजना को 8 अप्रेल 2015 में शुरू किया गया था। इसे प्रधानमंत्री मुद्रा योजना कहा जाता है। भारत सरकार के सूक्ष्म, लघु एवं माध्यम उद्यम मंत्रालय द्वारा इस योजना को छोटे व्यापारियों को उनका नया बिजनेस शुरू करने या पुराने विजनेस को बढ़ाने के लिए लायी गयी थी। इस योजना के तहत 10 लाख रुपये तक के ऋण बैंको द्वारा आसान शर्तो में दिए जाते हैं। प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत तीन प्रकार के लोन दिए जाते हैं। इसमें शिशु लोन, किशोर लोन और तरुण लोन शामिल हैं। आप अपनी जरूरत के मुताबिक इनमें से किसी भी प्रकार के लोन को ले सकते हैं। आपको बता दें कि इस स्कीम के तहत 50 हजार से लेकर 10 लाख रुपये तक का लोन दिया जाता है। हालांकि, लोन लेने के लिए आपको मुद्रा कार्ड की जरूरत होगी। इस कार्ड से आप अपने व्यवसाय से जुड़े जरूरी उपकरणों को खरीदने के लिए खर्चा कर सकते हैं। लाभ लेने के लिए पीएम मुद्रा योजना की आधिकारिक वेबसाइट पर विजिट करके आवेदन करना होगा।

प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना उज्ज्वला योजना को केंद्र सरकार अपनी सबसे बड़ी उपलब्धि मानती है। उज्ज्वला योजना के तहत गरीबी रेखा से नीचे जीवनयापन करने वाले परिवारों के लिए घरेलू रसोई गैस यानी LPG कनेक्शन मुफ्त में मुहैया कराती है। इस योजना की शुरुआत 1 मई 2016 को की गई थी। सरकार का दावा है कि 25 अप्रैल-2022 तक 9 करोड़ से अधिक कनेक्शन बांटे गए हैं। आपको बता दें कि बता दें इस के अंतर्गत केंद्र सरकार प्रत्येक कनेक्शन पर BPL तथा APL राशन कार्ड धारक परिवार की महिलाओ को 1600 रुपये की आर्थिक सहायता भी प्रदान कर रही है।

प्रधानमंत्री सौभाग्य योजना सौभाग्य योजना की शुरुआत 25 सितम्बर 2017 को पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जयंती पर की गई थी। इस योजना के तहत जिन लोगों का नाम सामाजिक-आर्थिक जनगणना में नहीं है, उन्हें बिजली का कनेक्शन सिर्फ 500 रुपये के शुल्क पर मिलता है। ऐसे लोग यह 500 रुपये भी दस आसान मासिक किस्तों में चुका सकते हैं। इस योजना का मुख्य फोकस बिहार, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, ओडिशा, झारखंड, जम्मू-कश्मीर, राजस्थान और पूर्वोत्तर राज्यों के गरीब लोगों को बिजली उपलब्ध कराना है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक इसके तहत 21 करोड़ 44 लाख से ज्यादा घरों तक बिजली का कनेक्शन पहुंचा। कई ऐसे गांव और घर में भी बिजली पहुंची, जहां आजादी के बाद से अब तक बिजली नहीं थी। अब देश में केवल 18 हजार 734 घर ही ऐसे बचे हैं, जिन्हें इस योजना के जरिए लाभ देना है।

आयुष्मान भारत योजना 23 सितंबर 2018 को शुरु की गई यह एक स्वास्थ्य बीमा योजना है। इसके तहत गरीब वर्ग के एक परिवार को पांच लाख रुपये तक का बीमा दिया जाता है। इसका मकसद है कि बीपीएल कार्ड धारक गरीबों को मुफ्त इलाज मिल सके। देशभर में ऐसे बीपीएल कार्ड धारक गरीब परिवारों की संख्या करीब 10 करोड़ है, जबकि 50 करोड़ लोग इसका फायदा उठा सकेंगे। आयुष्मान भारत योजना केंद्र सरकार का फ्लैगशिप कार्यक्रम है। पीएम मोदी ने इसके लॉन्च के मौके पर दावा किया कि 1300 गंभीर बीमारियों का इलाज सरकारी ही नहीं निजी अस्पताल में इस योजना के माध्यम से हो सकेगा।

किसान सम्मान निधि योजना लोकसभा चुनाव-2019 से ठीक पहले पीएम मोदी प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की शुरुआत की थी। पीएम मोदी की इस योजना की तारीफ देश के हर गांवों में होती है। इस योजना के तहत सरकार किसानों के बैंक खातों में हर साल 6000 रुपये जमा करती है। यह राशि 2000 रुपये की तीन बराबर किस्तों में किसानों के खातों में डाली जाती है। सरकार किसान परिवारों की आय बढ़ाने के लिए एक केंद्रीय क्षेत्र की योजना लागू कर रही है, जिसका नाम है "प्रधान मंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान)"। यह योजना 01.12.2018 से प्रभावी है। 2018। इस योजना को आधिकारिक तौर पर 24 फरवरी, 2019 को लॉन्च किया गया था।

प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना कोरोना संकट के दौरान प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना की शुरुआत की गई थी। 26 मार्च 2020 को इस योजना का ऐलान हुआ था। सरकार का मकसद है कि देश में कोई भी भूखा न रहे। सरकार का दावा है कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना का लाभ करीब 80 करोड़ लोगों को मिल रहा है। प्रत्येक नागरिक को इस योजना के माध्यम से 5 किलो से अधिक अनाज दिया जाता है। राशन कार्ड धारकों को इसका लाभ मिल रहा है। केंद्र सरकार द्वारा प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना को सितंबर-2022 तक बढ़ाने का ऐलान किया है।

जल जीवन मिशन मोदी सरकार का लक्ष्य 2024 तक घर-घर स्वच्छ पानी उपलब्ध कराना है। इस योजना को घर घर नल योजना के नाम से भी जाना जाता है। पहले इस योजना के अंतर्गत प्रत्येक घर तक स्वच्छ पानी उपलब्ध करवाने का लक्ष्य 2030 निर्धारित किया गया था। हर घर नल योजना को जल जीवन मिशन के नाम से भी जाना जाता है। इस योजना का लक्ष्य 55 लीटर प्रति व्यक्ति प्रतिदिन की दर से पीने योग्य जल उपलब्ध करवाना है। केंद्र सरकार द्वारा वर्ष 2022-23 में देश भर में 3.8 करोड़ परिवारों तक स्वच्छ पानी पहुंचाने का उद्देश्य हर घर नल योजना के अंतर्गत निर्धारित किया है। पिछले 2 वर्षों में इस योजना के माध्यम से 5.5 करोड़ घरों तक नल का जल पहुंचाया गया है। 2019 के बजट में वित्त मंत्री ने इसका एलान किया। दावा है कि इस मिशन के तहत अभी तक छह करोड़ घरों में नल के जरिए पानी की सप्लाई शुरू हो चुकी है। बुंदेलखंड और सूखा ग्रस्त इलाकों में योजना का काफी लोगों को लाभ मिला है। योजना के तहत 55 लीटर प्रति व्यक्ति प्रतिदिन की दर से पीने योग्य जल उपलब्ध कराया जा रहा है।

पीएम गति शक्ति परियोजना इस योजना को लेकर भारत सरकार ने बजट 2022-23 में कई बड़े एलान किए हैं। पीएम गति शक्ति परियोजना की मदद से देश के इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट के विकास को जोर देना है। यह प्रोजेक्ट 107 लाख करोड़ का है, जिसकी मदद से देश के इंफ्रास्ट्रक्चर को एक नया रूप दिया जाएगा। पीएम गति शक्ति योजना के अंतर्गत रेल और सड़क सहित कुल 16 मंत्रालयों को एक डिजिटल प्लेटफॉर्म पर लाया जाएगा। इन सभी मंत्रालयों को एक प्लेटफॉर्म पर लाकर बड़ी परियोजनाओं के लिए समन्वय स्थापित करना है। सभी विभागों का एक ही पोर्टल पर आने से उन्हें दूसरे विभागों की परियोजनाओं के बारे में पता चलेगा। इस योजना का उद्देश्य परियोजना में आने वाली विभागीय रुकावटों को दूर करना है, ताकि परियोजना के बनने में कोई देरी ना हो। इसी कड़ी में आइए जानते हैं पीएम गति शक्ति परियोजना को लेकर केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2022-23 को पेश करते हुए क्या बड़े एलान किए हैं? बजट पेश करते हुए निर्मला सीतरमण ने बताया है कि इस परियोजना के अंतर्गत अगले तीन सालों में 400 नई वंदे भारत ट्रेनें बनाई जाएंगी। वहीं 100 पीएम गति शक्ति कॉर्गो टर्मिनल को भी तैयार किया जाएगा।

स्टार्ट-अप इंडिया योजना 16 जनवरी, 2016 को देश के नागरिकों के बीच उद्यमशीलता की भावना को बढ़ावा देने और प्रोत्साहित करने के लिए केन्द्र सरकार द्वारा स्टार्टअप इंडिया योजना की शुरुआत की गयी है। इस योजना के अंतर्गत रोजगार व उद्योग के लिए फंडिंग सहायता, मार्गदर्शन और उद्योग भागीदारी के अवसर प्रदान करके भारत में स्टार्टअप को बढ़ावा देना है। स्टार्टअप इंडिया पहल शुरू करने का मतलब इसके माध्यम से बेरोजगारों के बीच रोजगार पैदा करना भी है। रजिस्ट्रेशन में सरकार द्वारा शामिल कदम स्टार्टअप्स के लिए अतिरिक्त लाभों के साथ सरकार की योजना पर भरोसा करना और उन्हें सुविधाजनक बनाना है। इसके परिणाम स्वरूप आज भारत में यूनिकॉर्न स्टार्टअप की संख्या भी बढ़कर 100 के पार पहुंच चुकी है।

यहाँ दी गई 12 कोर योजनाओं के अलावा पीएम मोदी के 18 वर्ष के कार्यकाल में और भी करीब 20 योजनाओं की समय-समय पर शुरुआत की गई है, जो कि भारत में बदलाव और विकास की एक नई कहानी लिख रही है। इन बीस योजनाओं का विवरण भी हमने ऊपर दिया है। इस तरह पिछले 8 साल में हर साल करीब 4 योजनाओं यानी 3 महीने में एक योजना की शुरुआत पीएम मोदी के कार्यकाल में की गई है।

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Thyagraj Stadium- शर्मनाक, IAS कुत्ते के साथ टहल सके, इसलिए बाहर निकाल दिए जाते थे एथलीट्स

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त्यागराज स्टेडियम दिल्ली
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calendar30 Nov 2025 10:39 PM
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दिल्ली: देश की राजधानी दिल्ली के त्यागराज स्टेडियम (Thyagraj Stadium Delhi) में ट्रेनिंग करने वाले एथलीट और कोच कुछ महीने से अपनी प्रेक्टिस को लेकर काफी परेशान है। इनकी परेशानी की वजह यह है कि इन्हें शाम को 7:00 बजे से पहले ट्रेनिंग खत्म करने के लिए कह दिया जाता था। इनका आरोप है कि इन्हें जल्दी ट्रेनिंग खत्म करने के लिए इसलिए कहा जाता था क्योंकि शाम 7:30 बजे के करीब दिल्ली के प्रमुख सचिव संजीव खिरवार (Sanjeev Khirwar) यहां अपने कुत्ते के साथ टहलने आते हैं। यह विवाद काफी बढ़ने के बाद अब दिल्ली के मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री ने इस मामले को अपने संज्ञान में लिया है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अब यह आदेश जारी किया है कि त्यागराज स्टेडियम (Thyagraj Stadium) में रात के 10:00 बजे तक खिलाड़ी प्रैक्टिस कर सकेंगे। दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) ने इस मसले पर ट्वीट के माध्यम से कहा है कि उन्हें खिलाड़ियों को हो रही असुविधा के बारे में जानकारी प्राप्त हुई है। इसके साथ ही उन्होंने ट्वीट के माध्यम से यह भी बताया है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Delhi CM Arvind Kejriwal) ने दिल्ली के सभी स्टेडियमों को खिलाड़ियों के लिए रात 10:00 बजे तक खुले रखने का आदेश दिया है।

स्टेडियम से जुड़ा हुआ पूरा मामला क्या है -

खबर सामने आई थी कि दिल्ली के एक कोच ने दावा किया है कि त्याग राज स्टेडियम में पहले एथलीट्स रात में 8:00 से 8:30 बजे तक प्रैक्टिस करते थे लेकिन अब उन्हें 7:00 बजे ग्राउंड खाले करने को कह दिया जाता है ताकि आईएएस अफसर वहां अपने कुत्तों को टहला सके। कोच का कहना है कि प्रैक्टिस जल्दी खत्म करने से उनकी ट्रेनिंग और प्रैक्टिस रूटीन में काफी मुश्किलें आ रही है।
Meerut-सहकारी बैंक पर मकान मालिक ने जड़ा ताला, आना पड़ा चेयरमैन को
वहीं आईएएस ऑफिसर संजीव खिरवार, जिनके ऊपर यह आरोप लगा है, उन्होंने इस आरोप को बिल्कुल गलत बताते हुए कहा है कि, वह कभी-कभी कुत्तों को टहलाने के लिए लेकर जाते जरूर है, लेकिन इससे एथलीट्स की प्रैक्टिस में कोई भी रूकावट नहीं आती है।