Himachal Pradesh 2022: कांग्रेस ने चुनाव जीता, लगा ‘बदले की राजनीति’ का आरोप

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Himachal Pradesh 2022
locationभारत
userचेतना मंच
calendar30 Nov 2025 01:41 PM
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Himachal Pradesh 2022 : शिमला। कांग्रेस को मतदाताओं से पुन: जोड़ने के मकसद से राहुल गांधी के नेतृत्व में जारी ‘भारत जोड़ो यात्रा’ भले ही हिमाचल प्रदेश से नहीं गुजरी हो, लेकिन राज्य के लोगों ने पार्टी पर भरोसा जताया और उसे विधानसभा चुनाव में बेहतरीन जीत दिलाई। लंबे समय तक चुनावों में लगातार हार झेलने वाली कांग्रेस ने इस महीने राज्य में फिर से जीत हासिल की।

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कांग्रेस ने हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव में 68 सीट में से 40 पर जीत हासिल की और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को सत्ता से बाहर कर दिया। भाजपा को मात्र 25 सीट पर जीत मिली। इस शानदार जीत के बावजूद कांग्रेस अगले चरण यानी सरकार के गठन के लिए कुछ हद तक संघर्ष करती प्रतीत हुई। राज्य के छह बार मुख्यमंत्री रहे दिवंगत वीरभद्र सिंह की पत्नी प्रतिभा सिंह ने मुख्यमंत्री पद के लिए अपनी दावेदारी पेश की, लेकिन कांग्रेस आला कमान ने उनके बजाय राज्य चुनाव प्रचार समिति के प्रमुख सुखविंदर सिंह सुक्खू को इस पद के लिए योग्य माना। सुक्खू पूर्ववर्ती शाही परिवार की तुलना में जमीनी पृष्ठभूमि से संबंध रखते हैं। राज्य में पहली बार उपमुख्यमंत्री पद किसी को सौंपा गया। मुकेश अग्निहोत्री को यह पद दिया गया। नया साल नजदीक आ रहा है, लेकिन दो सदस्यीय मंत्रिमंडल का अभी विस्तार नहीं किया गया है। राज्य मंत्रिमंडल में अधिकतम कुल 12 सदस्य हो सकते है। इस देरी के कारण इन अटकलों को बल मिल रहा है कि पार्टी को अपनी राज्य इकाई में दो मुख्य धड़ों के बीच संतुलन बनाने में दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। इस बीच, नयी सरकार ने एक अन्य मोर्चे पर तेजी दिखाई और पूर्ववर्ती सरकार के उठाए गए कई कदमों को वापस ले लिया। उसने हालिया महीनों में किए गए फैसलों की समीक्षा का निर्देश दिया, सेवा में विस्तार के बाद कार्यरत अधिकारियों को बर्खास्त कर दिया और परियोजनाओं पर फिलहाल रोक लगा दी। सरकार द्वारा स्वास्थ्य केंद्रों, स्कूलों एवं विद्युत विभाग कार्यालयों समेत करीब 600 केंद्रों को रद्द किए जाने पर सर्वाधिक विवाद हुआ। सुक्खू के नेतृत्व वाली सरकार ने दावा किया कि इनमें से कुछ केंद्र केवल दस्तावेजों पर दिख रहे थे और राज्य के बजट में उनमें से कई के लिए कोई प्रावधान ही नहीं था, लेकिन भाजपा ने इसे ‘‘बदले की राजनीति’’ करार दिया। इस साल के अंत में चुनाव से पहले राज्य एवं केंद्र में भाजपा सरकार ने हिमाचल प्रदेश में कई बड़ी परियोजनाएं शुरू कीं। ऊना में एक बड़े औषधीय उद्यान की आधारशिला रखी गई, बिलासपुर में एक अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान का उद्घाटन किया गया और ऊना जिले से एक वंदे मातरम ट्रेन को हरी झंडी दिखाई गई। तत्कालीन सरकार ने सरकारी कर्मचारियों का वेतन बढ़ाने की घोषणा की, जिससे राजकोष पर भारी दबाव पड़ा। नयी सरकार का दावा है कि उस पर करीब 75,000 करोड़ रुपये का कर्ज है। अनुबंध पर कार्यरत कर्मचारियों के लिए भाजपा सरकार ने पहले तीन साल के बजाय दो साल के बाद सेवाओं को नियमित करने की अनुमति दी, लेकिन वह पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) को फिर से लागू करने की मांग पर सहमत नहीं हुई। सरकारी कर्मचारियों ने पुरानी पेंशन योजना के लिए राज्यभर में प्रदर्शन किए, रैलियां कीं और राज्य विधान भवन का घेराव भी किया। इस बीच तत्कालीन मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने विधानसभा में कहा, ‘‘पेंशन चाहिए तो चुनाव लड़ लो।’’ इस बयान के कारण उनकी कड़ी आलोचना हुई। कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (आप) ने ओपीएस को चुनावी मुद्दा बनाया। पैकिंग सामग्री पर 18 प्रतिशत वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) और अन्य लागत में वृद्धि को लेकर सेब उगाने वाले किसानों ने भी सरकार का विरोध किया। वे भाजपा सरकार द्वारा फल पर ‘‘100 प्रतिशत’’ आयात शुल्क लगाने से इनकार किए जाने से भी नाराज थे। मंडी में जनवरी में जहरीली शराब पीने से सात लोगों की मौत हो गई और नौ लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया। जांच में पता चला कि इस अवैध शराब के लिए कच्चा माल राज्य के बाहर से मंगवाया गया था। इस मामले में 23 लोगों को गिरफ्तार किया गया। इस साल परीक्षा के प्रश्न पत्र लीक होने को लेकर भी हंगामा हुआ। कार्यालय सहायकों की भर्ती की परीक्षा का प्रश्न पत्र हाल में लीक होने के बाद सुक्खू के नेतृत्व वाली सरकार ने हिमाचल प्रदेश कर्मचारी चयन आयोग (एचपीएसएससी) के कामकाज को निलंबित कर दिया। शुरू में गिरफ्तार किए गए छह लोगों में आयोग का एक सदस्य भी शामिल था। इससे पहले, मई में भाजपा के कार्यकाल में कांस्टेबल की भर्ती परीक्षा का प्रश्न पत्र लीक होने के बाद 250 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया गया था। सीबीआई ने अब इस मामले को अपने हाथ में ले लिया है। सरकार द्वारा संचालित हिमाचल प्रदेश के एक विश्वविद्यालय का इस महीने प्रश्न पत्र लीक होने से परीक्षा कार्यक्रम गड़बड़ा गया।

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National News : महिलाओं, बच्चों की समस्याओं से निपटने के लिए महिला, बाल कल्याण मंत्रालय सक्रिय

Mahila
Ministry of Women and Child Welfare active to deal with the problems of women and children
locationभारत
userचेतना मंच
calendar29 Nov 2025 08:07 AM
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National News : नई दिल्ली। महिला एवं बाल कल्याण मंत्रालय ने इस साल अपनी विभिन्न योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन और उनकी निगरानी के लिए तीन महत्वपूर्ण श्रेणियों ‘सक्षम आंगनवाड़ी और पोषण 2.0’, ‘मिशन शक्ति’ और ‘मिशन वात्सल्य’ पर अपना पूरा-ध्यान केंद्रित किया।

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‘सक्षम आंगनवाड़ी और पोषण 2.0’ ने बच्चों, किशोरियों और गर्भवती तथा स्तनपान कराने वाली माताओं में पोषण का ख्याल रखा; शिशुओं के बचपन और बाद में उनकी शिक्षा का ध्यान रखा, वहीं ‘मिशन शक्ति’ ने उनकी सुरक्षा, रक्षा और महिला सशक्तिकरण पर ध्यान दिया। ‘मिशन वात्सल्य’ ने बच्चों की रक्षा/सुरक्षा और कल्याण को अपना लक्ष्य बनाया।

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पिछले साल मंत्रालय ने अपनी सभी महत्वपूर्ण योजनाओं को इन तीन विस्तृत और महत्वपूर्ण श्रेणियों में बांट दिया ताकि उनका बेहतर क्रियान्वयन हो सके। ‘मिशन सक्षम आंगनवाड़ी और पोषण 2.0’ के तहत मंत्रालय ने एक अगस्त को दिशा-निर्देश जारी किए जिसमें दो लाख आंगनवाड़ी केन्द्रों को मजबूत, आधुनिक बनाने और वहां पोषण तथा शिक्षा की गुणवत्ता के बेहतर करने को कहा गया। अभी तक, देश की आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को 11.22 लाख स्मार्ट फोन दिए गए हैं। इसके अलावा बच्चों के विकास पर लगातार नजर रखने के लिए राज्यों और संघ शासित प्रदेशों द्वारा 12.65 लाख विकास निगरानी मशीनें जैसे इंफेंटोमीटर, स्टेडियोमीटर, मां और शिशु के लिए वजन तोलने की मशीनें, बच्चों के वजन तोलने वाली मशीनें खरीदी गई हैं।महिलाओं और बच्चों में पोषण के स्तर पर लगातार और तत्काल नजर रखने के लिए आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के स्मार्टफोन में ‘पोषण ट्रैकर’ ऐप डाला गया है। आंकड़ों के अनुसार, 31 अक्टूबर तक इसके करीब 9.84 करोड़ लाभार्थी थे।

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साथ ही ‘पोषण ट्रैकर’ को आधार नंबर से जोड़ा गया है, ताकि सबका समुचित ख्याल रखा जा सके और आपूर्ति सेवा बेहतर बनायी जा सके। हालांकि, इसे लेकर सिविल अधिकार समूहों आदि ने चिंता भी जतायी थी कि जिनके (बच्चों) पास आधार कार्ड नहीं हैं, उनके पोषण को नजरअंदाज किए जाने का अंदेशा बना रहेगा। इसके बाद महिला एवं बाल कल्याण मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि पोषण योजनाओं का लाभ पाने के लिए बच्चे का आधार कार्ड अनिवार्य नहीं है और ऐसे में ‘पोषण ट्रैकर’ ऐप पर माता के आधार कार्ड की मदद से पंजीकरण कराया जा सकता है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि बच्चों, गर्भवती तथा स्तनपान कराने वाली माताओं में पोषण का स्तर बेहतर बनाने के लिए आंगनवाड़ी केन्द्र से उन्हें दिए जाने वाले राशन में सरकार आयुष के कुछ तत्व/सामग्री जोड़ने पर विचार कर रही है। अधिकारी ने बताया कि आयुष से जुड़ी यह परियोजना गुजरात और कर्नाटक में पायलट आधार पर चल रही है और वहां से अच्छा परिणाम भी मिल रहा है।

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एक अन्य अधिकारी ने बताया कि सरकार ने इस साल आपात स्थिति में मदद मुहैया कराने के लिए विभिन्न हेल्पलाइन नंबर जैसे 112, 181 और 1098 भी शुरू किए हैं। जहां पूरे देश में आपात स्थिति में व्यक्ति 112 पर कॉल कर सकता है, वहीं बच्चों से जुड़ी बातों के लिए टोलफ्री नंबर 1098 पर कॉल कर सकते हैं। ‘मिशन शक्ति’ के तहत दो योजनाओं ‘संबल और सामर्थ्य’ पर जोर दिया गया ताकि महिलाओं की रक्षा, सुरक्षा और महिला सशक्तिकरण किया जा सके। हिंसा से प्रभावित या जरूरतमंद महिलाओं की मदद करने वाले एकल केन्द्रों ने 30 सितंबर तक 88 लाख से ज्यादा महिलाओं की मदद की है। मंत्रालय ने बेंगलुरु स्थित निम्हांस के साथ मिलकर ‘स्त्री मनोरक्षा परियोजना’ भी शुरू की है जिसके तहत ‘वन स्टॉप सेंटर्स’ के लिए कर्मचारियों और काउंसिलर को मनो-सामाजिक प्रशिक्षण दिया जाता है। वहीं, 2012 में पैरामेडिकल छात्रा के साथ हुए सामूहिक बलात्कार कांड के बाद बनाये नए निर्भया फंड की 70 फीसदी राशि का उपयोग नवंबर तक किया जा चुका है। फंड को बनाये जाने के समय से लेकर 2021-22 तक उसमें 6,000 करोड़ रुपये से ज्यादा की राशि आयी जिसमें से 4,200 करोड़ रुपये का उपयोग हो चुका है। ‘मिशन वात्सल्य’ के तहत किशोर न्याय मॉडल संशोधन नियम, 2022 और गोद लेने संबंधी नियम, 2022 को सितंबर में अधिसूचित किया गया, जिसके तहत बच्चे की सुरक्षा, सशक्तिकरण और गोद लेने संबंधी आदेश जारी करने आदि का अधिकारी जिलास्तर पर जिला मजिस्ट्रेट को दिया गया। नये नियमों के कारण जिला अदालतों में गोद लेने की लंबित अर्जियों की संख्या बढ़ने पर मंत्रालय ने कहा कि नये नियम लागू होने के बाद से गोद लेने की लंबित अर्जियों में कमी आयी है।
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Bangalore News : सड़क हादसे में पीएम मोदी के भाई जख्मी, बेटे और बहू भी चोटिल

Modi brother
PM Modi's brother injured in road accident, son and daughter-in-law also injured
locationभारत
userचेतना मंच
calendar29 Nov 2025 04:18 PM
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मैसूर की एसपी सीमा लटकर ने अस्पताल का किया दौरा करने के बाद बताया कि मोदी परिवार के लोगों को हल्की चोटें आई हैं और फिलहाल इलाज जारी है। वह उस अस्पताल भी गईं, जहां इन लोगों को भर्ती कराया गया है। बैंगलूरू। पीएम मोदी के छोटे भाई प्रह्लाद मोदी मंगलवार की दोपहर बाद हुए एक सड़क हादसे में जख्मी हो गए। उनके साथ कार में सवार बेटे और बहू के भी घायल होने की खबर है। मीडिया में आई खबर के मुताबिक हादसा मंगलवार की दोपहर करीब पौने 2 बजे हुआ। बांदीपुर के रास्ते में प्रह्लाद मोदी की कार डिवाइडर से टकरा गई। सभी की हालत खतरे से बाहर बताई जा रही है।

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के छोटे भाई प्रह्लाद मोदी मंगलवार को सड़क दुर्घटना में घायल हो गए। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, यह हादसा कर्नाटक के मैसूर में उस वक्त हुआ, जब वह अपने परिवार के साथ जा रहे थे। कार में उनकी पत्नी, बेटा और बहू भी थे। बताया जा रहा है कि दुर्घटना में उनके बेटे और बहू को भी चोटें आई हैं। इन सभी को इलाज के लिए जेएसएस अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

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मीडिया में आ रही खबरों के मुताबिक, हादसा काडाकोला के निकट हुआ। बांदीपुर के रास्ते में प्रह्लाद मोदी की कार डिवाइडर से टकरा गई। सभी की हालत खतरे से बाहर बताई जा रही है। हादसे की जो तस्वीर सामने आई है उसमें देखा जा सकता है कि कार के अगले हिस्से के परखच्चे उड़ गए हैं।

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मैसूर की एसपी सीमा लटकर ने अस्पताल का किया दौरा करने के बाद बताया कि मोदी परिवार के लोगों को हल्की चोटें आई हैं और फिलहाल इलाज जारी है। वह उस अस्पताल भी गईं, जहां इन लोगों को भर्ती कराया गया है।